उत्तर प्रदेश अयोध्या
इनपू:संतोष मिश्रा
अयोध्या :---उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कड़े निर्देशों के बाद खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वालों के खिलाफ प्रदेश में ताबड़तोड़ अभियान छिड़ा हुआ है। अयोध्या में खाद्य विभाग ने इस मुहिम को पूरे दमखम के साथ शुरू कर मिलावटखोरों की नींद उड़ा दी है।सहायक आयुक्त (खाद्य) मानिक चंद्र सिंह ने बताया कि मिलावटखोरों की धरपकड़ और छटनी का काम तेजी से चल रहा है। पहले से दर्ज मामलों के आधार पर ऐसे लोगों को चिह्नित किया जा रहा है। अब तक 25 से 30 सैंपल लिए जा चुके हैं, जिनमें से 20 से 22 लीगल सैंपल की जांच पूरी हो चुकी है। मुख्यमंत्री के आदेश के बाद जांच की रफ्तार को और तेज कर दिया गया है।सैंपल जांच का पारदर्शी प्रारूप
मिलावट की जांच को पूरी तरह निष्पक्ष और विश्वसनीय बनाने के लिए खाद्य विभाग ने सटीक प्रक्रिया अपनाई है:सैंपल संग्रह: प्रत्येक खाद्य नमूने को चार बराबर हिस्सों में बांटा जाता है।पहला हिस्सा: प्राथमिक जांच के लिए उत्तर प्रदेश की अधिकृत प्रयोगशालाओं (जैसे लखनऊ, वाराणसी, झांसी, आगरा, मेरठ, या गोरखपुर) में भेजा जाता है।दूसरा हिस्सा: यदि कोई पक्ष अतिरिक्त जांच की मांग करता है, तो यह हिस्सा पुणे की केंद्रीय खाद्य प्रयोगशाला में भेजा जाता है।तीसरा और चौथा हिस्सा: ये हिस्से खाद्य विभाग के पास सुरक्षित रखे जाते हैं, ताकि भविष्य में सत्यापन या दोबारा जांच की जरूरत पड़ने पर उपयोग हो सके।यह प्रक्रिया जांच में पारदर्शिता और सटीकता की गारंटी देती है। सहायक आयुक्त मानिक चंद्र सिंह ने चेतावनी दी कि बिना कंपनी के नाम या ब्रांड वाले उत्पादों पर खाद्य विभाग की पैनी नजर है। यदि ऐसे उत्पादों में मिलावट पकड़ी गई, तो बेचने वाले पर कड़ी कानूनी कार्रवाई होगी और पूरी जिम्मेदारी उसी की होगी।खाद्य विभाग ने जनता से अपील की है कि वे बिना लेबल वाले या संदिग्ध उत्पादों से परहेज करें और केवल विश्वसनीय, ब्रांडेड स्रोतों से खाद्य सामग्री खरीदें। यह अभियान उत्तर प्रदेश सरकार की उस प्रतिबद्धता का हिस्सा है, जो हर नागरिक को शुद्ध और सुरक्षित खाद्य पदार्थ उपलब्ध कराने के लिए कटिबद्ध है।मिलावटखोरों से सावधान रहें, अपने और अपने परिवार के स्वास्थ्य के लिए केवल सुरक्षित और विश्वसनीय खाद्य पदार्थों का सेवन करें।