बक्सर बिहार
इनपुट:सोशल मीडिया
बक्सर बिहार जब दुनिया शादी के बाद के हसीन पलों में खोई होती है, तब एक नवविवाहित जोड़ा देशभक्ति की सबसे बड़ी मिसाल बन गया। बक्सर जिले के नंदन गांव के 26 वर्षीय आर्मी जवान त्यागी यादव ने विवाह के अगले ही दिन देश की रक्षा के लिए ड्यूटी जॉइन कर ऐसा निर्णय लिया, जिसे सुनकर हर देशवासी की आंखें गर्व और भावुकता से भर जाएं।
7 मई को भोजपुर जिले की प्रिया कुमारी संग सात फेरे लेने वाले त्यागी यादव की बारात अभी गांव लौटी ही थी कि अगले दिन सेना से बुलावा आ गया। ज़रा भी विचलित हुए बिना उन्होंने बैग उठाया, माता-पिता का आशीर्वाद लिया और अपनी नवविवाहिता पत्नी की आंखों में गर्व के आँसू छोड़ जम्मू-कश्मीर के मच्छर सेक्टर की ओर रवाना हो गए।
"देश पहले, बाकी सब बाद में" — ये सिर्फ एक वाक्य नहीं, बल्कि त्यागी की आत्मा की आवाज़ थी। विदाई के समय उन्होंने कहा, “देश की रक्षा से बड़ा कोई धर्म नहीं। जान भी देनी पड़े, तो पीछे नहीं हटूंगा।”
उनके इस जज्बे ने पूरे गांव को भावुक कर दिया। बारात के ढोल-नगाड़ों की गूंज के बीच अचानक एक वीर सैनिक की विदाई की ख़ामोशी छा गई। गांव की गलियों में बच्चों से लेकर बुज़ुर्गों तक, हर कोई उस पल को सलाम करता रहा।
प्रिया कुमारी — जिनकी मेहंदी अभी सूखी भी नहीं थी, आंखों में आंसू और होंठों पर गर्व के साथ बोलीं, “मैं जानती थी कि एक सैनिक से शादी करने का मतलब क्या होता है। आज मेरे पति ने जो किया, उससे मेरा सिर ऊंचा हो गया। मैं हर दिन उनका इंतजार करूंगी, लेकिन कभी उनके फैसले पर आंसू नहीं बहाऊंगी।”
त्यागी यादव का परिवार भी सेना की परंपरा को जीता आया है। चचेरे भाई ओम प्रकाश यादव और मामा मंगल यादव भी सेना में सेवा दे रहे हैं। तीन पीढ़ियों से देश के लिए समर्पित यह परिवार आज हर उस युवा के लिए मिसाल बन गया है, जो देशसेवा को केवल एक नौकरी मानते हैं।
गांव के एक बुजुर्ग ने भावुक होकर कहा, “ऐसा बेटा हर गांव को मिले, तो कोई दुश्मन भारत की तरफ आंख उठाकर नहीं देख सकता।”
आज नंदन गांव की मिट्टी गर्व से भीगी है — एक बेटे ने अपने फर्ज को चुना, एक पत्नी ने अपने प्यार को राष्ट्रसेवा के नाम कर दिया, और देश को मिला एक और सच्चा सिपाही।