उत्तर प्रदेश लखनऊ
इनपुट: रमाशंकर गुप्ता
उत्तर प्रदेश लखनऊ:-- कोर्ट ने सरकार के फैसले को सही ठहराया। कहा कि यह फैसला बच्चों के हित में है। ऐसे मामलों में नीतिगत फैसले को चुनौती नहीं दी जा सकती, जब तक कि वह असंवैधानिक या दुर्भावनापूर्ण न हो।
दरअसल, बेसिक शिक्षा विभाग ने 16 जून, 2025 को एक आदेश जारी किया था। इसमें यूपी के हजारों स्कूलों को बच्चों की संख्या के आधार पर नजदीकी उच्च प्राथमिक या कंपोजिट स्कूलों में मर्ज करने का निर्देश दिया था। सरकार ने तर्क दिया था कि इससे शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार और संसाधनों का बेहतर उपयोग संभव होगा।
- इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने यूपी सरकार की स्कूल मर्जर नीति को वैध ठहराते हुए बड़ा फैसला सुनाया है।
- सीतापुर के 51 छात्रों द्वारा दायर याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया है,
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-सरकार के पक्ष में फैसला देते हुए 5,000 स्कूलों के मर्जर को हरी झंडी मिल गई है।
-याचिकाकर्ता छात्रों ने स्कूल मर्जर नीति को चुनौती दी थी,
लेकिन कोर्ट ने कहा, सरकार की मंशा सही है, नीति में कोई दोष नहीं।
*अब उत्तर प्रदेश में 5,000 प्राइमरी और जूनियर स्कूलों का होगा विलय...*