उत्तर प्रदेश वाराणसी
इनपुट: अमीत कुमार गुप्ता
वाराणसी :---काशी में गंगा उफान पर हैं। रविवार की दोपहर जलस्तर 70.14 मीटर रिकॉर्ड किया गया, जो चेतावनी बिंदु 70.26 से महज 12 सेंटीमीटर नीचे है। इस समय गंगा स्थिर हैं, लेकिन पानी घाटों को पार करते हुए अब कॉलोनियों की ओर रुख करने लगा है। ऐसे में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। इससे तटवर्ती इलाकों के लोग सशंकित हैं।
गंगा के जलस्तर पिछले कई दिनों से लगातार वृद्धि का क्रम जारी है। गुरुवार को जलस्तर स्थिर होने के बाद गिरावट शुरू हुई थी, लेकिन कुछ ही घंटों बाद पानी फिर बढ़ने लगा था। उसके बाद से गंगा लगातार उफान पर हैं। रविवार की सुबह गंगा का जलस्तर स्थिर था। हालांकि गंगा अब चेतावनी बिंदु से महज 12 सेंटीमीटर नीचे हैं। गंगा के जलस्तर में वृद्धि की वजह से घाट जलमग्न हो चुके हैं। वहीं आसपास के इलाकों और गलियों में पानी घुसने लगा है। गंगा के जलस्तर में बढ़ोत्तरी की वजह से वरूणा भी उफान पर हैं। वरूणा की बाढ़ से कई वार्ड प्रभावित हो गए हैं। 317 परिवार बाढ़ से प्रभावित हैं। बाढ़ राहत शिविर में 672 लोगों ने शरण ले रखी है, जबकि 801 लोग अन्य सुरक्षित स्थानों पर निवास कर रहे हैं।
गंगा बाढ़ के चलते सामने घाट का मारुति नगर इलाका प्रभावित हो चुका है। शनिवार की शाम बाढ़ का पानी मारुति नगर इलाके तक पहुंच गया। हालांकि रविवार की दोपहर तक कॉलोनी में गंगा का पानी नहीं घुसा है जिसके कारण पानी स्थिर हो गया है। जिला प्रशासन में पानी को निकालने के लिए अब ज्ञान प्रवाह के पास एक बड़ा पंप और चार छोटे पंप लगा दिए हैं। जिसके माध्यम से कॉलोनी का पानी खींचकर गंगा जी में छोड़ा जा रहा है। मारुति नगर कॉलोनी में घुसे पानी के कारण लगभग सैकड़ो घर बाढ़ के पानी में घिर गए हैं। जिसके कारण इन घरों में रहने वाले लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
बता दें कि सामने घाट स्थित ज्ञान प्रवाह नाले पर बने चैनल गेट के चौथे नंबर फाटक में शुक्रवार को रात में पत्थर का टुकड़ा फंसने से गेट खुल गया। इससे पानी नाले से होकर करीब दो किलोमीटर अंदर तक पहुंच गया। शनिवार सुबह पहुंचे गोताखोरों ने काफी मशक्कत के बाद फंसे पत्थर के टुकड़े को बाहर निकाला जा सका। कमिश्नर एस राजलिंगम ने बताया कि जिले के 46 माध्यमिक और परिषदीय विद्यालयों को बाढ़ चौकी बनाया गया है। इन चौकियों में बाढ़ से प्रभावित लोगों के रहने और भोजन-पानी की व्यवस्था की जाएगी। इन विद्यालयों में पढ़ने करीब दस हजार से अधिक विद्यार्थियों को पास के विद्यालयों में स्थानांतरित किया जाएगा। वहीं अस्सी घाट पर सुबह ए बनारस का मंच पूर्ण रूप से जलमग्न हो चुका है और अस्सी से घाट उतारने वाले गली में भी पानी अब धीरे-धीरे सड़कों की तरफ बढ़ने लगा है।
वाराणसी में बाढ़ का परिदृश्य
देखिये आंकड़ा
जिला आपदा विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार वाराणसी में गंगा का वर्तमान जलस्तर (दोपहर 2 बजे) 70.14 मीटर, गंगा का चेतावनी बिन्दु 70.26, गंगा का खतरे का बिंदु 71.26 मीटर और गंगा का अधिकतम जलस्तर 73.90 मीटर है।
सदर तहसील बाढ़ से प्रभावित है। तहसील का एक गांव रामपुर ढ़ाब बाढ़ से घिर गया है। इसके अलावा सलारपुर, सरैया, नक्खीघाट, ढेलवरिया, दनियालपुर, हूकुलगंज, बड़ी बज़ार और कोनिया समेत 8 मोहल्ले बाढ़ प्रभावित हैं।
इस समय 141 बाढ़ प्रभावित परिवार राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं। वहीं 162 परिवार अन्य सुरक्षा स्थानों पर रह रहे हैं। बाढ़ से कुल विस्थापित परिवारों की संख्या 317 है। बाढ़ राहत शिविर में निवास कर रहे व्यक्तियों की कुल संख्या 672 और अन्य स्थान पर निवास कर रहे व्यक्तियों की कुल संख्या 801 है।
बाढ़ राहत शिविरों की संख्या
जिला प्रशासन की ओर से सदर तहसील में 37, पिंडरा 03, राजातालाब में 06 बाढ़ राहत शिविर बनाए गए हैं। इनमें 11 बाढ़ राहत शिविर प्राथमिक विद्यालय, सलारपुर, प्राथमिक विद्यालय सरईया, मदरसा बटलोहिया, चित्रकूट कान्वेंट स्कूल, नक्खीघाट, नवोदय विद्यालय, दनियालपुर, रामजानकी मंदिर ढ़ेलवरिया, दिप्ती कान्वेन्ट स्कूल हूकुलगंज, प्राथमिक विद्यालय, ढेलवरिया, सिटी गर्ल्स स्कूल, बड़ी बज़ार, सुभाष इंटर कॉलेज, कोनिया और प्राथमिक विद्यालय, रामपुर ढाब एक्टिव हैं।
कंटोल रूम नम्बर
बाढ़ से संबंधित सूचना और सहयोग के लिए जिला प्रशासन की ओर से हेल्पलाइन नंबर 0542-2508550, 2504170, 9140037137 जारी किया गया है।