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    ITI राजकीय आईटीआई में 52% सीटें भरीं, तीसरे चरण की प्रवेश प्रक्रिया 31 जुलाई से


    उत्तर प्रदेश लखनऊ 
    इनपुट: रमाशंकर गुप्ता 
    सरकार की पहल और अभियानों का दिखा असर, निजी आईटीआई में प्रवेश के लिए फीस यथावत

    तृतीय चरण में 25 हजार ट्रेडों पर मिलेगा प्रवेश का मौका!

    प्रवेश बढ़ाने वाले राजकीय आईटीआई प्रधानाचार्य होंगे पुरस्कृत;

    निजी संस्थानों के लिए फीस स्थिर रखने का आदेश जारी!


    लखनऊ :---उत्तर प्रदेश के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) में प्रवेश प्रक्रिया के पहले दो चरण पूरे हो चुके हैं। राजकीय आईटीआई में इस बार कुल 1,35,447 सीटों में से 70,781 सीटों पर अभ्यर्थियों ने प्रवेश लिया है, जो कि कुल 52.25 प्रतिशत है। वहीं, निजी आईटीआई में भी 30,427 छात्रों ने दाखिले लिए हैं।

    तीसरे चरण में 25 हजार सीटों पर प्रवेश का अवसर
    राज्य व्यावसायिक प्रशिक्षण परिषद के अधिशासी निदेशक अभिषेक सिंह ने बताया कि तीसरे चरण की प्रवेश प्रक्रिया 31 जुलाई से प्रारंभ होकर 5 अगस्त तक चलेगी। इस चरण में लोकप्रिय ट्रेडों की लगभग 25 हजार सीटों पर प्रवेश का अवसर मिलेगा।उन्होंने यह भी बताया कि निजी आईटीआई में प्रवेश के लिए प्रदेश सरकार ने फीस को पूर्ववत बनाए रखने का निर्णय लिया है, जिसका शासनादेश 28 जुलाई को जारी हो चुका है।

    राजकीय संस्थानों में बढ़ी रुचि, कई जनपदों में 60% से अधिक सीटें भरीं
    राजकीय आईटीआई में बुलंदशहर, पीलीभीत, रायबरेली, प्रयागराज, बरेली, लखीमपुर-खीरी और फर्रुखाबाद ऐसे जिले हैं जहां 60% से अधिक सीटें भरी गई हैं। केवल 28 जनपदों में ही सीट भराव 30 से 50% के बीच है। विभाग अब उन ट्रेडों की समीक्षा कर रहा है जिनमें कम अभ्यर्थी दाखिला ले रहे हैं। ऐसी ट्रेडों को मिलते-जुलते लोकप्रिय ट्रेड में परिवर्तित करने की योजना पर काम किया जा रहा है।

    80% से अधिक प्रवेश कराने वाले होंगे सम्मानित
    प्रमुख सचिव, व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास एवं उद्यमशीलता डॉ. हरि ओम ने बताया कि विभागीय स्तर पर प्रवेश बढ़ाने के लिए व्यापक प्रयास किए गए हैं। इनमें इंडस्ट्री मीट, कौशल मेलों, रोजगार मेलों और सीएक्सओ मीट जैसे आयोजनों के साथ-साथ विभागीय अधिकारियों की क्षमता वृद्धि प्रमुख रही। उन्होंने कहा कि जो आईटीआई तीसरे चरण तक 80% से अधिक सीटों पर दाखिला कराएंगे, उनके प्रधानाचार्य को राज्य स्तर पर पुरस्कृत किया जाएगा।

    संवाद और समाधान से मजबूत हुए निजी संस्थान
    डॉ. हरि ओम ने यह भी बताया कि निजी आईटीआई प्रतिनिधियों से लगातार संवाद किया जा रहा है। उनकी समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर हल कर उन्हें बेहतर कौशल वातावरण प्रदान किया जा रहा है, ताकि प्रदेश में कौशल शिक्षा का स्तर और भी बेहतर हो सके। दूसरे चरण के बाद जो सकारात्मक रुझान सामने आए हैं, उनसे संकेत मिल रहे हैं कि तृतीय व चतुर्थ चरण में राजकीय और निजी दोनों प्रकार के आईटीआई में दाखिलों में और तेजी आएगी। सरकार की सक्रियता और पारदर्शी प्रवेश प्रक्रिया इस बदलाव की प्रमुख वजह बन रही है।

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