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    S-400 vs HQ-9: भारत का एयर डिफेंस सिस्टम पाकिस्तान से कितना मजबूत, जानें दोनों की विशेषताएं



    हैदराबाद 
    इनपुट:सोशल मीडिया 

    हैदराबाद:--- पुलवामा आतंकी हमले के जवाब में भारत ने 7 मई की सुबह-सुबह पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए. इस ऑपरेशन में सबसे खास बात यह रही कि पाकिस्तान का एयर डिफेंस सिस्टम (वायु रक्षा प्रणाली) पूरी तरह विफल हो गया. जिसमें बहुचर्चित चीनी निर्मित एचक्यू-9 मिसाइल रक्षा प्रणाली भी शामिल थी, जिससे ऐसे हमलों का पता लगाने और उन्हें रोकने की उम्मीद थी.
    वायु रक्षा प्रणाली क्या है?
    वायु रक्षा प्रणाली उपकरणों और रणनीतियों का एक नेटवर्क है जिसे किसी विशिष्ट क्षेत्र को हवाई खतरों, जैसे कि दुश्मन के विमान, मिसाइल और ड्रोन से बचाने के लिए डिजाइन किया गया है. इन प्रणालियों में आम तौर पर रडार, संचार नेटवर्क और आने वाले खतरों का पता लगाने, ट्रैक करने और रोकने या नष्ट करने के लिए विभिन्न हथियार प्रणालियां शामिल होती हैं.
    पाकिस्तान की वायु रक्षा प्रणाली की विफलता
    पाकिस्तान HQ-9 एयर डिफेंस सिस्टम की तैनाती के बावजूद, किसी भी भारतीय मिसाइल को रोका नहीं जा सका. HQ-9 एक चीनी लंबी दूरी का एयर डिफेंस सिस्टम है जो रूसी S-300 के समान है. माना जाता है कि यह आने वाले खतरों को ट्रैक करता है और उन्हें हवा में ही बेअसर कर देता है.
    हालांकि, किसी भी भारतीय मिसाइल को इंटरसेप्ट नहीं किया गया, जिससे पता चलता है कि या तो सिस्टम उन्हें पहचानने में विफल रहा या समय पर प्रतिक्रिया नहीं दे सका. इसने पाकिस्तान के रक्षा ढांचे की विश्वसनीयता और आयातित चीनी सैन्य तकनीक के प्रदर्शन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.
    भारत की वायु रक्षा प्रणाली
    एस-400 मिसाइल सिस्टम को भारतीय वायुसेना के बेड़े में सबसे ताकतवर हथियार माना जाता है. इसका एयर डिफेंस सिस्टम भारत में किसी भी संभावित हवाई हमले को नाकाम करने में सक्षम है. एस-400 मिसाइल सिस्टम को खास तौर पर चीन और पाकिस्तान को ध्यान में रखकर तैनात किया गया है. इसकी रेंज 40 से 400 किलोमीटर के बीच है.
    अक्टूबर 2018 में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा के दौरान भारत और रूस के बीच इस एस-400 मिसाइल तकनीक के लिए समझौता हुआ था. मौजूदा समय में इस मिसाइल तकनीक को दुनिया की सबसे ताकतवर डिफेंस सिस्टम माना जाता है.
    HQ-9 वायु रक्षा प्रणाली क्या है?
    HQ-9 एक मध्यम से लंबी दूरी की वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली है जिसे चीन में रक्षा कंपनी CPMIEC (चाइना प्रेसिजन मशीनरी इंपोर्ट- एक्सपोर्ट कॉरपोरेशन) द्वारा डिजाइन और निर्मित किया गया है. HQ-9 प्रणाली को विमान, क्रूज मिसाइलों, हवा से सतह पर मार करने वाली मिसाइलों और सामरिक बैलिस्टिक मिसाइलों को ट्रैक करने और नष्ट करने के लिए डिजाइन किया गया है.
    पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना की स्थापना की 60वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित सैन्य परेड के दौरान पहली बार इस प्रणाली का अनावरण जनता के सामने किया गया था. हांग क्यूआई 9 (HongQi 9) का विकास 1980 के दशक की शुरुआत में शुरू हुआ था, जो शुरू में यूएस पैट्रियट वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली पर आधारित था, जिसे चीन ने किसी अज्ञात तीसरे पक्ष के देश से प्राप्त किया था. पैट्रियट की तरह, हांग क्यूआई 9 एक 'ट्रैक-वाया-मिसाइल' (टीवीएम) टर्मिनल मार्गदर्शन प्रणाली का उपयोग करता है और मूल रूप से पैट्रियट-शैली के तिरछे-स्थिति वाले बॉक्स-आकार के कंटेनर लॉन्चर से लॉन्च करने के लिए डिजाइन किया गया था.
