उत्तर प्रदेश वाराणसी
इनपुट:सोशल मीडिया
वाराणसी :---नगर निगम में लगभग 6,000 कर्मचारियों के जुलाई माह के वेतन रोके जाने की खबर से कर्मचारियों में आक्रोश फैल गया। कर्मचारियों का आरोप है कि निगम प्रशासन ने सोलर पैनल न लगाने के चलते वेतन रोक दिया है, जबकि नगर निगम प्रशासन इस बात को सिरे से खारिज कर रहा है। सोमवार को कर्मचारियों ने इस मुद्दे पर नगर निगम के प्रधान कार्यालय में धरना-प्रदर्शन किया और प्रशासन के खिलाफ विरोध जताया। हालांकि अपर नगर आयुक्त ने वेतन भुगतान में विलंब की वजह तकनीकी दिक्कतों को बताया। उन्होंने अगले एक-दो कार्यदिवसों में वेतन भुगतान कर दिए जाने की बात कही।
कर्मचारी संघ के अध्यक्ष मनोज कुमार का कहना है कि शासन की "सोलर रूफटॉप योजना" को लेकर कर्मचारियों पर दबाव बनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जून माह में निगम प्रशासन ने मौखिक आदेश जारी कर कहा था कि जिन कर्मचारियों ने अपनी छतों पर सोलर पैनल नहीं लगवाया, उनका वेतन रोक दिया जाएगा। उन्होंने इसे "तुगलकी फरमान" करार देते हुए कहा कि जुलाई महीना अत्यधिक खर्चीला होता है और ऐसे समय में वेतन रोके जाने का निर्णय न केवल गलत, बल्कि अमानवीय है।
हालांकि, इस पूरे विवाद पर नगर निगम प्रशासन ने सफाई दी है। नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि वेतन रोके जाने की खबर पूरी तरह भ्रामक और अफवाह है। उन्होंने कहा कि किसी भी कर्मचारी के वेतन रोकने का कोई आदेश जारी नहीं किया गया है और नगर निगम हर माह की तरह इस बार भी ई-वेतन पोर्टल के माध्यम से वेतन प्रक्रिया पूरी कर रहा है।
अपर नगर आयुक्त सविता यादव ने बताया कि सभी कर्मचारियों की उपस्थिति 30 जून तक बायोमेट्रिक अटेंडेंस के माध्यम से दर्ज की गई थी और 4 जुलाई तक सभी विभागों से वेतन बिल भी लेखा विभाग को प्राप्त हो गए थे। लेकिन मुख्य वित्त एवं लेखाधिकारी के हाल ही में स्थानांतरण और तकनीकी प्रक्रियाओं की वजह से कुछ विलंब हुआ है। बीच में रविवार होने के कारण भी वेतन प्रक्रिया में बाधा आई। उन्होंने आश्वासन दिया कि एक से दो कार्य दिवस के भीतर सभी कर्मचारियों के वेतन उनके खातों में भेज दिए जाएंगे।