उत्तर प्रदेश लखनऊ
इनपुट: रमाशंकर गुप्ता
लखनऊ:--प्रदेश सरकार ने शैक्षणिक सत्र 2025-26 में निजी और पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल की आईटीआई संस्थाओं में प्रवेश लेने वाले लाखों छात्रों को राहत दी है। शासन ने स्पष्ट किया है कि इस वर्ष भी पूर्व निर्धारित मानक शुल्क ही लागू रहेगा, उसमें कोई बढ़ोतरी नहीं की जाएगी। प्रदेश की 2932 निजी व 29 पीपीपी आईटीआई में करीब 2.50 लाख सीटें हैं। इन पर प्रवेश प्रक्रिया जारी है। निजी संस्थानों द्वारा शुल्क बढ़ाने की मांग पर शासन ने अन्य राज्यों से तुलना कराने को कहा था, लेकिन जब तक इसकी रिपोर्ट आती, प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो गई। इस पर विभाग ने आदेश जारी कर बताया कि 2025-26 में भी पूर्व शुल्क ही लागू रहेगा। वर्तमान में निजी/पीपीपी आईटीआई में गैर-इंजीनियरिंग ट्रेड का शुल्क ₹15,400 और इंजीनियरिंग ट्रेड का ₹18,000 सालाना है, जबकि सरकारी आईटीआई में शुल्क सिर्फ ₹40 सालाना है।