    HQ-9 का डिजाइन और विशेषताएं
    HQ-9 एक उन्नत दो-चरणीय वायु रक्षा मिसाइल प्राणाली है, जिसमें उन्नत मार्गदर्शन प्रणाली और मल्टी-टारगेट एंटी-जैमिंग क्षमताएं हैं. पहले चरण का व्यास 700 मिमी है, जबकि दूसरे चरण का व्यास 560 मिमी है.
    6.8 मीटर लंबी मिसाइल, जिसका वजन लगभग 2,000 किलोग्राम है, मैक 4.2 की अधिकतम गति से उड़ सकती है. मिसाइल 180 किलोग्राम उच्च विस्फोटक विखंडन (HE-FRAG) प्रकार के वारहेड को अधिकतम 200 किमी की सीमा और 30 किमी की ऊंचाई तक ले जा सकती है.
    वारहेड 35 मीटर प्रभावी रेंज के साथ एक निकटता फ्यूज से लैस है, जो तब सक्रिय होता है जब मिसाइल अपने लक्ष्य से 5 किमी दूर होती है. मिसाइल का एक्सपोज्ड थ्रस्ट वेक्टर कंट्रोल (TVC) इसे S-300V मिसाइलों से अलग बनाता है.
    S-400 vs HQ-9
    दोनों मिसाइल सिस्टम की तुलना से पता चलता है कि S-400, HQ-9 की तुलना में काफी बेहतर वायु रक्षा क्षमता प्रदान करता है.
    S-400 सिस्टम 600 किमी तक के लक्ष्यों का पता लगा सकता है और 400 किमी तक के लक्ष्यों को भेद सकता है, जबकि HQ-9B केवल 250 किमी तक के लक्ष्यों को भेद सकता है.
    HQ-9P वेरिएंट केवल 125 किमी की सीमा के भीतर लक्ष्यों को भेद सकता है. इसका मतलब है कि S-400, HQ-9 की तुलना में बहुत दूर के लक्ष्यों का पता लगा सकता है और उन्हें भेद सकता है.
    S-400 बनाम HQ-9/P
    दोनों एयर डिफेंस सिस्टम एक साथ 100 लक्ष्यों को ट्रैक कर सकते हैं. हालांकि, S-400 एक साथ 36 लक्ष्यों को भेद सकता है, जबकि HQ-9 एक बार में केवल 8-10 लक्ष्यों को भेद सकता है. इसलिए, S-400 बहु-अक्षीय हमलों (multi-axis attacks) का मुकाबला करने के लिए अधिक उपयुक्त है.
    पाकिस्तान की वायु रक्षा प्रणाली क्यों विफल रही?
    ऑपरेशन सिंदूर में भारत की मिसाइलों ने बहावलपुर में सटीक हमले किए, जिन्हें रोकने में पाकिस्तान की HQ-9 प्रणाली पूरी तरह विफल रही. इसके पीछे कई कारण हैं...
    तकनीकी कमियां: HQ-9 का रडार सिस्टम भारत के S-400 के मल्टी-AESA रडार जितना उन्नत नहीं है. यह ब्रह्मोस जैसी सुपरसोनिक मिसाइलों को ट्रैक तो कर सकता है, लेकिन उन्हें रोक नहीं पाता. 9 मार्च, 2022 को भारत की एक ब्रह्मोस मिसाइल गलती से पाकिस्तान के मियां चन्नू में गिर गई थी, जिसे HQ-9 ने ट्रैक तो किया, लेकिन उसे रोक नहीं सका.
    भारत की SEAD रणनीति
    भारत ने अपनी दुश्मन की हवाई सुरक्षा का दमन (SEAD) रणनीति के तहत सुखोई-30 MKI लड़ाकू विमानों, Kh-31P एंटी-रेडिएशन मिसाइल और स्वदेशी रुद्रम-1 मिसाइल का इस्तेमाल किया. ये मिसाइलें पाकिस्तान के रडार और वायु रक्षा प्रणालियों को नष्ट करने में सक्षम हैं.
    चीनी हथियारों की गुणवत्ता पर सवाल
    पाकिस्तान अपनी 95 प्रतिशत से ज्यादा सैन्य जरूरतों के लिए चीन पर निर्भर है. लेकिन चीनी हथियारों की गुणवत्ता पर अक्सर सवाल उठते रहते हैं. HQ-9 जैसी प्रणालियां सीमित युद्ध की स्थिति में भारत की उन्नत तकनीक का सामना नहीं कर सकतीं।

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