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    Worship:नाग पंचमी 2025: शुभ योग में नाग पंचमी , जानिए तिथि, शुभ मुहूर्त और धार्मिक महत्व


    उत्तर प्रदेश बलिया 
    इनपुट: अमीत कुमार गुप्ता 
    बलिया उत्तरप्रदेश:---नाग पंचमी 2025: इस वर्ष नाग पंचमी तिथि पर शिव योग और रवि योग का बेहद शुभ संयोग बन रहा है। साथ ही 29 जुलाई को सावन का मंगलवार होने के कारण इस बार नाग पंचमी पर मंगला गौरी व्रत का संयोग भी है। नाग पंचमी का त्योहार हर वर्ष श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है।*


    आज मंगलवार, 29 जुलाई को नाग पंचमी का त्योहार है। हिंदू धर्म में नाग पंचमी के त्योहार का विशेष महत्व होता है। यह त्योहर हर वर्ष श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन सांपों विशेषकर नाग देवता की पूजा-अर्चना करने का खास महत्व होता है। सावन का महीना भगवान शिव को बहुत ही प्रिय होता है और नाग को भोलेनाथ अपने गले में हमेशा ही धारण करते हैं, ऐसे में नाग पंचमी के दिन जो भी व्यक्ति नाग देवता की पूजा करता है भगवान भोलेनाथ उसकी हर एक मनोकामनाओं को पूरा करते हैं। इस वर्ष नाग पंचमी पर बहुत ही शुभ योग बन रहा है जिससे इसका महत्व बढ़ गया है। आइए जानते हैं नाग पंचमी तिथि, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त।

    🪱नाग पंचमी शुभ तिथि 2025
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    वैदिक पंचांग की गणना के अनुसार, इस वर्ष श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि की शुरुआत 28 जुलाई को रात में 11 बजकर 25 मिनट पर होगी और 29 जुलाई, मंगलवार को पंचमी तिथि रात में 12 बजकर 47 मिनट पर खत्म हो जाएगी। उदया तिथि का अनुसार, नाग पंचमी तिथि 29 जुलाई, मंगलवार को ही मनाई जाएगी।

    🪱नाग पंचमी शुभ योग 2025
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    पंचांग की गणना के अनुसार इस वर्ष नाग पंचमी तिथि पर शिव योग और रवि योग का बेहद शुभ संयोग बन रहा है। साथ ही 29 जुलाई को सावन का मंगलवार होने के कारण इस बार नाग पंचमी पर मंगला गौरी व्रत का संयोग भी है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस योग में नाग पंचमी के दिन पूजा-पाठ और मंत्रों का जाप करना बहुत ही फलदायी साबित होता है। 

    🪱नाग पंचमी पूजा विधि
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    नाग पंचमी के दिन सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें और द्वार के दोनों तरफ गोबर के नाग बनाएं। फिर पूजा स्थल में एक सर्प की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें। दही, दूध, दूर्वा, पुष्प, कुश, गंध, अक्षत और अनेक प्रकार के नैवेद्यों से नागों का पूजन करें। अब नाग देवता की आरती करें और वहीं बैठ कर नागपंचमी की कथा पढ़ें। इसके बाद नाग देवता से घर में सुख-शांति और सुरक्षा की प्रार्थना करें और ब्राह्मणों को भोजन कराए। ऐसा करने से पूजन करने वाले के कुल में कभी सर्पों का भय नहीं रहता है। नाग पंचमी पर नाग देवता को दूध और लावा चढ़ाना अर्पित करना बहुत ही शुभ होता है। अगर नाग पंचमी के दिन नाग देवता को दूध पिलाना संभव न हो तो किसी एकांत स्थान पर कटोरी में दूध और लावा रख दें। इसके अलावा नाग पंचमी पर रुद्राभिषेक करना और भगवान शिव को चांदी से बने नाग-नागिन का जोड़ा अर्पित करना शुभ होता है। 

    🪱नाग पंचमी शुभ मुहूर्त 2025
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    नाग पंचमी पर नाग देवता की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 29 जुलाई को सुबह 5 बजकर 41 मिनट से लेकर सुबह 08 बजकर 23 मिनट तक रहेगा। वहीं 29 जुलाई को चौघड़िया का शुभ मुहूर्त सुबह 10 बजकर 41 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 28 मिनट तक रहेगा। अगर दोपहर के शुभ मुहूर्त की बात करें तो 12 बजकर 27 मिनट से लेकर 2 बजकर 09 मिनट तक रहेगा। पूजन के लिए दूसरा मुहूर्त दोपहर 3 बजकर 51 मिनट से लेकर शाम 5 बजकर 32 मिनट तक रहेगा।  नाग पंचमी पर पूजा करने से विशेष फल प्राप्त होते हैं और कालसर्प दोष व सर्पदंश के भय से मुक्ति मिलती है। 

    नाग पंचमी पर्व का महत्व ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ
    शास्त्रों में पंचमी तिथि को नाग देवता का आधिपत्य माना जाता है। ऐसे में श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर नाग देवता की पूजा करना और भगवान शंकर का जलाभिषेक व रुद्राभिषेक करना बहुत ही खास होता है। नाग पंचमी पर नाग की पूजा करने पर व्यक्ति की कुंडली में राहु-केतु और कालसर्प दोषों से मुक्ति से मुक्ति मिलती है। नाग पंचमी के दिन नागों की पूजा करने से व्यक्ति और उसके परिवार की रक्षा होती है और सुख-समृद्धि आती है। 

    इस दिन नाग देवताओं को प्रसन्न करने और भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए कई तरह के धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं। जिन लोगों की कुंडली में राहु-केतु से संबंधी दोष होते हैं उन्हें नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा जरूर करनी चाहिए। 

             

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