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    ED की बड़ी कार्रवाई: वसई-विरार आयुक्त अनिल पवार के 12 ठिकानों पर छापेमारी



    नई दिल्ली 
    इनपुट:सोशल मीडिया 

    नई दिल्ली:--प्रवर्तन निदेशालय (ED) मुंबई ने वसई-विरार महानगरपालिका (VVCMC) के आयुक्त अनिल पवार, उनके सहयोगियों, परिवारजनों और बेनामीदारों से जुड़े 12 ठिकानों पर तलाशी अभियान शुरू किया है। यह कार्रवाई अवैध निर्माण के एक मामले में की जा रही है, जिसमें सरकारी और निजी जमीन पर अवैध रूप से रिहायशी व व्यावसायिक इमारतें खड़ी की गई थीं।

    क्या है पूरा मामला?

    शहर की अधिकृत विकास योजना के अनुसार, जिन जमीनों को सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट और डंपिंग ग्राउंड के लिए आरक्षित किया गया था, उन पर और निजी जमीनों पर कुल 41 अवैध इमारतों का निर्माण किया गया।

    इन इमारतों का निर्माण बिना किसी वैध मंजूरी के किया गया, और फिर फर्जी मंजूरी दस्तावेज बनाकर आम जनता को बेचा गया। आरोपी बिल्डरों और डेवलपर्स को पहले से ही पता था कि ये इमारतें अवैध हैं और एक दिन इन्हें गिरा दिया जाएगा, इसके बावजूद उन्होंने लोगों को गुमराह करते हुए इनमें कमरे बेच दिए।

    बिल्डर्स पर धोखाधड़ी का आरोप
    डेवलपर्स ने जनता से करोड़ों रुपये वसूल कर उन्हें अवैध इमारतों में बसाया और एक तरह से उन्हें ठगा। इस घोटाले में बिल्डर्स, डेवलपर्स और संभवतः नगर निगम के कुछ अधिकारी भी संलिप्त पाए गए हैं।

    उच्च न्यायालय के आदेश पर तोड़फोड़
    बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश पर इन सभी 41 अवैध इमारतों को ध्वस्त कर दिया गया, जिससे करीब 2,500 परिवार बेघर हो गए।

    ED की जांच का फोकस

    ईडी की जांच का मुख्य फोकस यह जानना है कि कैसे इतनी बड़ी संख्या में अवैध इमारतें खड़ी हुईं, किन अधिकारियों की मिलीभगत रही और इस अवैध निर्माण से संबंधित पैसों की हेराफेरी कैसे की गई। अनिल पवार और उनके करीबियों की संपत्ति की जांच के साथ-साथ मनी लॉन्ड्रिंग की कड़ी भी खंगाली जा रही है।

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