उत्तर प्रदेश बलिया
इनपुट: हिमांशु शेखर
बलिया उत्तरप्रदेश:--अति हर चीज की बुरी होती है जामुन बहुत फायदेमंद साबित होता है पर कैसे ? जामुन देखने में काले और छोटे जरूर होते हैं तो क्या हुआ, आयुर्वेद के अनुसार, जामुन के बहुत सारे औषधीय गुण भी होते हैं। इन औषधीय गुणों के कारण जामुन के फायदे अनेक हैं और गर्मी के मौसम में आम के आने के समय जामुन भी आ जाते है। आयुर्वेद में जामुन को सबसे ज्यादा मधुमेह को नियंत्रण करने के लिए जाना जाता है। इसके साथ ही जामुन, भोजन को हजम करने के साथ-साथ दांतों के लिए, आंखों के लिए, पेट के लिए, चेहरे के लिए, किडनी स्टोन के लिए भी फायदेमंद होता है। जामुन में आयरन, कैल्शियम, प्रोटीन, फाइबर, कार्बोहाइड्रेड भी होता है, इसलिए ये बच्चों के सेहत के लिए भी बहुत अच्छा होता है।
आपको बताते चले जामुन एक पौष्टिक फल तो है, लेकिन कुछ बातों का ध्यान रखना भी ज़रूरी है ताकि इसके फायदे मिलें और कोई नुकसान न हो. यहां पर बताते है कि जामुन कैसे नहीं खाना चाहिए ?
किन परिस्थितियों में जामुन नहीं खाना चाहिए ???
खाली पेट: जामुन को कभी भी खाली पेट नहीं खाना चाहिए. यह एसिडिक होता है और खाली पेट खाने से पेट में दर्द, एसिडिटी या गैस हो सकती है. इसे हमेशा कुछ खाने के बाद ही खाना चाहिए.
तुरंत बाद पानी पीना: जामुन खाने के तुरंत बाद पानी पीने से बचना चाहिए. इससे अपच या पेट संबंधी अन्य समस्याएँ हो सकती हैं. जामुन खाने के कम से कम 30-40 मिनट बाद ही पानी पिएं.
दूध या दूध के उत्पाद के साथ: जामुन खाने के तुरंत बाद दूध या दूध से बने उत्पाद (जैसे दही) का सेवन नहीं करना चाहिए. जामुन में मौजूद एसिड दूध के साथ रिएक्ट कर सकते हैं, जिससे पाचन संबंधी समस्याएँ जैसे गैस, अपच या पेट दर्द हो सकता है.
हल्दी वाले भोजन के साथ: जामुन खाने के तुरंत बाद हल्दी वाला कोई भी भोजन नहीं करना चाहिए. जामुन और हल्दी एक साथ पेट में रिएक्शन कर सकते हैं और परेशानी का कारण बन सकते हैं. कम से कम 30 मिनट का अंतराल रखें.
अत्यधिक मात्रा में: "अति हर चीज की बुरी होती है." जामुन बहुत फायदेमंद है, लेकिन इसका अधिक सेवन करने से भी नुकसान हो सकता है.
ब्लड शुगर बहुत कम होना (Hypoglycemia): जामुन ब्लड शुगर को कम करने में मदद करता है, जो मधुमेह रोगियों के लिए अच्छा है. लेकिन अगर आप पहले से ही मधुमेह की दवाएं ले रहे हैं या आपका ब्लड शुगर स्तर सामान्य से कम रहता है, तो अधिक जामुन खाने से ब्लड शुगर बहुत ज्यादा कम हो सकता है, जिससे चक्कर आना, पसीना आना और बेहोशी भी हो सकती है. इसलिए जामुन का सेवन सीमित मात्रा में करें.
ब्लड प्रेशर का बहुत कम होना (Hypotension): जामुन ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद करता है, लेकिन इसका अत्यधिक सेवन करने से ब्लड प्रेशर बहुत कम हो सकता है, जिससे चक्कर और कमजोरी महसूस हो सकती है. इसलिए जामुन का सेवन संतुलित मात्रा में ही करें.
कच्चे या अधपके जामुन: हमेशा पके हुए, गहरे बैंगनी रंग के जामुन ही खाएं. कच्चे या अधपके जामुन कसैले और अधिक अम्लीय हो सकते हैं, जो पाचन में समस्या कर सकते हैं.
ठीक से धोए बिना: जामुन को खाने से पहले अच्छी तरह धोना बहुत ज़रूरी है ताकि धूल, मिट्टी और किसी भी तरह के कीटनाशक निकल जाएं.
गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएँ: गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को जामुन का सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए. हालांकि, सीमित मात्रा में यह सुरक्षित माना जाता है, लेकिन अधिक मात्रा में इसके सेवन से बचना चाहिए.
सावधानी: जामुन का सेवन हमेशा संतुलित मात्रा में ही करें, खाली पेट बिल्कुल नहीं, पानी या दूध के तुरंत बाद भी नहीं और अच्छी तरह धोकर ही करना चाहिए.।