उत्तर प्रदेश लखनऊ
इनपुट: रमाशंकर गुप्ता
लखनऊ:---फर्जी कंपनी बनाकर 10.76 करोड़ रुपये का बोगस इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) लेने के मामले में शासन ने राज्य कर विभाग के डिप्टी कमिश्नर मनीष कुमार और असिस्टेंट कमिश्नर रितेश कुमार बरनवाल को निलंबित कर दिया। दोनों अधिकारियों पर इस मामले में फर्म के साथ मिलीभगत का आरोप है।
रायबरेली में इस वर्ष जनवरी में राजधानी इंटरप्राइजेज नाम से कंपनी का पंजीयन कराया गया था। विभाग की टीम ने 15 फरवरी को जांच की तो वहां कोई नहीं मिला। फर्जीवाड़े की आशंका के बाद 24 फरवरी को राजधानी इंटरप्राइजेज का पंजीयन निलंबित कर दिया गया। इसके बाद भी फर्म ने फर्जीवाड़ा जारी रखा और बोगस इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) जनरेट करते हुए दिल्ली की शिव इंटरप्राइजेज को 57.35 करोड़ की सप्लाई दिखाकर 10.76 करोड़ रुपये की आईटीसी ट्रांसफर करा ली।
जांच में बिना माल की आपूर्ति किए ही फर्जी आईटीसी की पुष्टि हो गई। जांच में यह तथ्य भी सामने आया कि फर्म ने पंजीयन के लिए फर्जी बिजली बिल लगाया था। इसके बाद सहायक आयुक्त रितेश बरनवाल ने मुकदमा दर्ज कराया था। इस मामले की जांच शासन स्तर से भी की गई।
जांच में डिप्टी कमिश्नर मनीष कुमार और असिस्टेंट कमिश्नर रितेश बरनवाल की फर्म के साथ मिलीभगत का खुलासा हुआ। इसके बाद मंगलवार को दोनों अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। वहीं आगे की जांच के लिए अपर आयुक्त राज्य कर सैमुअल पाल एन को जांच अधिकारी नामित किया गया है।