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    एयर इंडिया फ्लाइट क्रैश जांच रिपोर्ट जारी, AI-171 हादसे की असली वजह पता चल गई, 15 पेज में क्या-क्या लिखा?

     

    गुजरात अहमदाबाद 
    इनपुट:सोशल मीडिया 

    गुजरात अहमदाबाद Air India AI171 Crash :--- गुजरात के अहमदाबाद में एयर इंडिया की फ्लाइट AI171 (VT-ANB) के क्रैश की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट जारी हो गई है। रिपोर्ट के मुताबिक, एयर इंडिया विमान हादसा फ्लाइट के टेकऑफ के कुछ सेकंड बाद ही दोनों इंजनों के अचानक बंद होने के कारण हुआ था। 12 जून 2025 को हुए अहमदाबाद विमान हादसे में 229 पैसेंजर, 10 क्रू मेंबर और 2 पायलट समेत कुल 241 लोग मारे गए थे। मरने वालों में गुजरात के पूर्व सीएम विजय रूपाणी भी शामिल थे।

    बता दें कि भारत सरकार के नागरिक उड्डयन मंत्रालय (Ministry of Civil Aviation) के तहत काम करने वाली संस्था विमान दुर्घटना अन्वेषण ब्यूरो (AAIB) ने 15 पेज की जांच रिपोर्ट अपनी वेबसाइट पर अपलोड की है। AAIB की यह रिपोर्ट शुरुआती निष्कर्ष है। अभी फाइनल रिपोर्ट आना बाकी है, जिसमें सभी तकनीकी पहलुओं और संभावित चूक की विस्तृत जांच होगी।

    *AAIB की रिपोर्ट में क्या सामने आया?*

    टेकऑफ के 2-3 सेकंड बाद इंजन में समस्या शुरू हुई।

    इंजन बंद होने पर RAT (Ram Air Turbine) ऑटोमेटिकली सक्रिय हो गई।

    दोनों इंजनों के थ्रस्ट लीवर आइडल पोजिशन पर चले गए।

    पायलटों ने दावा किया कि उन्होंने फ्यूल कट-ऑफ स्विच को नहीं छुआ।

    इंजन को दोबारा शुरू करने की कोशिश की गई, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।

    विमान टेकऑफ के मात्र 32 सेकंड के भीतर दुर्घटनाग्रस्त हो गया।

    दुर्घटना के बाद लिए गए फ्यूल सैंपल साफ पाए गए, यानी उसमें कोई मिलावट या खराबी नहीं थी।

    इस एयरक्राफ्ट में पहले से फ्यूल कॉक स्विच में खराबी का जोखिम पता था, लेकिन फ्लाइट से पहले उसकी उचित जांच नहीं की गई थी।

    *सिर्फ एक यात्री विश्वास रमेश कुमार बचे जिंदा*

    एयर इंडिया का यह विमान अहमदाबाद के मेघानी नगर के रिहायशी इलाके में अस्पताल के छात्रावास भवन की छत पर क्रैश हो गया था। विमान में कुल 242 लोग सवार थे, जिनमें से गुजरात रहने वाले विश्वास रमेश कुमार रहस्यमयी तरीके से जिंदा बच पाए थे। बता दें कि 12 जून 2025 की दोपहर डेढ़ बजे अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल इंटरनेशनल एयरपोर्ट से लंदन के गैटविक एयरपोर्ट के लिए उड़ान भरने के कुछ सेकंड बाद ही पायलट सुमित सभरवाल ने ATC को MAY DAY MAY DAY का आखिरी मैसेज भेजा था।

    *रिपोर्ट में क्या-क्या बिंदू शामिल किए गए*

    1. एयर इंडिया हादसे की प्रमुख जानकारी

    यह हादसा 12 जून 2025 को दोपहर 1 बजकर 39 मिनट (IST) पर अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरने के तुरंत बाद हुआ। विमान बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर था, जिसका पंजीकरण नंबर VT-ANB था। यह एयर इंडिया की अनुसूचित यात्री उड़ान थी, जो लंदन के गैटविक एयरपोर्ट के लिए रवाना हुई थी। विमान में कुल 242 लोग सवार थे, जिनमें 230 यात्री, 10 केबिन क्रू और 2 फ्लाइट क्रू (कप्तान व सह-पायलट) शामिल थे। दोनों पायलटों की इस हादसे में मृत्यु हो गई। यह दुर्घटना उड़ान के प्रारंभिक चढ़ाई चरण में हुई और इसका स्थान 23°03'17.8"N, 72°36'43.6"E दर्ज किया गया है।

