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    गृहमंत्री अमित शाह की अगुवाई में 24 जून को होगी चार राज्यों की बड़ी बैठक,

     
     


    चारों राज्यों के सीएम रहेंगे मौजूद, तैयारियों में जुटा प्रशासन।

    उत्तर प्रदेश वाराणसी 
    इनपुट:सोशल मीडिया 


    वाराणसी :--काशी नगरी एक बार फिर राष्ट्रीय फलक पर चमकने जा रही है। आगामी 24 जून को वाराणसी ऐतिहासिक पल का गवाह बनेगा, जब 25वीं मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक यहां आयोजित की जाएगी। यह बैठक न केवल चार राज्यों के आपसी सहयोग का मंच बनेगी, बल्कि केंद्र और राज्यों के बीच बेहतर तालमेल की दिशा में भी एक अहम कदम साबित होगी।

    गृहमंत्री अमित शाह
    यह बैठक गृह मंत्रालय द्वारा संचालित की जाती है, जिसकी अध्यक्षता केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह खुद करने जा रहे हैं। इस खास मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी, मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, अपने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ शिरकत करेंगे। इस बार उत्तर प्रदेश को बैठक की मेजबानी का अवसर मिला है और प्रदेश की ओर से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उपाध्यक्ष के रूप में बैठक में शामिल होंगे। ऐसे में उत्तर प्रदेश सरकार ने इस आयोजन को भव्य और प्रभावशाली बनाने के लिए तैयारियां तेज कर दी हैं।

    क्या है मध्य क्षेत्रीय परिषद?
     यह परिषद केंद्र और राज्यों के बीच बेहतर समन्वय और सहयोग के उद्देश्य से बनाई गई है। इसमें राज्यों की साझा समस्याओं और विकास योजनाओं पर चर्चा होती है। साथ ही सीमावर्ती जिलों, आंतरिक सुरक्षा, आधारभूत ढांचे और निवेश से जुड़े अहम मुद्दों पर भी विचार-विमर्श होता है।

    पहली बार वाराणसी जैसे सांस्कृतिक नगर में हो रही है यह उच्चस्तरीय बैठक
    प्रदेश सरकार के लिए यह मंच अपनी प्राथमिकताएं केंद्र तक पहुंचाने का बड़ा मौका
    चार राज्यों के प्रतिनिधियों के बीच आपसी समन्वय और रणनीतिक साझेदारी को मिलेगा बल
    गंगा किनारे बैठक, विकास और विरासत के संतुलन की एक प्रतीकात्मक मिसाल बन सकती है
    प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद
     जिला प्रशासन से लेकर पुलिस महकमा, नगर निगम से लेकर पर्यटन विभाग तक — सभी तैयारियों में जुटे हैं। मेहमानों के स्वागत के लिए एयरपोर्ट से लेकर गंगा घाटों तक शहर को सजाया जा रहा है। साथ ही सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं।

    इस उच्च स्तरीय बैठक के जरिए एक तरफ जहां विकास की नई योजनाओं पर मुहर लग सकती है, वहीं दूसरी ओर काशी को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक बार फिर पहचान दिलाने का मौका मिलेगा।

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