Type Here to Get Search Results !

custum trend menu

Stories

    " तो हम ये रिश्ता पक्का समझे"परिवारिक जीवन की सत्य घटना पर आधारित

    उत्तर प्रदेश बलिया 
    इनपुट: हिमांशु शेखर 

    बलिया उत्तरप्रदेश:--इंदौर एक छोटे से घर के बाहर एक कार खड़ी थी मोहल्ले के लोग उस घर के अंदर निकलते हुए तांका झाकी करने की कोशिश कर रहे थे और अंदर एक 29 साल की लड़की साड़ी पहने अपनी पलके झुकाए बैठी थी और कुछ लोग उसके आस पास उसको घेर के बैठ के आपस में बातें कर रहें थे।

    सामने एक बड़ी उम्र का लड़का बैठा था जो उस लड़की को ही बार बार चोर नज़रों से देख रहा था। या फिर शायद उस लड़की के उसको देखने का वेट कर रहा था लेकिन उस लड़की ने एक बार भी अपनी पलके नही उठाई। कोई उससे कुछ बोलता तो वो बस हां हम्म में जवाब दे देती। 

    तभी उस लड़की की मां अदिति जी अपने सामने बैठी महिला से बोली," तो हम ये रिश्ता पक्का समझे।"

    सामने बैठी उस महिला ने एक नज़र अपने पति और फिर उस लड़के की तरफ़ देखा तो दोनो ने पलके झपका दी। फिर वो महिला सुधा जी अदिति जी से बोली," हमे मंजूर है एक बार आप अपनी बेटी वैशाली से भी पूछ लीजिए।"

    तभी एक कडक आवाज़ गूंजी,वैशाली के पापा मनोज जी बोले ,"हमारे घर में लड़कियां फैसला नही लेती, जो बड़े फैसला लेते है वहीं घर का फ़ैसला होता है।"

    वैशाली की झुकी आखों में नमी आ गई। 

    तभी लड़के के पापा विपिन जी बोले," ये तो आपने अच्छे संस्कार दिए है बच्ची को, वरना तो आज कल की लड़कियां सीधा घर से भाग ही जाती है।"

    मनोज जी फिर अपनी तेज आवाज़ में बोले," हमारे घर में अगर किसी लड़की ने ऐसा खयाल भी लाया, तो वो अच्छे से जानती है उनकी समाधि घर के बाहर होगी।"

    अंदर डोर के पीछे छुप के खड़ी दो लड़कियां डर सी गई। 

    विपिन जी मुस्कुरा दिए और बोले ,"हम बहुत भाग्यशाली है जो आपके घर की बेटी ,हमारे घर बहु बन के आयेगी।"

    वैशाली सबकी बातें सुन के अपने मन में यंग हसी हस दी ,"बहु, बहु ही तो समझते है कोई बेटी क्यो नही बोलता।"

    वैशाली अपने मन में सोच रहीं थी की वैशाली की मम्मी ने वैशाली के हाथ में मिठाई की प्लेट जबरदस्ती पकड़ाते हुए कहा," चलो अब सबका मुंह मीठा करवाओ।"

    वैशाली को तो अब आदत हो गई थी वेटर बनने की, ये उसके लिए 49  वा रिश्ता जो आया था और वैशाली ये भी जानती थी कुछ ही देर में ये लोग भी उसको मना करके चले जाएंगे। लेकिन फिर भी वो सिर नीचे करके उठी और बारी बारी सबके आगे प्लेट करने लगीं।

    आदिति जी ने भी वैशाली की तारीफो के पुल बांधना शुरु कर दिया– बहुत संस्कारी है मेरी बेटी ,आपको कभी शिकायत का मौका नही देगी, अगर आपकों पसन्द नही होगा तो अपनी सरकारी नौकरी भी छोड़ देगी। आप तो ये समझ के चालिए एक सुशील बहु अपनें घर लेकर जा जायेंगे यहां से।"

    वैशाली फिर मन में हस पड़ी और बोली," सरकारी नौकरी की ही तो वजह से इतने रिश्ते आते है वरना तो मेरे ही घर वाले फांसी दे देते मुझे। और बहू क्यो सीधा नौकरानी बोलो ना।"

    वैशाली मिठाई की प्लेट लेकर लड़के के पास तक आ गई थी की लड़के ने मिठाई उठाते हुए वैशाली के हाथ को छू लिया।

    वैशाली ने तुरंत नज़रे उठा के उस लड़के को देखा तो उसकी आंखो में एक बार फिर नमी तहर गई। वो 45 साल का कोई आदमी था। उस आदमी ने वैशाली को देख के आंख मार दी और अपना विजिटिंग कार्ड वैशाली के हाथ में पकड़ा दिया। और कॉल करने का इशारा किया। 