     2.विमान से जुड़ी तकनीकी जानकारी

    हादसे का शिकार हुआ विमान बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर (सीरियल नंबर: 36279) था, जिसका निर्माण वर्ष 2013 में हुआ था। यह एयर इंडिया लिमिटेड के स्वामित्व में पंजीकृत था। विमान का पंजीकरण प्रमाणपत्र संख्या 4475/4 है, जबकि एयरवर्थीनेस प्रमाणपत्र (C of A) संख्या 6584 है, जो कि 22 मई 2025 को जारी हुए ARC के आधार पर 23 मई 2026 तक वैध है। विमान की कुल उड़ान अवधि 41,868 घंटे दर्ज की गई है। इसकी श्रेणी नॉर्मल (यात्री/डाक/सामान) के रूप में सूचीबद्ध है।

    विमान में दो GEnx-1B सीरीज के इंजन लगे थे। बाएं (LH) इंजन का निर्माण 20 मई 2012 को हुआ था, जिसका सीरियल नंबर 956174 और कुल घंटे/साइकल 27791:43 / 4298 हैं। दाएं (RH) इंजन का निर्माण 21 जनवरी 2013 को हुआ था, जिसका सीरियल नंबर 956235 और कुल घंटे/साइकल 33439:30 / 6202 दर्ज किए गए हैं।

    3. विमान के रखरखाव और तकनीकी स्थिति

    विमान VT-ANB पर आखिरी प्रमुख लाइन मेंटेनेंस जांच (L1-1 और L1-2) 38504:12 उड़ान घंटे और 7255 साइकिल पर की गई थी। अगली बड़ी जांच (D Check) दिसंबर 2025 में निर्धारित थी। बाएं (LH) इंजन (ESN956174) को 1 मई 2025 को, जबकि दाएं (RH) इंजन (ESN956235) को 26 मार्च 2025 को विमान में स्थापित किया गया था। 12 जून 2025 को हादसे के समय विमान पर चार कैटेगरी 'C' MEL (मिनिमम इक्विपमेंट लिस्ट) सक्रिय थीं, जो 9 जून 2025 को लागू की गई थीं और 19 जून 2025 तक वैध थीं। ये MELs निम्नलिखित सिस्टम से संबंधित थीं।

    इसके अलावा एक कैटेगरी 'A' MEL नाइट्रोजन जेनरेशन प्रदर्शन से जुड़ी थी, जिसकी वैधता 20 जून 2025 तक थी। अन्य कैटेगरी D MEL/NEF भी वैध समय-सीमा के भीतर थे और केबिन व कार्गो से संबंधित थे। विमान व इंजनों पर सभी एयरवर्थीनेस डायरेक्टिव्स (ADs) और अलर्ट सर्विस बुलेटिन्स (ASBs) का पालन किया गया था।

    FAA द्वारा जारी विशेष एयरवर्थीनेस सूचना बुलेटिन (SAIB NM-18-33) के अनुसार, फ्यूल कंट्रोल स्विच लॉकिंग फीचर को लेकर संभावित असंगति बताई गई थी। यह B737 मॉडल पर आधारित रिपोर्ट थी, लेकिन चूंकि VT-ANB में लगा फ्यूल स्विच (पार्ट नंबर 4TL837-3D) भी इसी डिज़ाइन पर आधारित है, इसलिए यह सलाह केवल सुझावात्मक (advisory) थी और अनिवार्य नहीं थी।

    एयर इंडिया के अनुसार, SAIB के तहत निरीक्षण नहीं कराए गए क्योंकि इसकी बाध्यता नहीं थी। मेंटेनेंस रिकॉर्ड से पता चला है कि थ्रॉटल कंट्रोल मॉड्यूल को 2019 और 2023 में बदला गया था, लेकिन इसका फ्यूल कंट्रोल स्विच से कोई सीधा संबंध नहीं था। वर्ष 2023 के बाद से VT-ANB पर इस सिस्टम से संबंधित कोई खराबी रिपोर्ट नहीं हुई है।

    4. विमान को हुआ नुकसान

    हादसे में एयर इंडिया का यह बोइंग 787-8 विमान पूरी तरह नष्ट हो गया। विमान की ज़मीन पर मौजूद इमारतों से टक्कर और उसके बाद लगी आग के कारण गंभीर नुकसान हुआ।
    जांच रिपोर्ट के अनुसार, कुल पांच इमारतों पर विमान की सीधी टक्कर हुई, जिससे उन्हें संरचनात्मक (structural) और अग्निकीय (fire) क्षति पहुंची। ये सभी इमारतें हादसे की जगह के आस-पास थीं और उनकी स्थिति रिपोर्ट में दर्ज की गई है।

