उत्तर प्रदेश बलिया
इनपुट: अमीत कुमार गुप्ता
बलिया उत्तरप्रदेश:--सदियों से आयुर्वेद में गिलोय को "अमृत बेल" के नाम से जाना जाता है – और इसकी वजह साफ़ है! यह एक शक्तिशाली जड़ी-बूटी है जो हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) को बढ़ाने और कई बीमारियों से लड़ने में अद्भुत काम करती है।
गिलोय आपके लिए क्यों ख़ास है?
गिलोय सिर्फ़ एक पौधा नहीं, बल्कि गुणों का खज़ाना है:
* इम्यूनिटी बूस्टर: गिलोय एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होती है। यह शरीर से हानिकारक टॉक्सिन्स को बाहर निकालकर आपके इम्यून सिस्टम को मज़बूत बनाती है। यह आपकी श्वेत रक्त कोशिकाओं (WBCs) की संख्या बढ़ाती है, जो बीमारियों से लड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
* खून की कमी दूर करे: अगर आप एनीमिया से जूझ रहे हैं, तो गिलोय आपके लिए फ़ायदेमंद हो सकती है। रोज़ाना सुबह-शाम गिलोय का रस घी, शहद, गुड़ या मिश्री के साथ लेने से शरीर में खून की कमी को दूर करने में मदद मिलती है।
* बुखार और संक्रमण में रामबाण: बुखार पीड़ितों के लिए गिलोय किसी टॉनिक से कम नहीं। इसके एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-वायरल गुण आपको सर्दी, खांसी, बुखार और अन्य संक्रमणों से बचाने में मदद करते हैं।
* पाचन सुधारे: एक मज़बूत इम्यूनिटी के लिए अच्छा पाचन बेहद ज़रूरी है। गिलोय आपकी पाचन शक्ति को बेहतर बनाने में भी सहायक है।
* त्वचा के लिए वरदान: फटी हुई त्वचा के लिए गिलोय का तेल (दूध में मिलाकर गर्म कर ठंडा किया हुआ) लगाने से त्वचा कोमल और साफ़ होती है, साथ ही वातरक्त दोष भी दूर होता है।
गिलोय का सेवन कैसे करें?
गिलोय को अपनी रोज़ाना की दिनचर्या में शामिल करना बेहद आसान है। आप अपनी सुविधा के अनुसार इसे इन रूपों में ले सकते हैं:
* गिलोय का काढ़ा:
* 5-6 ताज़ी गिलोय की बेल के छोटे टुकड़े करें।
* इन्हें 2-3 गिलास पानी में डालकर तब तक उबालें जब तक पानी आधा न रह जाए।
* छानकर गरमागरम पिएँ। रोज़ सुबह ख़ाली पेट पीने से आपकी इम्यूनिटी तेज़ी से बढ़ेगी।