उत्तर प्रदेश बलिया
इनपुट: हिमांशु शेखर
बलिया उत्तरप्रदेश:--सतावर (शतावरी) की जड़ का उपयोग मुख्य रूप से ग्लैक्टागोज के लिए किया जाता है जो स्तन दुग्ध के स्राव को उत्तेजित करता है। इसका उपयोग शरीर से कम होते वजन में सुधार के लिए किया जाता है तथा इसे कामोत्तेजक के रूप में भी जाना जाता है। इसकी जड़ का उपयोग दस्त, क्षय रोग (ट्यूबरक्लोसिस) तथा मधुमेह के उपचार में भी किया जाता है। सामान्य तौर पर इसे स्वस्थ रहने तथा रोगों के प्रतिरक्षण के लिए उपयोग में लाया जाता है। इसे कमजोर शरीर प्रणाली में एक बेहतर शक्ति प्रदान करने वाला पाया गया है।
शतावरी बुद्धि बल एवं वीर्य के लिए उत्तम औषधि है। यह रक्त विकार एवं वात पित्त शोध नाशक और हृदय को बल देने वाली महाऔषधि है। सिद्धिदात्री का जो मनुष्य नियमपूर्वक सेवन करता है। उसके सभी कष्ट स्वयं ही दूर हो जाते हैं। इससे पीड़ित व्यक्ति को सिद्धिदात्री देवी की आराधना करना चाहिए।
इस प्रकार प्रत्येक देवी आयुर्वेद की भाषा में मार्कण्डेय पुराण के अनुसार नौ औषधि के रूप में मनुष्य की प्रत्येक बीमारी को ठीक कर रक्त का संचालन उचित एवं साफ कर मनुष्य को स्वस्थ करती है। अत: मनुष्य को इनकी आराधना एवं सेवन करना चाहिए।
शतावरी एक औषधीय पौधे का नाम जो लिली परिवार का सदस्य है। इस पौधे को औषधीय नाम इसलिए दिया गया है क्योंकि यह जड़ से लेकर अपने शीर्ष तक बहुत ही पोषक गुणों से भरा हुआ है। यह हरे रंग का खाद्य पदार्थ है जिसे सुपर फूड (Superfood) की श्रेणी में रखा जाता है।
शतावरी बहुत से पोषक तत्वों से भरपूर होती है। उन्हीं पोषक तत्वों में से एक ग्लूटाथियोन (glutathione) है जो शतावरी में अच्छी मात्रा में होता है। यह डिटोक्सिफाइंग (detoxifying) यौगिक होता है जो कैंसर के बैक्टीरिया को मार सकता है। ग्लूटाथियोन हमारी प्रतिरक्षा शक्ति (Immunity power) को बढ़ाने का काम करता है।
आहार फोलेट अच्छी मात्रा में मौजूद रहते है। यदि आहार फोलेट का उपयुक्त मात्रा में सेवन किया जाए तो यह कोलोन (colon), पेट, अग्नाशयी (pancreatic) और ग्रीवा (cervical) के कैंसर को रोकने में मदद करता है। वे महिलाएं जो फोलेट का पर्याप्त सेवन नहीं करती उनमें स्तन कैंसर (Breast cancer) होने की संभावना ज्यादा रहती है।
आप अपने दैनिक आहार में शतावरी को शामिल कर फोलेट और अन्य कैंसर रोधी तत्वों के प्रभाव को बढ़ा कर कैंसर के प्रभाव को कम कर सकते है। इस तरह शतावरी का उपयोग कैंसर के लिए फायदेमंद होता है
शतावरी का उपयोग हम अपने शरीर में शुगर की उच्च मात्रा को कम करने के लिए कर सकते है। शतावरी टाइप-2 डायबिटीज को रोकने में सहायता करता है क्योंकि इसमें प्रतिरोधक क्षमता वाले पोषक तत्व बड़ी मात्रा में उपलब्ध रहते है। शतावरी में क्रोमियम (chromium) खनिज भी होता है जो खून में चीनी की मात्रा को नियंत्रित करने में सहायता करता है। यह मधुमेह विरोधी होने के साथ इंसुलिन स्राव को भी रोकने में मदद करता है।
उच्च रक्तचाप से ग्रसित लोगों के लिए शतावरी का सेवन बहुत ही लाभकारी होता है
बहुत लोग तनाव और मानसिक बीमारीयों से ग्रसित है, जो कि अवसाद को परिभाषित करता है। ऐसा मस्तिष्क में होमोसाइस्टिन (Homocystein) की वृद्धि के कारण होता है। शतावरी में उपस्थित फोलेट होमोसाइस्टिन की उत्पत्ति को नियंत्रित करता है जो अवसाद (Depression) का शुरुआती कारण होता है। होमोसाइस्टिन खून और अन्य जरूरी तत्वों को मस्तिष्क तक पहुंचने में अवरोध बनता है। इस कारण सेरोटोनिन, डोपामाइन और नोरेपीनेफ्राइन जैसे अच्छे हार्मोन का उत्पादन कम हो जाता है जो मूड़, नींद, भूख और होमोसाइस्टिन आदि को नियंत्रित करते है। शतावरी का सेवन करने से इन सभी समस्याओं की संभावना कम हो जाती है। शतावरी का उपयोग आपके स्वस्थ मस्तिष्क के लिए लाभकारी होता है
