नई दिल्ली
इनपुट:सोशल मीडिया
नई दिल्ली :--- प्रवर्तन निदेशालय (ED) के निदेशक राहुल नवीन ने गुरुवार को कहा कि 2014 से 2024 तक प्रवर्तन गतिविधि में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. इसके तहत प्रति वर्ष औसतन 500 से अधिक मामलों में मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत 5,113 नई जांचें शुरू की गई हैं। Front News India नए पीएमएलए मामलों के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि 775 नई पीएमएलए जांचें शुरू की गईं. इसके अलावा 333 अभियोजन शिकायतें दर्ज की गईं जिसके परिणामस्वरूप वित्त वर्ष 2024-25 में 34 व्यक्तिगत दोषसिद्धियां हुईं.
इस अवधि के दौरान, ईडी ने 30,036 करोड़ रुपये मूल्य के 461 अनंतिम कुर्की आदेश जारी किए हैं जो पिछले वर्ष की तुलना में कुर्की की संख्या में 44 प्रतिशत की वृद्धि और उनके कुल मूल्य में 141 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. ईडी प्रमुख ने बताया कि 31 मार्च तक अनंतिम कुर्की के तहत संपत्तियों का कुल मूल्य 1,54,594 करोड़ रुपये था.
राहुल नवीन ने कहा कि अदालतों की मंजूरी से वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान 30 मामलों में 15,261 करोड़ रुपये की प्रतिपूर्ति की गई और वित्त वर्ष 2025-26 में इस प्रक्रिया में तेजी आने की संभावना है.
ईडी डे' कार्यक्रम में नवीन ने कहा, "ईडी ने पिछले साल 333 अभियोजन शिकायतें दर्ज कीं, जिससे 31 मार्च तक विभिन्न चरणों में कुल 1,739 मामले सुनवाई के लिए उपलब्ध हो गए और अब तक तय किए गए 47 मामलों में से केवल 3 मामले बरी हुए हैं. इससे 93.6 प्रतिशत की सराहनीय सजा दर प्राप्त हुई है."
ईडी की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार अकेले 2024-25 में ईडी ने 775 मामलों में जांच शुरू की और 30,000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क की जो वित्तीय अपराध को प्रभावी ढंग से रोकने में इसके सक्रिय दृष्टिकोण को दर्शाता है.
ईडी की रिपोर्ट के मुताबिक एजेंसी पीड़ितों को बरामद धनराशि वापस करने का प्रयास करती है, जैसे कि धोखाधड़ी करने वाले निवेशक या गैर-निष्पादित आस्तियों (एनपीए) वाले बैंक - जिससे वित्तीय प्रणाली में जनता का विश्वास बहाल हो सके. रिपोर्ट में कहा गया है, "नीरव मोदी और विजय माल्या से जुड़ी संपत्तियों की जब्ती जैसे ऐतिहासिक मामले बैंकों और प्रभावित पक्षों को 30,000 करोड़ रुपये से अधिक की पुनर्संरचना करने में ईडी की सफलता को उजागर करते हैं."
इसके अलावा ईडी ने प्रमुख बैंक धोखाधड़ी मामलों की सख्ती से जांच करके निर्णायक प्रतिक्रिया दी है, जिसका उद्देश्य धोखाधड़ी करने वाले बैंकों या सही दावेदारों को संपत्ति तुरंत वापस करना है.
इस वर्ष मार्च तक, ईडी ने बैंक धोखाधड़ी से संबंधित 1,228 से अधिक मनी लॉन्ड्रिंग मामलों की जांच की। Front News India वहीं 80,000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियां कुर्क कीं और बैंकों को 23,258 करोड़ रुपये से अधिक की राशि वापस दिलाई.
इस प्रकार, रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि भारतीय बैंकों में एनपीए अनुपात में कमी लाने में ईडी द्वारा केंद्रित और सक्रिय दृष्टिकोण की भूमिका को कम करके नहीं आंका जा सकता है.
2024-25 में पीएमएलए मामले
ईडी की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार कुर्क की गई संपत्तियों की कुल संख्या 461 है जो 44 प्रतिशत अधिक है. वहीं कुर्क की गई संपत्तियों का मूल्य 30,036.41 करोड़ रुपये है जो 141 प्रतिशत अधिक है. इसके अलावा गिरफ्तारियां 214 की गईं, साथ ही दोषसिद्धि की संख्या 34 है जो 113 प्रतिशत अधिक है और जब्त की गई राशि 18.37 करोड़ रुपये है.
2024-25 में फेमा
जांचों की संख्या 2631 शुरू की गई जो 5 प्रतिशत अधिक है. वहीं 624 जांचों का निपटारा किया गया जबिक 276 कारण बताओ नोटिस (एससीएन) जारी किए गए जो 17 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई. इसी तरह 173 एससीएन का निपटारा किया गया और 5238 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया।