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    श्रीमद्भागवत कथा के श्रवण से मनुष्य को जीवन जीने के गुर सीखने में मिलती है मदद : मृत्युंजय गर्ग


    उत्तर प्रदेश बलिया 
    इनपुट: धीरज यादव 
    दुबहर बलिया:---क्षेत्र के नगवा गांव में चल रहे श्रीमद् भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ में रविवार की देर शाम कथा के दौरान भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनोहारी झांकी के साथ धूमधाम से मनाया गया। महिलाओं ने सोहर गीत गाकर लोगों को खूब आनंद किया। इसके पूर्व सुबह में श्रीमद् भागवत का पारायण पं0 अश्वनी कुमार उपाध्याय, दीनबंधु चौबे, धनंजय उपाध्याय, अवनीश उपाध्याय ने किया।
     कथावाचक पं0 मृत्युंजय गर्ग ने कथा के दौरान कहा कि जब-जब धरती पर पाप और अधर्म बढ़ जाता है, तब-तब धर्म की रक्षा के लिए ईश्वर अवतार लेते हैं। मथुरा के राजा कंस के अत्याचार से पृथ्वी व्याकुल हो गई थी तब भगवान ने कारागार में देवकी के गर्भ से अवतार लिया और संघार कर धर्म की स्थापना की। उन्होंने कहा कि श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप के ध्यान मात्र से ही व्यक्ति का मोक्ष हो जाता है। कहा कि श्रीमद् भागवत की कथा मानव जीवन में भगवान का अनुभव ही नहीं कराती, बल्कि मनुष्य को सतत कर्मशील भी बनाती है। भागवत कथा के श्रवण से मनुष्य को जीवन जीने के गुर सीखने में मदद मिलती है। कथा से हमें प्रेरणा मिलती है कि सदाचार ही जीवन का आधार है।

    इस मौके पर यजमान नंद गोपाल पांडेय, श्रीमती मनोरमा पांडेय, महावीर पाठक, डॉ0 बृकेश कुमार पाठक, संतोष पांडेय, अखिलेश पांडेय, प्रधान प्रतिनिधि भुवनेश्वर पासवान, ब्रह्माशंकर पांडेय, लाल बिहारी गुप्ता, काशीनाथ यादव, राज पाठक, पप्पू पांडेय, राजू चौबे, हरेंद्र ठाकुर, गनेश यादव सहित सैकड़ों लोग मौजूद रहे।

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