Type Here to Get Search Results !

custum trend menu

Stories

    सिंधु जल संधि स्थगित करने पर बिलावल बोले- सिंधु नदी हमारी है और हमारी ही रहेगी, या तो हमारा पानी बहेगा या आपका खून: Bilawal bhutto



    सुक्कुर पाकिस्तान
    इनपुट: सोशल मीडिया 


    सुक्कुर (पाकिस्तान) :,--- भारत के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत ने सिंधु जल संधि को सस्पेंड कर दिए जाने की घोषणा की है. इससे परेशान पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने एक सार्वजनिक रैली में अपने भाषण के दौरान खोखली बयानबाजी की।
    जियो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, शुक्रवार को सुक्कुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए बिलावल ने कहा कि जिस तरह पीपीपी ने आम सहमति के बिना विवादास्पद नहर परियोजना को मंजूरी नहीं दी, उसी तरह पाकिस्तानी एकजुट होकर सिंधु नदी पर भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आक्रामकता का जोरदार जवाब देंगे।


    पीपीपी अध्यक्ष ने कहा, "सुक्कुर के बहादुर लोगों ने रैली में भाग लेकर स्पष्ट संदेश दिया है कि हम किसी को भी सिंधु पर सौदेबाजी नहीं करने देंगे. भुट्टो ने कहा कि मोदी सरकार एकतरफा तरीके से सिंधु जल संधि को निलंबित कर रही है लेकिन मैं सुक्कुर में सिंधु नदी के किनारे खड़ा होना चाहता हूं और भारत को स्पष्ट संदेश देना चाहता हूं कि सिंधु नदी हमारी है और हमारी ही रहेगी, इस सिंधु से या तो हमारा पानी बहेगा या आपका खून."
    बता दें कि एक दिन पहले पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने स्वीकार किया था कि उनका देश आतंकवादी समूहों को वित्त पोषण और समर्थन दे रहा है।

    वायरल हुए एक वीडियो क्लिप में,:पाकिस्तान के रक्षा मंत्री स्काई न्यूज की यल्दा हकीम के साथ बातचीत कर रहे थे. इसमें पूछा गया कि क्या आप मानते हैं कि पाकिस्तान का इन आतंकवादी संगठनों को समर्थन, प्रशिक्षण और वित्त पोषण करने का एक लंबा इतिहास रहा है? इसके जवाब में ख्वाजा आसिफ ने कहा, "हम लगभग 3 दशकों से संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए यह गंदा काम कर रहे हैं. वह एक गलती थी और हमने इसके लिए पीड़ा झेली।

    स्काई न्यूज के प्रस्तोता यल्दा हकीम के साथ साक्षात्कार में पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ने भारत के साथ संभावित पूर्ण युद्ध की चेतावनी दी. आसिफ के बयान से यह तथ्य उजागर होता है कि पाकिस्तान कई वर्षों से इन आतंकवादी समूहों को पनाह दे रहा है।

     पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद :जिसमें 26 लोग मारे गए थे, केंद्र सरकार ने कई कूटनीतिक उपायों की घोषणा की थी. इसमें अटारी में एकीकृत चेक पोस्ट (आईसीपी) को बंद करना, पाकिस्तानी नागरिकों के लिए सार्क वीजा छूट योजना (एसवीईएस) को निलंबित करना, उन्हें अपने देश लौटने के लिए 40 घंटे का समय देना और दोनों पक्षों के उच्चायोगों में अधिकारियों की संख्या कम करना।


    भारत ने पहलगाम हमले के मद्देनजर 1960 में हस्ताक्षरित : सिंधु जल संधि को भी रोक दिया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी देश को आश्वासन दिया कि इस हमले के लिए जिम्मेदार आतंकवादियों के साथ-साथ इसकी साजिश रचने वालों को उनकी कल्पना से परे सजा मिलेगी. प्रधानमंत्री ने कहा कि आतंकवाद के बचे हुए गढ़ों को भी नष्ट करने का समय आ गया है और 140 करोड़ भारतीयों की इच्छाशक्ति अब आतंकवाद के दोषियों की कमर तोड़ देगी।

    Bottom Post Ad

    Trending News