दिल को स्वस्थ रखने के लिए शतावरी का सेवन कर सकते है। यह आपके दिल से संबंधित कई विकारों को दूर करने की क्षमता रखता है। शतावरी में विटामिन B अच्छी मात्रा में मौजूद रहते है। जो होमोसिस्टीन को नियंत्रित करते है। यदि यह निश्चित मात्रा से ज्यादा होते है तो रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचा सकते है। होमोसिस्टीन की अधिक मात्रा दिल की समस्याओं को जन्म दे सकती है और कोरोनरी धमनी (coronary artery) रोग का कारण बन सकती है। शतावरी का सेवन आपको इन सभी खतरों से दूर रखता है
शतावरी खाने में पौष्टिक होने के साथ साथ पाचन क्रिया को मजबूत करने में भी हमारी मदद करती है। शतावरी में इन्यूलिन (inulin) होता है जो एक कार्बोहाइड्रेट होता है यह हमारे पेट पेट में उपस्थित अच्छे बैक्टीरिया लैक्टोबैसिलि का पोषण बनता है। शतावरी हमारी आंतों की कार्य क्षमता को बढ़ाने का काम करती है। शतावरी के सेवन से पेट की सूजन और कब्ज आदि को रोकने में मदद मिलती है क्योंकि इसमें फाइबर अच्छी मात्रा में रहते है।
यदि आप मूत्ररोग (Urinary disease) और मूत्र अंगों की समस्या से परेशान है, तो शतावरी का नियमित सेवन प्रारंभ कर दें क्योंकि यह आपकी इन समस्याओं को दूर करने में आपकी मदद कर सकते है। शतावरी में एमिनो एसिड अच्छी मात्रा में होते है जो इसे प्राकृतिक मूत्रवर्धक बनाते है। यदि इसका पर्याप्त सेवन किया जाए तो यह आपके मूत्र पथ में होने वाले संक्रमणों को रोक सकती है। शतावरी में उपस्थित पोषक तत्वों के द्वारा इन संक्रमणों को रोका जा सकता है क्योंकि मूत्र पथ के स्वस्थ होने से खराब बैक्टीरिया को बाहर निकालने में मदद मिलती है
गर्भावस्था के समय महिलाओं के स्वास्थ पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए क्योंकि यह स्थिति उनके लिए खतरनाक हो सकती है। गर्भअवस्था के समय होने वाले संक्रमण भ्रुण को भी संक्रमित कर सकते है। इसलिए स्वस्थ बच्चे के जन्म के लिए मां का स्वस्थ होना जरूरी है। गर्भवती महिलाओं को स्वस्थ रखने के लिए उन्हे नियमित रूप से शतावरी का सेवन कराना चाहिए। क्योंकि इसमें उपस्थित एंटीऑक्सिडेंट महिला को होने वाले संक्रमणों को रोकने में मदद करते है। शतावरी में फोलेट भी होता है जो गर्भ में तंत्रिका- ट्यूब को स्वस्थ रख उनके दोषों को दूर करता है। फोलेट विटामिनB12 और विटामिन C के साथ मिलकर नए प्रोटीन बनाने में मदद करता है। साथ ही फोलेट हीमोग्लाबिन और डीएनए का आंशिक रूप से उत्पादन करता है। इसलिए गर्भवती महिला को स्वस्थ रहने के लिए शतावरी का सेवन लाभकारी होता है।
शतावरी में एंटीऑक्सिडेंट भरपूर मात्रा में होते है। इसमें एंथोकाइनिन (anthocyanins) अधिक मात्रा में होते है जो फलों और सब्जियों को लाल,नीले और बैंगनी रंग देने के साथ उन्हें एंटीऑक्सिडेंट शक्ति देता है जो हमारे शरीर को संक्रमणों से लड़ने की शक्ति देते है। इसका उपयोग करते समय इसके किसी भी भाग को अलग न करें और इसे ज्यादा न उबाले। ज्यादा उबालने से इसके पोषक तत्व कम हो सकते है।
शतावरी में उपस्थित एंटीऑक्सिडेंट ग्लूटाथियोन आपके बढ़ते बुढ़ापे को रोकने में मदद कर सकता है। शतावरी में उपस्थित फोलेट और विटामिन B12 बुढ़ापे के लक्षणों को रोकने में प्रभावी होते है।
आप अपनी त्वचा को स्वस्थ सुंदर और चमकदार बना सकते है इसके लिए आपको शतावरी का नियमित सेवन करना होगा। इसमें उपस्थित ग्लूटाथियोन (Glutathione) सूर्य के प्रभाव और प्रदूषण से त्वचा को बचाता है। इसका उपयोग करने से आपकी त्वचा में नमी बनी रहती है साथ ही यह आपके चेहरे में उपस्थित दागों को आंशिक रूप से कम करने में मदद करता है
शतावरी प्राकृतिक मूत्रवर्धक (natural diuretic) माना जाता है। यह हमारे शरीर से अनुपयोगी नमक और हानिकारक तरल पदार्थ को मूत्र पथ के द्वारा बाहर निकालने में मदद करती है। जो कि एडीमा और हाई ब्लड प्रेशर से पीडित लोगों के लिए लाभकारी होता है। साथ ही यह किड़नी में उपस्थित हानिकारक पदार्थो को दूर करने में भी मदद करता है। इस तरह पथरी के उपचार के लिए शतावरी लाभकारी होती है।