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    "वो पिच जहां मेजबान गेंदबाज खुद बेबस नजर आए, उसी पर दो भारतीय शेर गरजे..."


    खेल समाचार 
    इनपुट: खेल जगत 
    खेल समाचार:---क्रिकेट में अक्सर कहा जाता है कि "विकेट बोलता है," लेकिन इस बार विकेट खामोश था — और बोल रही थी मोहम्मद सिराज और आकाशदीप की गेंदें।

    इंग्लैंड के खिलाफ दूसरा टेस्ट भले ही स्कोरबोर्ड पर शुभमन गिल के चमकते शतक के लिए याद रखा जाए, लेकिन असली कहानी वो थी जो गेंद के ज़रिए लिखी गई — और कलम बने सिराज और आकाशदीप।

    जिस फ्लैट, बेजान, सपाट पिच पर इंग्लैंड के अनुभवी तेज़ गेंदबाज़ भी थक-हारकर किनारे बैठ गए, उसी मैदान पर भारत के इन दो तेज़ तर्रार गेंदबाज़ों ने गेंद को नाचने पर मजबूर कर दिया। न सिर्फ गेंद हिली, बल्कि इंग्लैंड का पूरा बल्लेबाज़ी क्रम भी झुका — और साथ ही झुका गुरूर।

    बेन स्टोक्स, जो हर बार टॉस जीतते ही आंख बंद करके गेंदबाज़ी का फैसला करते हैं, शायद इस बार सोच में पड़ गए होंगे। क्योंकि खुद अपनी धरती पर, अपनी परिस्थितियों में, उनके गेंदबाज़ वो नहीं कर पाए जो सिराज और आकाशदीप ने कर दिखाया।

    ये सिर्फ एक स्पेल नहीं था, ये एक बयान था। एक एलान था कि भारतीय तेज़ गेंदबाज़ अब सिर्फ घर में नहीं, विदेश में भी कहर बनकर टूट सकते हैं — चाहे पिच कैसी भी हो।

    अगर टीम इंडिया इस टेस्ट को जीत लेती है, तो जीत की ये गाथा सिराज और आकाशदीप की धारदार गेंदबाज़ी के बिना अधूरी मानी जाएगी। और सोचिए, जब ये दोनों फ्लैट पिच पर ऐसा कहर ढा सकते हैं, तो ज़रा तेज़ गेंदबाज़ों के लिए मुफ़ीद विकेट मिल जाए — फिर तो बल्लेबाज़ों के लिए साँस लेना भी मुश्किल हो जाएगा।

    यह सिर्फ गेंदबाज़ी नहीं थी, यह एक दस्तक थी — विश्व क्रिकेट के दरवाज़े पर।

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