उत्तर प्रदेश बलिया
इनपुट: हिमांशु शेखर
बलिया :--- बलिया की ज़मीन आज गवाही दे रही है — गवाही उस उम्मीद की, जो नन्ही कोखों में धड़क रही थी; गवाही उस न्याय की, जिसे वर्षों से अनसुना किया गया; और गवाही उस बदलाव की, जिसकी पहली ईंट रखी गई है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संजीव वर्मा की अगुवाई में बलिया प्रशासन ने रेवती, सहतवार, बांसडीह और बैरिया में चल रहे अवैध लिंग परीक्षण केंद्रों पर सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है।
सहतवार में ‘आदर्श सेवा सदन हॉस्पिटल’ को सील किए जाने की खबर जब फैली, तो कई लोगों की आंखों में सुकून के आंसू थे। वर्षों से इन इलाकों में कुछ अस्पतालों ने मानवता को शर्मसार किया — जहां जीवन को जन्म देने वाली कोख को ही अपराध बना दिया गया। स्थानीय लोगों ने बताया कि रेवती, सहतवार, बांसडीह व बैरिया में जो अवैध अल्ट्रासाउंड केंद्र चल रहे है जिनका मुख्य उद्देश्य सिर्फ लिंग परीक्षण, भ्रूण हत्या, व गर्भपात करवाना है। स्थानीय लोगों ने सी एम ओ बलिया को बताया की 5 से 10 हजार में करते है लिंग परीक्षण। महज़ चिकित्सा सेवा का नाम भर थे, असल में ये मासूम बेटियों के सपनों की कब्रगाहें थीं। ₹5,000 से ₹10,000 तक में यहां भ्रूण लिंग जांच की जाती थी — और उसके बाद, चुपचाप, बिना किसी शोर के, एक और बेटी को दुनिया देखने से पहले ही मिटा दिया जाता है।
लेकिन अब नहीं।
बलिया की धरती ने आज प्रण लिया है कि कोई भी मासूम जिंदगी अब यूं अधूरी नहीं रहेगी।
डॉ. संजीव वर्मा ने स्पष्ट कहा,
"हमारी बेटियां हमारे भविष्य की नींव हैं। जो लोग इस पवित्र कोख को व्यापार बनाना चाहते हैं, उनके लिए अब बलिया में कोई जगह नहीं है। हम हर उस सेंटर को बंद करेंगे जो जीवन के खिलाफ काम कर रहा है।"
यह सिर्फ एक प्रशासनिक कार्रवाई नहीं, यह हर मां की आंखों में बसी उस बेटी की मुस्कान की सुरक्षा है जिसे जन्म लेने से पहले ही छीन लिया जाता है। यह कार्रवाई उन अनगिनत बेटियों के नाम है जिन्हें नाम तक नहीं मिल सका।
अब वक्त है समाज को भी इस लड़ाई में कंधे से कंधा मिलाकर चलने का। अगर आप किसी ऐसे सेंटर के बारे में जानते हैं, जो इस अपराध में शामिल है — तो चुप मत रहिए। ये लड़ाई सिर्फ प्रशासन की नहीं, हमारी सभी की है।
क्योंकि जब बेटी बचेगी, तभी घर बसेगा।
क्योंकि हर कोख को मुस्कुराने का हक़ है।
क्योंकि एक बेटी सिर्फ बेटी नहीं, एक पूरी पीढ़ी की जननी होती है।
"चलो, एक वादा करें — अब कोई कोख सूनी नहीं रहेगी।"