    5. मलबा और टक्कर का विवरण

    टेकऑफ के कुछ ही समय बाद विमान बीजे मेडिकल कॉलेज हॉस्टल से टकरा गया, जो रनवे 23 के अंतिम छोर से लगभग 0.9 नॉटिकल मील (NM) की दूरी पर स्थित है। हादसे के दौरान इमरजेंसी लोकेटर ट्रांसमीटर (ELT) सक्रिय नहीं हुआ।

    विमान का मलबा लगभग 1000 फीट × 400 फीट के क्षेत्र में फैला पाया गया। पहले टक्कर बिंदु से लेकर विमान के आखिरी पहचाने गए हिस्से तक का क्षेत्र जांचकर्ताओं द्वारा चिन्हित किया गया है। मलबे वाली जगह पर मौजूद इमारतों को रिपोर्ट में A से F तक अक्षरों में लेबल किया गया है, जिससे पहचान आसान हो सके।

    उड़ान भरने के बाद विमान ने पहले आर्मी मेडिकल कॉर्प्स परिसर में स्थित कुछ पेड़ों और एक इन्सिनरेशन चिमनी को टच किया, जिसके बाद इसकी टक्कर Building A की उत्तर-पूर्वी दीवार से हुई। पेड़ से लेकर Building A की टक्कर बिंदु तक की दूरी 293 फीट थी। टक्कर के दौरान विमान का झुकाव लगभग 8 डिग्री नोज-अप था और पंख समानांतर (wings level) स्थिति में थे।

    टक्कर के बाद विमान टुकड़ों में बंटता गया और आगे की इमारतों व पेड़ों से टकराता रहा। टेल सेक्शन और दायां मेन लैंडिंग गियर (RH MLG) Building A की उत्तर-पूर्वी दीवार में धंसा मिला, जबकि वर्टिकल स्टेबलाइज़र मूल टकराव बिंदु से लगभग 200 फीट दक्षिण में मिला। दायां इंजन Building A की छत पर स्थित कंक्रीट वाटर टैंक से टकराया और वहीं 226 डिग्री हेडिंग पर रुक गया। दाहिने विंग के मिड और आउटबोर्ड सेक्शन क्रमशः 280 फीट और 520 फीट दक्षिण-पश्चिम में मिले।

    बायां लैंडिंग गियर (LH MLG) और बाएं विंग सेक्शन ने Building C को टक्कर मारी और अंतिम स्थिति 345 फीट दक्षिण में दर्ज हुई। बायां इंजन, विमान से अलग होकर Building D के उत्तरी कोने से टकराया और वहीं पर 326 डिग्री हेडिंग पर रुक गया। टक्कर से दीवार भीतर की ओर धंस गई और कंक्रीट कॉलम को नुकसान पहुंचा। नोज लैंडिंग गियर (NLG) की स्थिति Building A के शुरुआती टकराव बिंदु से 307 फीट दक्षिण-पश्चिम में मिली। फ्लाइट डेक और विंडशील्ड सपोर्ट लगभग 650 फीट दक्षिण-पश्चिम में मिले, जबकि सबसे दूर का मलबा लगभग 765 फीट दूर Building F के पास दर्ज किया गया।

    टक्कर के बाद विमान के फ्यूसलेज के हिस्से जलते हुए Buildings C, D, E और F की दीवारों से टकराए।
    APU (एंटीलीयरी पावर यूनिट) क्षतिग्रस्त नहीं हुई और अपने कंपार्टमेंट में सुरक्षित पाई गई। फ्लैप हैंडल 5 डिग्री स्थिति में था, जो सामान्य टेकऑफ सेटिंग से मेल खाता है। लैंडिंग गियर लीवर "डाउन" पोजीशन में मिला।

    थ्रस्ट लीवर क्वाड्रंट, फ्लैप कंट्रोल, TO/GA और ऑटोथ्रॉटल वायरिंग अग्नि से बुरी तरह प्रभावित पाए गए। दोनों फ्यूल कंट्रोल स्विच "RUN" पोजीशन में और रिवर्सर लीवर "स्टोव्ड" पोजीशन में पाए गए। हालांकि थ्रस्ट लीवर इम्पैक्ट के समय तक टेकऑफ पोजीशन में थे, लेकिन आग के चलते मलबे में वे पीछे की ओर (idle) दिखाई दिए।

