भोपाल मध्य प्रदेश
इनपुट: सोशल मीडिया
भोपाल :----राजधानी भोपाल में एक बार फिर पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठे हैं। ऐशबाग थाने में तैनात एएसआई पवन रघुवंशी को पुलिस ने 5 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। यह रिश्वत एक फर्जी कॉल सेंटर के आरोपी को बचाने के बदले में ली जा रही थी। पूरी डील 25 लाख रुपये में तय की गई थी, जिसमें 5 लाख रुपये की पहली किश्त एएसआई के घर से बरामद हुई।
इस शर्मनाक घटना के बाद भोपाल पुलिस कमिश्नर ने ऐशबाग थाना प्रभारी (टीआई) जीतेंद्र गढ़वाल समेत चार पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई उस समय की गई जब पुलिस जांच में यह सामने आया कि एएसआई पवन रघुवंशी और उसके साथी पुलिसकर्मी ठगी के आरोपी को बचाने के लिए रिश्वत ले रहे थे। जांच में पता चला कि इस गिरोह के खिलाफ कार्रवाई में देरी की जा रही थी, जिससे आरोपी को फायदा मिल रहा था।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, यह मामला एक ठगी के रैकेट से जुड़ा हुआ था, जिसमें लोग स्टॉक मार्केट में निवेश का झांसा देकर ठगा जा रहे थे। आरोपी अफजल खान को हाल ही में गिरफ्तार किया गया था, और उसकी गिरफ्तारी के बाद जांच में यह बात सामने आई कि उसके खातों में देशभर में हुई ठगी के लगभग एक करोड़ रुपये का लेन-देन हुआ था।
इस मामले में चार पुलिसकर्मियों का निलंबन और विभागीय जांच के आदेश से यह साफ हो गया है कि पुलिस विभाग के कुछ अधिकारी और कर्मी अपनी जिम्मेदारी निभाने में नाकाम रहे। पुलिस की इस कार्रवाई में देरी और रिश्वतखोरी ने आम जनता का भरोसा पुलिस व्यवस्था पर और भी कमजोर किया है। अब इस मामले में आगे की जांच जारी है, और पुलिस विभाग ने इसे गंभीरता से लेकर उच्च स्तरीय जांच शुरू कर दी है।