उत्तर प्रदेश अयोध्या
इनपुट:सोशल मीडिया
अयोध्या :---राम मंदिर के भूमि पूजन की पांचवीं वर्षगांठ पर अयोध्या में मंगलवार को '695 : द अयोध्या' फिल्म सिनेमाघरों में रिलीज की गई. फिल्म में जन्मभूमि पर राम मंदिर निर्माण के लिए पांच सौ वर्षों तक हुए संघर्ष व लंबे आंदोलन के बारे में बताया गया है. फिल्म रिलीज के दौरान श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य और साधु-संत भी मौजूद रहे.
पूरे राम मंदिर आंदोलन को दर्शाती इस फिल्म के नाम में 695 अंक में 6 का तात्पर्य छह दिसंबर 1992 को ढांचा विध्वंस, 9 का तात्पर्य नौ नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट से मंदिर निर्माण संबंधी हिंदुओं के पक्ष में आया निर्णय और 5 का मतलब पांच अगस्त 2020 को राम मंदिर के भूमि पूजन से है.
अरुण गोविल ने बाबा अभिराम दास की भूमिका निभाई : फिल्म में अभिनेता अरुण गोविल ने बाबा अभिराम दास की भूमिका निभाई है. वर्ष 1949 में बाबरी मस्जिद में रामलला का प्राकट्य हुआ था और बाबा अभिरामदास ही सबसे पहले हिंदू पक्ष का केस जिला न्यायालय लेकर गए थे. 5 अगस्त को राम मंदिर का भूमि पूजन हुआ था, इसलिए अयोध्या में इसी तारीख को फिल्म रिलीज की गई.
गागर में सागर भरने वाली फिल्म : ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि इस फिल्म में सभी विषय को लिया गया है. पूरे इतिहास को दर्शाया गया है. वहीं ट्रस्टी डॉक्टर अनिल मिश्रा ने बताया कि आंदोलन से जुड़े संघर्षों को यह काल्पनिक फिल्म गागर में सागर का काम करने वाली है और यह सभी को देखने के योग्य है.
बॉलीवुड ने किया था नजरअंदाज : फिल्म निर्माता श्याम चावला ने बताया कि सनातन धर्म की इतनी बड़ी घटना को बॉलीवुड ने जिस तरह से नजरअंदाज किया, उससे हम छत्तीसगढ़ के युवाओं में विचार जागा कि क्यों ना हम लोग राम मंदिर के संघर्ष के ऐतिहासिक क्षणों और निर्माण पर एक फिल्म बनाएं, हमारा उत्साह काम आया और फिल्म ने आकर ले ली. जिसको आज अयोध्या स्थित ढिशुम सिनेमा हॉल में रिलीज किया गया.
आने वाली पीढ़ी सुनेगी संघर्षों की गाथा : विश्व हिंदू परिषद के प्रांतीय मीडिया प्रभारी शरद शर्मा ने कहा कि फिल्म में राम मंदिर आंदोलन के पल-पल की घटना को वास्तविक रूप से प्रदर्शित किया गया है. आंदोलन के योद्धाओं का अभिनय करने वाले कलाकारों ने संबंधित व्यक्ति को जीवंत कर दिया है और यह फिल्म आने वाली पीढ़ी को राम मंदिर के संघर्ष की गाथा सुनाती रहेगी.