    6. फ्लाइट रिकॉर्डर से जुड़ी जानकारी

    विमान में दो एन्हांस्ड एयरबोर्न फ्लाइट रिकॉर्डर (EAFR) लगे थे, जिनका पार्ट नंबर 866-0084-102 है। एक EAFR विमान के टेल सेक्शन (STA 1847) में स्थित था, जबकि दूसरा फॉरवर्ड सेक्शन (STA 335) में लगाया गया था। दोनों रिकॉर्डर एक जैसे डिजाइन के हैं और ये एक ही डिवाइस पर डिजिटल फ्लाइट डेटा और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डिंग (CVR) दोनों को स्टोर करते हैं।

    जहां पिछला (aft) EAFR विमान की मुख्य विद्युत प्रणाली से संचालित होता है, वहीं आगे का (forward) EAFR एक अतिरिक्त Recorder Independent Power Supply (RIPS) से भी जुड़ा होता है। यह बैकअप सिस्टम किसी पावर लॉस की स्थिति में भी रिकॉर्डिंग जारी रखने की क्षमता देता है - जिसमें Cockpit Area Microphone (CAM) से आवाज और फ्लाइट डेटा दोनों शामिल होते हैं।

    7. फ्लाइट रिकॉर्डर रिकवरी और डाटा एनालिसिस

    एयर इंडिया के इस विमान में दो Enhanced Airborne Flight Recorders (EAFR) लगे थे, जिनका पार्ट नंबर 866-0084-102 था। एक रिकॉर्डर टेल सेक्शन (STA 1847) में, जबकि दूसरा फॉरवर्ड सेक्शन (STA 335) में स्थित था।

    दोनों रिकॉर्डर एक ही डिवाइस पर डिजिटल फ्लाइट डेटा और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डिंग (CVR) स्टोर करते हैं।

    जहां पिछला रिकॉर्डर (Aft EAFR) विमान की मुख्य बिजली प्रणाली से जुड़ा होता है, वहीं आगे वाला रिकॉर्डर (Forward EAFR) में RIPS (Recorder Independent Power Supply) सिस्टम होता है, जिससे पावर फेल होने की स्थिति में भी रिकॉर्डिंग जारी रह सके।

    8. रिकवरी और विश्लेषण

    13 जून 2025 को Aft EAFR Building A की छत पर पाया गया। इसमें थर्मल और इम्पैक्ट डैमेज था, कनेक्टर जले हुए थे और वायर बाहर निकले हुए थे। Forward EAFR को 16 जून 2025 को Building F के पास मलबे में पाया गया। यह झुलसा हुआ था लेकिन उपकरण शेल्फ से जुड़ा हुआ था और इसकी ULB और लिथियम बैटरी बरकरार थीं। दोनों रिकॉर्डर 24 जून 2025 को अहमदाबाद से AAIB, नई दिल्ली भेजे गए।

    9. डाटा डाउनलोड प्रक्रिया

    डाटा निकालने के लिए DGCA और अन्य एजेंसियों से 'Golden Chassis' और संबंधित डाउनलोड केबल्स मंगवाए गए। ये उपकरण 23 जून 2025 को NTSB, USA से प्राप्त हुए।

    24 जून को AAIB लैब में Forward EAFR से डाटा सफलतापूर्वक डाउनलोड किया गया। इसमें करीब 49 घंटे की उड़ान जानकारी और 6 फ्लाइट्स के डाटा थे, जिनमें हादसे वाली उड़ान भी शामिल है। रिकॉर्डेड ऑडियो की अवधि दो घंटे रही, जिसमें घटना के पल भी रिकॉर्ड थे। प्रारंभिक विश्लेषण किया गया है।

    Aft EAFR इतनी बुरी तरह से क्षतिग्रस्त था कि उससे पारंपरिक तरीके से डाटा नहीं निकाला जा सका। CPM खोलकर मेमोरी कार्ड की जांच की गई लेकिन डैमेज बहुत ज्यादा था।

    10. हादसे वाली उड़ान का क्रमवार विवरण

    12 जून 2025 को एयर इंडिया की फ्लाइट AI171 (Boeing 787-8, रजिस्ट्रेशन: VT-ANB) अहमदाबाद से लंदन गैटविक के लिए रवाना होने वाली थी। यह विमान उसी सुबह दिल्ली से AI423 फ्लाइट के रूप में पहुंचा था और 11:17 IST पर अहमदाबाद में लैंड हुआ।
    AI423 की फ्लाइट के बाद तकनीकी लॉग में "STAB POS XDCR" मैसेज दर्ज किया गया, जिसे FIM के अनुसार एयर इंडिया के AME द्वारा ठीक कर दिया गया और विमान को 06:40 UTC पर रिलीज कर दिया गया।

