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    Big News बिजली कर्मचारियों के निष्कासन व हड़ताल का दिखने लगा असर, ग्रामीण अंचलों में ठप है आपूर्ति

    उत्तर प्रदेश अयोध्या 
    इनपुट:संतोष मिश्रा


    0 मजदूर दिवस के दिन मजदूरों का निष्कासन कर विभाग ने दिया उन्हें उपहार

     अयोध्या :---बिजली विभाग की रीढ़ माने जाने वाले संविदा बिजली कर्मियों मैं आधे लोगों के निष्कासन की वजह तथा दो महीना से वेतन न मिलने सेहड़ताल का असर दिखने लगा है। इस समय ग्रामीण अंचलों में बिजली की आपूर्ति राम भरोसे है। सरकार बोलती है कि गांव में 18 घंटे बिजली है तो इसका असर यह है कि बिजली कब आए कब जाए कुछ पता नहीं है 10 से 12 घंटे से अधिक नहीं मिल रही है। हड़ताल से ग्रामीण अंचलों में काफी हालत खराब है। दिन हो या रात यदि किसी ट्रांसफार्मर से या विद्युत पोल से फ्यूज उड़ जाए तो संविदा कर्मियों की हड़ताल के चलते उसे ठीक करने वाला कोई नहीं है, और ना ही हड़ताल खत्म करने का आश्वासन देने के लिए किसी सक्षम अधिकारी या विधायक मंत्री भी सामने नहीं आ रहा है, आधे संविदा कर्मियों के निष्कासन की वजह से उनकी रोजी-रोटी खत्म हो जाने से उनका भविष्य अंधकार में हो गया है जिससे सभी संविदा कर्मी मुख्य अभियंता कार्यालय अयोध्या पर कई दिनों से हड़ताल पर हैं, इसकी वजह से कोई भी अवर अभियंता अथवा एसडीओ यह कहने की भी स्थिति में नहीं है की फाल्ट कब तक ठीक हो पाएगा अथवा नहीं हो पाएगा ऐसे में कानून व्यवस्था की भी स्थिति बदतर हो सकती है भविष्य में विद्युत उपकेंद्र पर कर्मचारी से जनता का झड़प का सामना भी हो सकता है, संविदा कर्मियों का कहना है की 1 मई श्रमिक दिवस होता है ऐसे में हम लोगों को नौकरी से निकलकर सरकार ने मजदूर दिवस का अच्छा उपहार दिया है, दूसरी तरफ विद्युत सब स्टेशन गोडवा, के निष्कासित संविदा कर्मियों ने बताया कि हम लोग प्रतिदिन ड्यूटी करते थे तो निकाल दिया गया लेकिन चार कर्मचारी विवेक कुमार शैलेंद्र कुमार भानु तथा अजय प्रताप ऐसे कर्मचारी हैं जिनके मुंह किसी कर्मचारियों ने आज तक नहीं देखा और ना यह लोग कभी ड्यूटी  पर आते हैं लेकिन इनका वेतन हर महीने निकाला जाता है यह कौन है और कहां के हैं इनके बारे में अवर अभियंता ज्ञानचंद ही बता सकते हैं, इस बारे में एसडीओ मनोज कुमार यादव ने बताया कि शीघ्र ही इस प्रकरण की जांच कर  उचित कार्रवाई की जाएगी, दूसरी तरफ प्राप्त सूत्रों के अनुसार कई अवर अभियंताओं ने अपने अधिकारियों को लिखकर दे दिया है की संविदा कर्मियों का निष्कासन यदि रद्द नहीं हुआ तो हम काम नहीं कर पाएंगे बिजली रहे या जाए मेरी जिम्मेदारी  नहीं है

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