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    "एक मौका... और इतिहास रच दिया – आकाशदीप की सुनहरी दस्तक टेस्ट क्रिकेट में"



    उत्तर प्रदेश बलिया 
    इनपुट: खेल समाचार 
    खेल समाचार:---कभी-कभी किस्मत दरवाज़ा खटखटाती नहीं, सीधा उसे तोड़कर अंदर आती है — और ऐसा ही कुछ हुआ एजबेस्टन टेस्ट में, जब जसप्रीत बुमराह के आराम लेने के फैसले ने आकाशदीप के लिए टीम इंडिया के दरवाज़े खोल दिए। शायद ही किसी ने सोचा होगा कि बुमराह की अनुपस्थिति में शामिल हुआ यह युवा तेज़ गेंदबाज़ मैच का नायक बन जाएगा।

    आकाशदीप ने साबित कर दिया कि अगर इरादा मजबूत हो और जुनून सच्चा हो, तो एक ही मौका किसी के करियर की दिशा बदल सकता है। जहां ज़्यादातर खिलाड़ी मौके के इंतज़ार में ही करियर गुज़ार देते हैं, वहीं आकाशदीप ने मौके को ऐसा भुनाया कि अब उन्हें नजरअंदाज़ करना नामुमकिन हो गया है।

    करुण नायर जैसे खिलाड़ियों को आकाशदीप से सीख लेनी चाहिए — कैसे जब मौका मिले, तो उसे इस अंदाज़ में भुनाओ कि अगली बार चयनकर्ता तुम्हें दरकिनार करने से पहले सौ बार सोचें।

    भारतीय टीम लंबे समय से एक ऐसे तेज़ गेंदबाज़ की तलाश में थी जो बुमराह और सिराज जैसे दिग्गजों का बोझ हल्का कर सके। मोहम्मद शमी और उमेश यादव की गैरमौजूदगी में यह ज़िम्मेदारी पूरी तरह सिराज और बुमराह पर आ गई थी। दोनों मेहनत करते रहे, मगर अक्सर यह महसूस होता था कि तीसरे पेसर की कमी रह जाती है। अब कहानी बदल चुकी है। अब टीम इंडिया सिर्फ बुमराह पर निर्भर नहीं रही — अब उसके पास आकाशदीप जैसा हथियार है जो अकेले ही विरोधी टीम को ध्वस्त करने की काबिलियत रखता है।

    एजबेस्टन टेस्ट इसका जीता-जागता उदाहरण बन गया है। इंग्लैंड की पहली पारी में सिराज ने 6 विकेट झटके, वहीं आकाशदीप ने भी 4 विकेट चटकाकर पहली बार में ही गहरी छाप छोड़ी। वह पहली पारी में पंजा लेने से ज़रूर चूक गए, लेकिन दूसरी पारी में उन्होंने वो कर दिखाया जो बड़े-बड़े नाम नहीं कर पाए — टेस्ट के आखिरी दिन इंग्लैंड के खिलाफ 5 विकेट लेकर उन्होंने टीम इंडिया को जीत की दहलीज़ पर खड़ा कर दिया।

    आकाशदीप की गेंदबाज़ी के सामने इंग्लैंड के दिग्गज बल्लेबाज़ भी बेबस नज़र आए। एक के बाद एक विकेट गिरते गए और पूरा एजबेस्टन मैदान भारतीय तेज़ गेंदबाज़ी की गूंज से गूंज उठा।

    इस मुकाबले में अगर शुभमन गिल के दोनों पारियों में लाजवाब प्रदर्शन की चर्चा होगी, तो उतनी ही ज़ोरदार चर्चा आकाशदीप की दोनों पारियों की घातक गेंदबाज़ी की भी होगी। यह सिर्फ एक जीत नहीं थी, यह एक तेज गेंदबाज़ के जन्म की घोषणा थी — एक ऐसा सितारा जो आने वाले वर्षों में भारतीय टेस्ट क्रिकेट की रीढ़ बनेगा।

    अब जब कभी तेज़ गेंदबाज़ी की बात होगी, तो सिराज और बुमराह के साथ एक और नाम ज़रूर लिया जाएगा — आकाशदीप।

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