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    Cyber Gang:टेलीग्राम के जरिए चीनी साइबर ठगों से जुड़े अंतरराज्यीय गैंग का भंडाफोड़, करोड़ों की ठगी में लिप्त 8 आरोपी गिरफ्तार

    उत्तर प्रदेश लखनऊ
    इनपुट : रमाशंकर गुप्ता 

    लखनऊ :--- देशभर में डिजिटल अरेस्ट, टास्क फ्रॉड, वर्क फ्रॉम होम और क्रिप्टो ट्रेडिंग जैसे नामों पर हो रही करोड़ों की ऑनलाइन ठगी के मामलों में लखनऊ पुलिस को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। पुलिस कमिश्नरेट की साइबर क्राइम सेल और थाना साइबर क्राइम की संयुक्त टीम ने मंगलवार को 8 शातिर अंतरराज्यीय साइबर ठगों को गिरफ्तार किया, जो टेलीग्राम एप के माध्यम से चीनी साइबर ठगों के संपर्क में रहकर पूरे देश में ठगी की रकम को USDT क्रिप्टोकरेंसी में बदलकर विदेशी ठगों को भेजते थे। गिरफ्तार अभियुक्तों के कब्जे से 1.75 लाख रुपये नकद, 12 मोबाइल फोन, 13 एटीएम कार्ड, दो पासबुक और तीन चेकबुक बरामद की गई हैं।इस पूरी कार्रवाई का नेतृत्व साइबर अपराधों पर शिकंजा कसने के उद्देश्य से पुलिस आयुक्त अमरेन्द्र कुमार सेंगर के निर्देश पर किया गया। अभियान का संचालन संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध एवं मुख्यालय) अमित वर्मा, पुलिस उपायुक्त (अपराध) कमलेश कुमार दीक्षित, अपर पुलिस उपायुक्त (अपराध) रल्लापल्ली बसंत कुमार और सहायक पुलिस आयुक्त साइबर क्राइम ऋषभ यादव के पर्यवेक्षण में हुआ। कार्रवाई को साइबर क्राइम सेल व थाना साइबर क्राइम की टीमों ने संयुक्त रूप से अंजाम दिया।गिरफ्तार आरोपियों ने पूछताछ में खुलासा किया कि वे इंस्टाग्राम के माध्यम से टेलीग्राम एप के चीनी ग्रुप्स जैसे 32-105/1, 32-105/3, 32-105/5 PAYGir G0! से जुड़ते थे। इसके बाद चीनी साइबर अपराधी उन्हें भारत में “म्यूल बैंक अकाउंट” का इंतजाम करने का निर्देश देते थे। आरोपी लखनऊ और आसपास के जनपदों से आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को बहला-फुसलाकर उनके नाम पर बैंक खाते खुलवाते और उनसे पासबुक, एटीएम कार्ड, चेकबुक और नेट बैंकिंग की जानकारियां ले लेते थे। ये सारी जानकारी वे चीनी ठगों को भेज देते थे।इन बैंक खातों में साइबर ठगी की रकम भेजी जाती थी, जिसे आरोपी एटीएम या चेक के जरिए तुरंत निकाल लेते थे ताकि खाता फ्रीज होने से पहले रकम निकल जाए। फिर यह रकम क्रिप्टोकरेंसी (USDT) में बदलकर चीनी ठगों के वॉलेट में भेज दी जाती थी। कमीशन की रकम आपस में बांटकर बचे हुए पैसों से ये दोबारा USDT खरीद लेते थे। पुलिस जांच में सामने आया है कि जिन बैंक खातों का उपयोग किया गया, उनके खिलाफ देशभर के राज्यों—हरियाणा, असम, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, कर्नाटक आदि—से लगभग छह करोड़ रुपये की ठगी की शिकायतें दर्ज हैं। संबंधित राज्यों से संपर्क कर अग्रिम कार्रवाई की जा रही है।गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों में राहुल सोनकर, मो. सलमान, देवांश शुक्ला, राज रावत, फैज़ान, मोजिज़ रिज़वी, अंकित यादव और करन रावत शामिल हैं, जिनकी उम्र 19 से 28 वर्ष के बीच है और सभी लखनऊ के विभिन्न थाना क्षेत्रों के निवासी हैं। ये सभी शिक्षित और तकनीक से भलीभांति परिचित हैं। पुलिस के अनुसार, इनके गिरोह में और भी सदस्य हो सकते हैं, जिनकी पहचान की जा रही है।इस मामले में थाना साइबर क्राइम में बीएनएस की धारा 317(2)/318(4)/61(2)(बी) और आईटी एक्ट की धारा 66सी के अंतर्गत मुकदमा दर्ज किया गया है।पुलिस ने जनता से अपील की है कि वे किसी भी अनजान सोशल मीडिया ग्रुप, वेबसाइट या मोबाइल लिंक पर भरोसा न करें। टेलीग्राम, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप पर मिलने वाले वर्क फ्रॉम होम ऑफर या डिजिटल निवेश योजनाओं से दूर रहें। यदि किसी प्रकार की संदिग्ध गतिविधि की जानकारी हो तो साइबर हेल्पलाइन 1930 पर या www.cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज कराएं।लखनऊ पुलिस की इस कार्रवाई से न केवल राजधानी में बल्कि पूरे देश में सक्रिय ऐसे संगठनों को बड़ा झटका लगा है जो विदेशी साइबर गिरोहों के साथ मिलकर डिजिटल ठगी का संगठित नेटवर्क चला रहे हैं। पुलिस इस गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश में जुट गई है और जल्द ही पूरे रैकेट का पर्दाफाश होने की संभावना है।

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