उत्तर प्रदेश अयोध्या
इनपुट:सुरेश कुमार राजाराम
अयोध्या :---अयोध्या में तेजी से हो रहे विकास कार्य और स्मार्ट सिटी बनाने की रफ्तार के साथ पेड़ों की बलि चढ़ने का सिलसिला भी जारी है। पेड़ हमें आक्सीजन ही नहीं देते बल्कि धूप से छाया देते है पेड़ काटना तो आसान है पर पेड़ बचाना समझदारी है एक पौधे से पेड़ तैयार होने में चार पांच वर्ष लग जाते हैं हर नए निर्माण के साथ कई वर्षों पुराने पेड़ जड़ों से उखाड़ दिए जाते हैं, मानो उनका कोई मोल ही नहीं लेकिन अब वक्त आ गया है कि जिम्मेदार विभाग विकास और पर्यावरण के बीच संतुलन साधने की दिशा में ठोस कदम उठाएं पेड़ काटने की बजाय उनका प्रत्यारोपण एक वैज्ञानिक और संवेदनशील विकल्प है। इस काम में पेड़ प्रत्यारोपण मशीनें अत्यंत कारगर हो सकती हैं। भले ही इन मशीनों की कीमत कुछ अधिक हो, लेकिन अयोध्या जैसे धार्मिक, ऐतिहासिक और अब स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित हो रहे शहर के लिए यह एक आवश्यक निवेश है।नगर निगम, वन विभाग, लोक निर्माण विभाग और विकास प्राधिकरण को समन्वय बनाकर ऐसे स्थायी उपाय अपनाने चाहिए जिससे "विकास के नाम पर विनाश" की छवि न बने। प्रत्यारोपण मशीनों के माध्यम से न केवल पेड़ों का जीवन बचाया जा सकता है, बल्कि यह हरियाली की विरासत को भी संरक्षित रखने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा।