उत्तर प्रदेश बलिया
इनपुट: अमीत कुमार गुप्ता
बलिया, 8 जून:--एक माँ की कोख से लेकर समाज के संतुलन तक — हर जगह बेटी की मौजूदगी जरूरी है। लेकिन जब तकनीक का इस्तेमाल ज़िंदगी बचाने की बजाय उसे मिटाने के लिए होने लगे, तो सवाल उठाना और कार्रवाई करना जरूरी हो जाता है।
बलिया जनपद के रेवती, बैरिया व सहतवार क्षेत्रों में चल रहे अवैध अल्ट्रासाउंड केंद्रों के खिलाफ अब स्वास्थ्य विभाग सख्त रुख अपनाने जा रहा है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संजीव वर्मन ने स्पष्ट किया है कि बिना पंजीकरण या नियमों की अनदेखी करते हुए संचालित हो रहे ऐसे केंद्रों पर अब कोई रहम नहीं बरती जाएगी।
"हर बेटी की मुस्कान, समाज की असली पूंजी है," डॉ. वर्मन ने कहा। "अगर कहीं भी भ्रूण लिंग परीक्षण की सूचना मिलती है तो उस पर तुरन्त कार्यवाही होगी। हम ऐसा भविष्य नहीं चाहते जहां बेटियां ना हों।"
स्वास्थ्य विभाग ने विशेष जांच टीमें गठित कर दी हैं जो गुप्त रूप से इन केंद्रों की निगरानी कर रही हैं। पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत दोषी पाए गए संचालकों पर न सिर्फ कानूनी कार्रवाई होगी, बल्कि उनका लाइसेंस भी रद्द किया जाएगा।
डॉ. वर्मन ने आम जनता से भावुक अपील की — "यदि आप अपने आसपास ऐसी किसी अवैध गतिविधि के बारे में जानते हैं, तो चुप न रहें। आपकी एक आवाज़ कई बेटियों को जीवनदान दे सकती है।"
यह कदम सिर्फ एक प्रशासनिक कार्रवाई नहीं, बल्कि समाज की आत्मा को बचाने की कोशिश है। क्योंकि जब बेटी सुरक्षित होगी, तभी देश समृद्ध होगा।
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