    वैशाली ने अपनी नज़रे झुका ली फिर शांति से आके अपनी मां के पीछे खड़ी हो गई।

    तो लड़के वाले खड़े हो गए और लड़के की मां सुधा जी हाथ जोड़ते हुए बोली," तो बहन जी अब हमको इजाजत दीजिए, हमको आपकी बेटी बहुत पसन्द आई ,बस घर जाके पंडित जी से  सीधा शादी का मोहरत निकलवा के आपकों एक दो घंटे में कॉल करके बता देते है।"

    सभी के फेस पर मुस्कान आ गई और आदिति जी ने लड़के वालों को विदा कर दिया।

    लड़के वालों के जाते ही डोर के पीछे जो लड़कियां छुपी थी वो बाहर आ गई और जो नाश्ता बचा था वो जल्दी जल्दी उठा के कुछ खाया और कुछ अपने हाथो में भर लिया की तभी आदिति जी और मनोज जी अंदर आए।

    तो सब सुन्न होकर खड़े हो गए। मनोज जी ने एक नज़र वैशाली को घूर के देखा और आदिति जी से बोले," इस लड़की से बोल दो इतनी मुश्किल से कोई लड़का तैयार हुआ है अभी पंडित जी जो जो रस्म और रिवाज बोले शांति से बिना मुंह बनाए कर दे। "

    आदिति जी ने अपना सिर हां में हिला दिया।

    मनोज जी अपनी किराने की दुकान जाने के लिए अपना फ़ोन और स्कूटी की चाभी उठाते हुए घुमा के वैशाली को ताना मारते हुए बोले," कुछ शुभ काम होता है तो पहले ही ये मुंह बना के बैठ जाती है, इसकी काली नज़र पहले काम को बिगाड़ देती।"

    वैशाली चुप चाप सिर नीचे करके खड़ी थी शायद ये उसके लिए कुछ नया नहीं था 7 साल से वो यही ताने गलियां ही तो सुन रही है। मनोज जी ताने मारते हुए घर से निकल गए की वो दोनो लड़कियां खुशी से उछलने लगीं और आपस में बोली," अब इस मंगली की शादी हो जाएगी, तो हमारा भी नंबर लग जायेगा।"

    वैशाली  ने अपनी दोनो बहनों को एक दर्द भरी मुस्कान के साथ देखा फिर अपने कमरे की तरफ़ जाने लगी की घर का लैंड लाइन फ़ोन बजा। 

    आदिति जी ने फ़ोन उठाया तो दूसरे साइड की बात सुन के वो रोने लगीं और बोली ,"बहन जी कोई तो उपाय होगा ,एक बार पंडित जी से बात करके देखिए।"

    पर कॉल कट हो चुका था। आदिति जी की बस इतनी सी बात सुन के वैशाली समझ गई थीं लड़के वालों का फोन था और उन्होने भी शादी के लिए मना कर दिया और अब उसकी मार खाने की बारी आ गई।

    उसका सोचना था की आदिति जी गुस्से में बेलन लेकर आई और वैशाली को मारते हुए बोली ," डायन तू मर क्यो नही जाती। ऐसी मांगलिक है तू की बड़े से बड़ा मांगलिक लड़का भी तेरे से शादी करने के बाद संकट में आ जायेगा। 29 साल की हो गई है,पर शादी का पता ठिकाना नहीं है, तेरी वजह से तेरी ये दोनों बहने पड़ी हुई है तेरी वजह से तेरे भाई की शादी नही हो पा रही है लड़की वाले बोलते है जिस घर में तीन तीन कुंवारी लड़कियां हो उस घर में अपनी लड़की नही देंगे ,अब क्या बताऊं उन लोगो को ये मांगलिक लड़की जो पड़ी है मेरे घर में, हमारा नाश करने के लिए।"

    आदिति जी बस वैशाली को बुरा भला कहते हुए मारे जा रही थीं और वैशाली चुप चाप बस आंखे भींचे रोते हुए दर्द सह रही थी दर्द मार पड़ने का नही ,अपनी ही मां से इतनी जली कटी बाते सुनने का था। वो मांगलिक थी इसमें उसका क्या दोष था। उसके मंगल दोष को दूर करने का कोई उपाय नहीं था तो उसकी क्या गलती थी। लेकिन सब तो उसको और उसके नसीब को ही दोष देते थे। 

