उत्तर प्रदेश बलिया
इनपुट: हिमांशु शेखर
बलिया उत्तरप्रदेश:---पुत्र की दीर्घायु और सुख-समृद्धि के लिए महिलाएं 14 सितंबर (रविवार) को जीवित्पुत्रिका व्रत रखेंगी। यह व्रत अश्विन मास शुक्लपक्ष की अष्टमी तिथि को किया जाता है। व्रती महिलाएं रविवार को 24 घंटे का निराजल उपवास रखकर भगवान जीमूतवाहन की पूजा-अर्चना करेंगी और कथा श्रवण करेंगी।
व्रत की शुरुआत शनिवार (13 सितंबर) को नहाय-खाय के साथ होगी। इस दिन महिलाएं स्नान-ध्यान कर सात्विक भोजन ग्रहण करेंगी। अष्टमी तिथि 14 सितंबर को सुबह 5:05 बजे से शुरू होकर रात 3:07 बजे तक रहेगी। इसी दिन शाम को मंदिरों और कुंडों पर महिलाएं विधिवत पूजा करेंगी।
अगले दिन 15 सितंबर को नवमी तिथि पर पूजा-पाठ कर सूर्यदेव को अर्घ्य देने के बाद पारण के साथ व्रत पूर्ण किया जाएगा। इसी के साथ सोलह दिनों से चल रहे श्रीलक्ष्मीजी के व्रत की पूर्णाहुति भी होगी।
ज्योतिषाचार्य विमल जैन के अनुसार इस बार जीवित्पुत्रिका व्रत पर रोहिणी नक्षत्र और रवि योग का संयोग रहेगा। वहीं, लक्ष्मीकुंड पर आयोजित सोरहिया मेला का समापन भी इसी दिन होगा।