उत्तर प्रदेश जनपद बलिया
इनपुट: हिमांशु शेखर
बलिया उत्तरप्रदेश:---पुलिस महानिदेशक उ0प्र0, लखनऊ द्वारा चलाये जा रहे अभियान “OPERATION CONVICTION” के अन्तर्गत पुलिस अधीक्षक बलिया श्री ओमवीर सिंह के निर्देशन में मॉनिटरिंग सेल व अभियोजन शाखा के प्रभावी पैरवी के फलस्वरूप धारा 323/34, 325/34, 342, 506 भा0दं0सं0 के मामले में मा0 न्यायालय विशेष न्यायाधीश एस.सी/एस.टी एक्ट/अपर सत्र न्यायाधीश बलिया द्वारा दोषी करार देते हुए 01 नफर अभियुक्त को 03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं रू 1000/- (एक हजार रुपये) के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया ।
दिनांक- 16.05.2025 को बलिया पुलिस के मॉनिटरिंग सेल व अभियोजन शाखा के प्रभावी पैरवी से थाना रसड़ा पर पंजीकृत मु0अ0सं0- 102/2006 धारा 323/34, 325/34, 342, ,506 भा0दं0सं0 से सम्बन्धित प्रकरण में आरोपित 01 नफर अभियुक्त निखिल सिंह उर्फ अखिलेश सिंह पुत्र सुरेश सिंह निवासी सराय भारती थाना रसड़ा बलिया को मा0 न्यायालय द्वारा-धारा 325 भादवि में दोषसिद्ध पाते हुये अभियुक्तगण को 03 वर्ष का सश्रम कारावास व 1000/-(एक हजार रु0 मात्र) के अर्थदण्ड से से दण्डित किया गया, अर्थदण्ड न अदा करने पर अभियुक्त को 07 दिन का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा ।
धारा 323 भादवि में दोषसिद्ध पाते हुये अभियुक्त को 06 माह के सश्रम कारावास से दण्डित किया गया ।
धारा 342 भादवि में दोषसिद्ध पाते हुये अभियुक्त को 06 माह के सश्रम कारावास से दण्डित किया गया ।
धारा 506 भादवि में दोषसिद्ध पाते हुये अभियुक्त को 02 वर्ष के सश्रम कारावास से दण्डित किया गया ।
नोट- विचारण के दौरान अभियुक्त संतोष उर्फ कमलेश सिंह पुत्र सुरेश सिंह निवासी निवासी सराय भारती थाना रसड़ा बलिया की मृत्य हो चुकी है।
अभियुक्त की सभी सजाएँ साथ-साथ चलेंगी। जेल में बितायी गई सजा यदि कोई हो तो समायोजित की जाएगी।
अभियोजन अधिकारी- ADGC- श्री अशोक कुमार ओझा
घटना का संक्षिप्त विवरण- दिनांक 03.06.2006 को वादी मुकदमा द्वारा थाना रसड़ा पर प्रार्थना पत्र दिया गया कि अभियुक्तगण द्वारा मेरे पिता जी को घर से किसी बहाने से बुलाकर ले गये तथा घर के कमरे में बन्द करके लोहे की पाइप और दाव से मार कर दाहिना पैर और बाये हाथ का गट्टा तोड़ दिये । और जान से मारने की धमकी भी दिये तथा अनुसूचित जाति की गाली भी दिये । इस संबंध में थाना स्थानीय पर मुकदमा पंजीकृत किया गया था जिसमें बाद विवेचना मा0 न्यायालय आरोप पत्र प्रेषित किया गया था जिसमें मा0 न्यायालय द्वारा सजा सुनाई गयी है ।