    वैशाली शांत खड़ी सिर नीचे करे मार खा रहीं थी उसको अब मार खाने की भी आदत पड़ चुकी थीं। आदिति जी वैशाली को मारते हुए थक गई। तो वही थक के चेयर पर बैठ गई और बोली," तू चली जा यहां से ,तुझे कोई लड़का पसन्द हो, तो भाग जा उसके साथ, बस हमारा पिंड छोड़ दे ,तेरी वजह से तेरी इन दोनों बहनों की शादी नही हो पा रही, तू तो है ही मनहूस, पर तेरी वजह से इन दोनो की शादी की उम्र निकली जा रही है। तेरा भाई ,ये लड़कियां सब, तेरी वजह से बैठें है, चली जा, कही भी जा के मर ,बस चली जा, वरना मैं मर जाऊंगी।" बोलते हुए अदिति जी का गला सूखने की वजह से खांसने लगी।

    वैशाली की दोनों बहने आगे आई और वैशाली को घूरते हुए अदिति जी को लेकर अंदर चली गई।

    अब वैशाली अपने आपको रोक नही पाई और जमीन पर घुटनो के बल बैठ के रोने लगीं। उसको आज अपनी मां की बाते जरुरत से ज्यादा लगी थीं वो भी तंग आ चुकी थीं इन सब चीजों से पांच साल से कोई उससे ठीक से बात नही करता था उसको हर बार ऐसा फील करवाया जाता था सब दुखो की वजह वो है लेकिन उसके अन्दर इतनी हिम्मत ही नहीं थी की वो अपनी जान खुद ले सके, अगर ऐसा होता तो वो कब का अपनी जान दे चुकी होती। उसने एक बार नींद की गोलियां खा भी ली थीं लेकिन उसको इतनी उल्टियां हुई की सारी दवा निकल गई और दवा का उल्टा रिएक्शन हुआ,उसकी तबीयत इतनी बिगड़ गई की घर वालो को मजबूरी में उसको हॉस्पिटल लेकर जाना पड़ा और वहां डॉक्टर ने तुरंत उसको चैक करके बोल दिया ,इन्होंने बहुत सारी नींद की गोली ली है इन्होंने सुसाइड करने की कोशिश की है ये पुलिस केस है मुझे पुलिस को इनफॉर्म करना होगा। जैसे तैसे डॉक्टर को समझाया ये गलती से हुआ आप पुलिस को मत बुलाओ, बहुत हाथ पैर जोड़ने के बाद वो डॉक्टर माना और फिर वैशाली को घर आके जिन चीजों का सामना करना पड़ा वो तो भगवान दुश्मन तक को ना दिखाए। तब से जो घरवाले उससे थोड़ी बहुत बात कर लेते थे वो बिलकुल बंद हो गई, वो घर की नौकरानी और घर पर ला के पैसे देने वाली मशीन बन के रह गई।

    वैशाली ने अपनी हिम्मत जुटाई और हॉल में फैले नाश्ते के बर्तन उठाने लगी। यही तो काम था उसका, सुबह पहले जल्दी उठ के घर का सारा काम निपटाओ, फिर पूरे दिन का 5 लोगो का खाना बना के रख के स्कूल जाओ। फिर जब तीन बजे वापस आओ तो खाए पिए सारे बर्तन धो फिर शाम के खाने की तैयारी कर के फिर रात के सारे बर्तन कर के सोने जाओ। वो अकेली 5 लोगों का सारा काम अकेली करती थी। वजह बस एक थीं वो मांगलिक थी घोर मांगलिक।

    उसके लिऐ 21 साल के होते ही लड़का ढूंढना शुरु कर दिया था लेकिन आज वो 29 साल की थी उसके लिऐ कोई लड़का नही मिला, वो एक सरकारी टीचर है इसलिए रिश्ते भी आते रहते थे लेकिन जब कुंडली मिलाई जाती थी तो सब मना करके चले जाते थे। उसने आज तक पंडितो के कहने पर अनगिनत पूजा की होगी। कभी पेड़ से शादी तो कभी बकरे से शादी। लेकिन उसकी कुंडली में कोई असर नहीं पड़ा। उसका मंगल वही का वही रहा। अगर देखा जाए तो उसकी अभी तक तीन शादियां हो चुकी है, पर पेड़ और जानवरों से। 

    वैशाली सारा काम निपटा के अपने कमरे में आ गई लेकिन अभी भी उसके कानों में अपनी मां की आवाज़ गूंज रहीं थी उनके बोले वो कटु वचन उसके दिल को कुचल रहे थे। वैशाली ने कुछ सोचा और सो गई।
    आगे पढ़ने के लिए क्लिक करें।

    Bottom Post Ad

    Trending News