उत्तरप्रदेश लखनऊ
इनपुट: सोशल मीडिया
लखनऊ:---उत्तर प्रदेश में विभागों में होने वाले ट्रांसफर में भ्रष्टाचार की शिकायतें सामने आने के बाद कई सवाल उठ रहे हैं। योगी सरकार के सात साल बीतने के बाद इस बार न सिर्फ़ तबादलों में भ्रष्टाचार के आरोप खुलकर लगे बल्कि कई विभागों के मंत्रियों और अधिकारियों में टकराव भी सामने गया। कई विभागों में तबादले नहीं हो पाए तो मुख्यमंत्री ने स्टाम्प और रजिस्ट्रेशन विभाग के तबादले निरस्त कर दिए।
उत्तर प्रदेश में विभागों में होने वाले ट्रांसफर सुर्खियों में हैं। भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ ‘ज़ीरो टॉलरेंस’ की बात करने वाले यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर सबकी नज़र है। ख़ासतौर पर इसलिए क्योंकि उन्होंने ख़ुद स्टाम्प और रजिस्ट्रेशन विभाग के मंत्री रवीन्द्र जायसवाल की शिकायत के बाद सभी ट्रांसफर निरस्त करने का आदेश दिया। तबादलों को लेकर जहाँ नौकरशाही और जन प्रतिनिधियों के बीच टकराव खुल कर सामने आ गया है वहीं तबादले के लिए होने वाला पैसे का खेल भी सुर्खियों में है। मंत्री रवीन्द्र जायसवाल की मुख्यमंत्री को लिखी शिकायती चिट्ठी चर्चा में है तो प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक की अपने प्रमुख सचिव के ख़िलाफ़ की गयी शिकायत की चर्चा भी हो रही है।