खेल समाचार
इनपुट: खेल जगत
खेल समाचार:---ऐसा लगता है जैसे शुभमन गिल की बल्लेबाज़ी, कप्तानी की तलाश में दम साधे बैठी थी — और जैसे ही उन्हें कमान सौंपी गई, उनकी बल्लेबाज़ी में मानो नई जान आ गई। जैसे कोई बाइक रिज़र्व में होते हुए भी एक्सीलेटर पर ज़ोर देने से रफ्तार पकड़ लेती है, ठीक वैसे ही गिल की बल्लेबाज़ी कप्तानी मिलते ही रुकने का नाम नहीं ले रही। इंग्लैंड के खिलाफ दो टेस्ट मैचों में तीन शतक ठोक कर उन्होंने यह साफ कर दिया कि उनका बल्ला अब सिर्फ रन नहीं, बल्कि इतिहास लिखने को तैयार है।
एजबेस्टन टेस्ट के दूसरे मैच की दूसरी पारी में जब शुभमन गिल बल्लेबाज़ी करने उतरे, तो उनके इरादे भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट के तमाम रिकॉर्ड अपने नाम करने के दिख रहे थे। शतक पूरा करते ही उन्होंने कई रिकॉर्ड्स को एक साथ ध्वस्त कर दिया और एक नई इबारत लिख दी। जैसे ही वह तीन अंकों के आंकड़े तक पहुंचे, डगआउट में बैठे कप्तान जसप्रीत बुमराह, कुलदीप यादव और बाकी टीम के सदस्यों ने खड़े होकर तालियों से उनका स्वागत किया — यह पल भारतीय क्रिकेट के लिए गर्व का क्षण था।
इस मैच में शुभमन गिल ने एक कप्तान और बल्लेबाज़ के रूप में सबसे अधिक रन बनाते हुए एक अनोखा कीर्तिमान रच डाला। साथ ही, उन्होंने एक ही टेस्ट में दोहरा शतक और शतक जड़ कर उस उपलब्धि की बराबरी की, जिसे अब तक सिर्फ सुनील गावस्कर ही हासिल कर पाए थे। यह केवल आंकड़ों का खेल नहीं था, यह उस ज़िम्मेदारी का असर था जिसे गिल ने बखूबी निभाया।
गिल की बल्लेबाज़ी में अब एक अलग परिपक्वता और नेतृत्व की झलक दिखने लगी है। जिस प्रकार से वह ज़िम्मेदारी संभालते हुए खेल रहे हैं, उसे देखकर यह भरोसा और भी गहरा हो जाता है कि शुभमन गिल टेस्ट क्रिकेट में टीम इंडिया के भविष्य की मजबूत नींव बनेंगे।
एजबेस्टन टेस्ट हमेशा याद रखा जाएगा — शुभमन गिल की ऐतिहासिक पारी के लिए।