उत्तर प्रदेश बलिया
इनपुट: हिमांशु शेखर
बलिया उत्तरप्रदेश:--सांवा के चावल – व्रत का सुपरफूड और सेहत का खज़ाना
सांवा के चावल (Sama ke Chawal / Little Millet) एक विशेष प्रकार का अनाज (मिलेट) है, जो देखने और खाने में बिल्कुल चावल जैसा लगता है। इसे अलग-अलग जगहों पर “सांवा”, “सामा”, “मौरैया”, “भगर” या “वरई” भी कहा जाता है। उपवास के दिनों में इसका सेवन सबसे ज़्यादा किया जाता है।
👉 पौष्टिकता से भरपूर
यह ग्लूटेन-फ्री है, यानी पेट पर हल्का और एलर्जी-फ्री।
इसमें भरपूर मात्रा में फाइबर होता है, जो पाचन को दुरुस्त रखता है।
प्रोटीन, आयरन, कैल्शियम और मैग्नीशियम से समृद्ध।
डायबिटीज़ रोगियों के लिए लाभकारी क्योंकि यह ब्लड शुगर को नियंत्रित रखता है।
वजन घटाने वालों के लिए आदर्श क्योंकि यह जल्दी पचता है और लंबे समय तक भूख नहीं लगने देता।
🙏 व्रत में महत्व
नवरात्रि, एकादशी, महाशिवरात्रि या सावन के व्रत में सांवा के चावल सबसे लोकप्रिय विकल्प हैं। यह पेट को हल्का रखते हुए ऊर्जा भरते हैं, जिससे पूरे दिन व्रत में थकान नहीं होती।
🍲 सांवा से बनने वाले व्यंजन
सांवा के चावल की खिचड़ी
सांवा का पुलाव
सांवा का उपमा और ढोकला
सांवा की इडली और डोसा
सांवा का हलवा और खीर
👉खासियत
स्वाद और रूप से बिल्कुल चावल जैसा, पर असली चावल से कहीं ज़्यादा सेहतमंद।
व्रत का आदर्श भोजन क्योंकि यह ऊर्जा, पचने की आसानी और पोषण तीनों देता है।
आधुनिक लाइफस्टाइल में भी इसे रोज़ाना डाइट में शामिल करना बेहद लाभकारी है।
👉सांवा के चावल सिर्फ उपवास का आहार नहीं, बल्कि सेहत का खज़ाना हैं। यह आपकी थाली में स्वाद भी लाते हैं और शरीर को ताक़त भी देते हैं।