उत्तर प्रदेश अयोध्या
इनपुट:संतोष मिश्रा
अयोध्या :--रामलला को मिलेगी बहन शांता की राखी श्री रामलला की कलाई पर बांधी जाएंगी मधुबनी शैली पर बनी राखी राम दरबार और बालक राम गर्भगृह के लिए अलग अलग बनी हैं खुबसुरत मंत्र मुग्ध करने वाली भगवान राम की राखी शुद्धता और पवित्रा को ध्यान में रखते हुए बनाई गई हैं इकोफ्रैंडली नेचुरल तरीके से राम की राखी श्री राम की राखी पर्व पर होगा 3 दिन का विधिवत् पूजन अर्चन कल से शुरू होगी विधिवत् पूजन अर्चना 8 अगस्त की शोभायात्रा में शामिल होंगे हजारों श्रद्धालु
श्री श्रृंगी ऋषि आश्रम से अयोध्या धाम पहुंचेगी शोभायात्रा दर्जनों जगह श्री राम की राखी की होगी आरती पूजन
राम मंदिर में द्वितीय प्राण प्रतिष्ठा के बाद राजा राम के साथ माता सीता और तीनों भाई के लिए पहला रक्षाबंधन का त्योहार अति विशिष्ट और ऐतिहासिक होने जा रहा है। श्रावण शुक्ल पूर्णिमा के शुभ मुहूर्त पर सभी विग्रहों को बड़ी बहन शांता की ओर से मधुबनी की शैली पर बनी जरी और मोतियों की राखियां बांधी जाएंगी। जिले में श्रृंगी ऋषि आश्रम से 6वें श्री रामलला रक्षाबंधन महोत्सव के तहत चार दिवसीय आयोजन संपन्न किए जाएंगे।आपको बता दें कि राम नगरी में इस वर्ष रक्षाबंधन का पर्व भव्य तरीके से मनाया जाएगा। यह अवसर इसलिए भी विशेष है क्योंकि राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के बाद यह पहला रक्षाबंधन होगा। भगवान श्रीराम और उनके भाइयों भरत, लक्ष्मण और शत्रुघ्न की कलाई पर उनकी बड़ी बहन शांता की ओर से राखियां बांधी जाएंगी। ये राखियां मधुबनी कला शैली में जरी और मोतियों से सजी होंगी।श्री श्रृंगी ऋषि आश्रम से देवी शांता के द्वारा यह रक्षासूत्र भेजा जाएगा। यहां से 6वां 'रामलला रक्षाबंधन महोत्सव' तीन दिवसीय आयोजन के तहत मनाया जाएगा। 8 अगस्त को शोभायात्रा के साथ राखियां, फल और मिष्ठान्न लेकर कारसेवकपुरम् पहुंचाया जाएगा, जहां इसे मंदिर ट्रस्ट को सौंपा जाएगा। इससे पहले, आश्रम में तीन दिवसीय पूजा, अर्चना और सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। श्रृंगी ऋषि वही हैं जिनके पुत्रेष्टि यज्ञ से भगवान राम का जन्म हुआ। पौराणिक मान्यता के अनुसार, श्रृंगी ऋषि का विवाह अयोध्या के चक्रवर्ती राजा दशरथ की पुत्री देवी शांता से हुआ था। इसलिए, यह राखी उनके ससुराल अयोध्या में प्रभु श्रीराम को भेजी जाती है।
मीडिया प्रभारी अनुराग सिंह बताते है कि इस बार की विशेष राखियां जूट फॉर लाइफ संस्था की महिला कारीगरों द्वारा तैयार की गई हैं। इन राखियों में कलावा, रेशम, तुलसी बीज, मोती, सिल्क और जूट जैसे प्राकृतिक और आध्यात्मिक तत्वों का उपयोग किया गया है। हर राखी प्रेम, भक्ति और भारतीय परंपरा की भावना से बनी है। 'जूट फॉर लाइफ' संस्था ग्रामीण और शहरी महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कार्यरत है और पर्यावरण-संरक्षण के उद्देश्य से जूट जैसे इको-फ्रेंडली उत्पादों को बढ़ावा देती है।