उत्तर प्रदेश बलिया/महाराष्ट्र
इनपुट: अमीत कुमार गुप्ता
बलिया, महाराष्ट्र :---महाराष्ट्र से हाल ही में एक ऐसी घटना सामने आई है, जिसने करोड़ों दिलों को छू लिया। यह कहानी सिर्फ़ प्यार की नहीं, बल्कि इंसानियत, सम्मान और रिश्तों की सच्ची समझ की भी मिसाल है।
93 वर्षीय एक बुजुर्ग अपने जीवन की साथी के लिए ज्वेलरी की दुकान पर पहुँचे। उनके हाथ में केवल ₹1200 थे, लेकिन दिल में अपार प्रेम और सम्मान भरा हुआ था। वह चाहते थे कि अपनी पत्नी के लिए एक छोटा-सा गहना ले सकें, जिससे उन्हें खुशी मिल सके।
जब दुकानदार ने इस प्यारे जोड़े को देखा — उम्र की ढलती शाम में भी एक-दूसरे के लिए झलकता सच्चा प्यार, मासूम मुस्कानें और गहरी भावनाएँ — तो उसका दिल पसीज गया। उसने बिना देर किए सिर्फ ₹20 लिए और एक खूबसूरत हार उन्हें गिफ्ट कर दिया।
उसने नम्रता से कहा,
"मेरे पास सब कुछ है... मुझे बस आप दोनों की दुआ चाहिए।"
इस छोटे से लेकिन गहरे जज़्बातों से भरे लम्हे ने साबित कर दिया कि प्यार न उम्र का मोहताज होता है, न पैसों का।
यह घटना हमें सिखाती है कि रिश्तों की असली चमक सोने-चाँदी में नहीं, बल्कि दिलों के जुड़ाव में होती है।
सलाम है उन बुजुर्गों को, जिन्होंने हमें सच्चा प्यार दिखाया, और उस दुकानदार को, जो इस दौड़ती दुनिया में अब भी इंसानियत की मिसाल बनकर खड़ा है।