उत्तर प्रदेश प्रयागराज
इनपुट: सोशल मीडिया
प्रयागराज :--- श्रीकृष्ण जन्मभूमि मथुरा व शाही ईदगाह मामले में भगवान श्रीकृष्ण विराजमान (प्रतिनिधि वाद) को निरस्त करने की मांग करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की गई. यह अर्जी सूट नंबर सात में कथावाचक कौशल किशोर ठाकुर की ओर से अधिवक्ता रीना एन सिंह व अधिवक्ता राणा सिंह ने दायर की है.
अर्जी में कहा गया है कि हाईकोर्ट का 18 जुलाई का आदेश जिसमें भगवान श्रीकृष्ण विराजमान (वाद संख्या 17) को सभी हिंदू पक्षकारों और स्वयं श्रीकृष्ण विराजमान का प्रतिनिधि मान लेना गलत है. अर्जी में कहा गया है कि वाद संख्या 17 तब दाखिल किया गया, जब मथुरा के सभी मुकदमे हाईकोर्ट में ट्रांसफर हो चुके थे और उन्हें एक साथ जोड़ने का आदेश भी दिया जा चुका था. ऐसे में नए वाद को प्रतिनिधि वाद मान लेना उन वादकारियों के साथ अन्याय है जो सालों से मुकदमा लड़ रहे थे.
अर्जी में कहा गया है कि प्रतिवादी दो से छह निजी मुस्लिम व्यक्ति हैं. इस मामले में उनकी कोई कानूनी हिस्सेदारी नहीं है. ऐसे में उन्हें प्रतिवादी बनाना कानून का उल्लंघन है, इसे रोका जाना चाहिए. अर्जी में अन्य कई दलीलों का उल्लेख करते हुए सूट 17 को निरस्त करने की मांग की गई है.
मथुरा कोर्ट में दाखिल हुई थी पहली याचिका : सुप्रीम कोर्ट के वकील हरिशंकर जैन, विष्णु शंकर जैन और रंजना अग्निहोत्री सहित पांच वकीलों ने 25 सितंबर 2020 में श्रीकृष्ण जन्मस्थान के मालिकाना हक को लेकर मथुरा कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. जिसमें श्री कृष्ण सेवा संस्थान और शाही ईदगाह कमेटी, सुन्नी वफ्फ बोर्ड और श्री कृष्ण जन्मभूमि सेवा ट्रस्ट को प्रतिवादी पक्ष बनाया गया था. कोर्ट से मांग की गई थी कि श्री कृष्ण जन्मस्थान को मस्जिद मुक्त मंदिर बनाया जाए.