उत्तर प्रदेश बलिया
इनपुट: हिमांशु शेखर
बलिया उत्तरप्रदेश:---“क्या आप जानते हैं? मोबाइल चार्जर बंद करने के बाद भी बिजली खर्च होती है जानिए क्यों?”
कई बार हम मोबाइल चार्ज करने के बाद चार्जर प्लग में ही छोड़ देते हैं। सोचते हैं अब तो मोबाइल डिस्कनेक्ट कर दिया, बिजली थोड़ी ही खर्च होगी! लेकिन असलियत इससे बिल्कुल अलग है।
मोबाइल चार्जर बंद करने के बाद भी बिजली क्यों खर्च होती है?
दरअसल, आपके मोबाइल चार्जर के अंदर ट्रांसफॉर्मर और सर्किट होते हैं, जो पावर सप्लाई से जुड़े रहते हैं। भले ही आपने फोन डिस्कनेक्ट कर दिया, लेकिन पावर सप्लाई चालू रहती है। इसी को कहा जाता है “वैंपायर लोड” या “फैंटम पावर”।
कितना नुकसान होता है?
1 चार्जर ➔ दिनभर में लगभग 0.1 यूनिट तक खपत कर सकता है। अब सोचिए अगर घर में 5-6 चार्जर ऐसे ही लगे रहते हैं महीने में 15-20 यूनिट तक का नुकसान। मतलब हर महीने ₹100-₹200 तक का फालतू बिल।
सिर्फ चार्जर ही नहीं…
टीवी का स्टैंडबाय मोड, सेट-टॉप बॉक्स, वाई-फाई राउटर, लैपटॉप चार्जर ये सब बंद करने के बाद भी बिजली खाते हैं। यही वजह है कि बिजली का बिल आपकी सोच से ज्यादा आता है।
कैसे बचाएं बिजली?
: चार्जर निकालें ➔ जब इस्तेमाल न हो।
: पावर स्ट्रिप या मल्टी प्लग इस्तेमाल करें ➔ एक बटन से सब बंद कर सकते हैं।
: 5 स्टार रेटिंग वाले उपकरण और स्मार्ट प्लग्स का इस्तेमाल करें।
छोटी-छोटी आदतें बड़ा फर्क लाती हैं। एक छोटा सा चार्जर भी साल भर में सैकड़ों रुपये का नुकसान कर सकता है। अगर आप सच में बिजली बचाना चाहते हैं तो सिर्फ लाइट बंद करना काफी नहीं, चार्जर भी निकालना जरूरी है।