    11. फ्लाइट क्रू और यात्री विवरण

    कप्तान (ATPL) और सह-पायलट (CPL) - दोनों मुंबई बेस से
    10 केबिन क्रू, 230 यात्री (15 बिजनेस, 215 इकॉनमी, जिनमें 2 शिशु शामिल)
    फ्यूल ऑन बोर्ड: 54,200 किलोग्राम
    टेकऑफ वज़न: 2,13,401 किलोग्राम (अनुमेय सीमा 2,18,183 किग्रा के भीतर)

    12. उड़ान की टाइमलाइन

    07:48:38 UTC: विमान बे 34 से बाहर निकला
    08:07:37 UTC: टेकऑफ रोल शुरू हुआ
    08:08:39 UTC: लिफ्ट-ऑफ (विमान ज़मीन से ऊपर उठा)
    अधिकतम रफ्तार: 180 नॉट्स IAS (08:08:42 UTC)

    13. इंजन फेल्योर और सिस्टम प्रतिक्रिया

    लिफ्ट-ऑफ के ठीक बाद दोनों इंजन के फ्यूल कटऑफ स्विच एक-एक सेकंड के अंतर से RUN से CUTOFF में ट्रांजिशन कर गए। पायलटों के बीच संवाद में एक ने पूछा, "तुमने कटऑफ क्यों किया?" जवाब मिला, "मैंने नहीं किया।" Ram Air Turbine (RAT) तुरंत तैनात हो गया। विमान ने ऊंचाई खोना शुरू कर दिया और रनवे की परिधि दीवार के पार नहीं जा सका।

    14. इंजन रीलाइट प्रयास

    08:08:52 से 08:08:56 UTC के बीच दोनों इंजन दोबारा RUN पोजिशन में लाए गए। Engine 1 में आंशिक रिकवरी के संकेत मिले। Engine 2 बार-बार ईंधन का पुनः प्रवाह कर रहा था लेकिन स्थिर नहीं हो पाया। 08:09:05 UTC: एक पायलट द्वारा "MAYDAY MAYDAY MAYDAY" कॉल प्रसारित। 08:09:11 UTC: EAFR रिकॉर्डिंग बंद हुई। ATC को कोई जवाब नहीं मिला, लेकिन विमान को एयरपोर्ट बाउंड्री के बाहर गिरते देखा गया।

    15. राहत और बचाव

    08:14:44 UTC पर Crash Fire Tender ने रनवे छोड़ा। स्थानीय प्रशासन की फायर एंड रेस्क्यू यूनिट ने साथ मिलकर बचाव कार्य शुरू किया।

    16. जांच की प्रगति (Progress of Investigation)

    एयर इंडिया फ्लाइट AI171 हादसे की जांच विभिन्न चरणों में जारी है। अब तक की प्रगति के प्रमुख बिंदु इस प्रकार हैं।

    क्रैश साइट की ड्रोन फोटोग्राफी/वीडियोग्राफी पूरी की जा चुकी है। मलबा हटाकर एयरपोर्ट के पास एक सुरक्षित जगह पर स्थानांतरित किया गया है। दोनों इंजन बरामद कर लिए गए हैं और एयरपोर्ट स्थित हैंगर में क्वारंटीन किए गए हैं।

    कई महत्वपूर्ण पुर्जों की पहचान कर उन्हें भी आगे की जांच के लिए अलग किया गया है। फॉरवर्ड EAFR से प्राप्त डेटा का विस्तृत विश्लेषण किया जा रहा है। DGCA की लैब में विमान में डाले गए ईंधन के बोउज़र और टैंक से लिए गए सैंपल की जांच की गई, जो संतोषजनक पाई गई।

    APU फिल्टर और बाएं पंख के रिफ्यूल/जेटिसन वाल्व से सीमित मात्रा में बचे ईंधन के नमूने लिए गए हैं, जिनकी टेस्टिंग किसी विशेष लैब में की जाएगी। गवाहों और बचे हुए यात्री के बयान दर्ज कर लिए गए हैं। क्रू और यात्रियों के पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट्स का विश्लेषण चल रहा है, ताकि एयरोमेडिकल तथ्यों को इंजीनियरिंग एंगल से जोड़ा जा सके। प्रारंभिक सूचनाओं के आधार पर अतिरिक्त दस्तावेज़ व तथ्य जुटाए जा रहे हैं।

    फिलहाल इस चरण तक, B787-8 विमान या GE GEnx-1B इंजन ऑपरेटरों/निर्माताओं के लिए कोई विशेष सिफारिश नहीं की गई है।


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