नई दिल्ली
इनपुट:सोशल मीडिया
नयी दिल्ली :--- सुप्रीम न्यायालय ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा ‘कम नामांकन वाले 105 प्राथमिक स्कूलों को मर्ज (एकीकृत) करने के आदेश’ को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करने का फैसला किया है। याचिकाकर्ता, ताइय्यब ख़ान सालमानी के वकील प्रदीप यादव द्वारा की गई अपील में कहा गया है कि यह कदम बच्चों के शिक्षा प्राप्ति के मौलिक अधिकार (अनुच्छेद 21A) का हनन है और इससे ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा की पहुंच प्रभावित होगी ।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह एक नीति का मामला था, लेकिन यदि सरकार स्कूल बंद कर रही है तो इस पर न्यायिक समीक्षा जरूरी है। आज की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने मामला अगले सप्ताह के लिए सूचीबद्ध करने पर सहमति दी । इसके पूर्व 7 जुलाई 2025 को इलाहाबाद उच्च न्यायालय में दायर याचिकाएँ खारिज कर दी गईं थीं। न्यायालय ने कहा कि यह संविधान के तहत वैध है और स्कूलों का विलय शिक्षा के गुणात्मक सुधार के लिए आवश्यक है।