देश विदेश
इनपुट: समाचार डेस्क
देश विदेश :----अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सरकार यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से बुरी तरह खार खाए हुई है. बीते दिनों राष्ट्रपति ट्रंप और जेलेंस्की के बीच नोंकझोंक के बाद स्थिति और बिगड़ गई. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनका प्रशासन बात नहीं मानने की स्थिति में जेलेंस्की को लेकर बड़ा प्लान बना लिया है. इस बीच तकरार के बाद अमेरिका ने तुरंत प्रभाव से यूक्रेन की सैन्य सहायता रोक दी है. उसने रूस के साथ यूक्रेन को शांति समझौता करने पर करीब-करीब मजबूर कर दिया है.
इस बीच डोनाल्ड ट्रंप के सबसे खास करीबी और दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति एलन मस्क ने कहा है कि अब समय आ गया है कि यूक्रेन में शांति के लिए जेलेंस्की को किसी दूसरे देश में भेज दिया जाए. यह कोई नॉर्मल बयान नहीं है. एलन मस्क अमेरिका सरकार में सबसे पावरफुल व्यक्ति है. ऐसे में इसे हल्के में भी नहीं लिया जा सकता है. खासकर मौजूदा तकरार को देखते हुए.
मस्क ने एक्स पर एक पोस्ट के जवाब में लिखा है कि अब समय आ गया है कि जेलेंस्की को किसी तीसरे देश में भेज दिया जाए ताकि यूक्रेन में शांतिपूर्ण तरीके से लोकतंत्र की स्थापना की जा सके.
निशाने पर जेलेंस्की
एलन मस्क ने यह पोस्ट एक अन्य यूजर के पोस्ट के जवाब में आया है. उस यूजर लिखा है कि जेलेंस्की को पता है कि रूस के जंग खत्म हो गई तो वह सत्ता से बेहदखल हो जाएंगे. वहां चुनाव होंगे और वह उस चुनाव में हार जाएंगे. इसके बाद उनके विरोधी उनके खिलाफ मनी लाउंड्रिंग की जांच करेंगे और उनको जेल की हवा खानी पड़ेगी. उन्होंने आगे लिखा कि अपने निजी स्वार्थ के लिए जेलेंस्की ने निर्देश यूक्रेनी लोगों को मरने के लिए जंग में भेज दिया. वह यह सब खुद सत्ता में बने रहने के लिए कर रहे हैं.
दरअसल, रूस के साथ जंग खत्म कराने के लिए अमेरिकी सरकार जेलेंस्की पर काफी दबाव दे रही है. राष्ट्रपति ट्रंप के साथ जेलेंस्की में हुई बकझक को लेकर भी तमाम तरह की रिपोर्ट आ रही हैं. यूक्रेन का एक वर्ग जेलेंस्की से नाराज बताया जा रहा है. रूस के साथ जंग में उनके कथित अड़ियल रुख को जिम्मेदार बताया गया था. बीते तीन साल के जंग में यूक्रेन पूरी तरह तबाह हो गया है. उसके हजारों सैनिक मारे जा चुके हैं. उसके करीब 20 फीसदी क्षेत्र पर रूस ने कब्जा कर लिया. लाखों की संख्या में लोग यूक्रेन छोड़कर भागने पर मजबूर हुए हैं.
दुनिया के कई जानकारी भी मान रहे हैं कि जेलेंस्की का व्यवहार अच्छा नहीं था. हालांकि, डोनाल्ड ट्रंप की नाराजगी मोल लेने के बाद जेलेंस्की को यूरोपीय सहयोगियों खासकर फ्रांस और ब्रिटेन से सहानुभूति मिली है. लेकिन, इतना तो यह है कि जिस तरह से डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन रूस के साथ शांति स्थापित कराने की मुहिम में लगा है उससे लगता है कि अब जेलेंस्की के लिए मुश्किलें बढ़ेंगी.