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    Lemon:नींबू का पौधा फल नहीं दे रहा हैं तो यह चिंता की बात हैं उचित देखभाल नियमित पोषण की जरूरत

    उत्तर प्रदेश बलिया 
    इनपुट: हिमांशु शेखर 
    बलिया उत्तरप्रदेश:---नींबू का पौधा फल नहीं दे रहा हैं तो यह चिंता की बात हैं लेकिन इसका समाधान भी पूरी तरह संभव हैं, बस थोड़ा धैर्य, उचित देखभाल और नियमित पोषण देने की जरूरत हैं।

    ✅️ 1. नींबू के पौधे को धूप की बहुत जरूरत होती हैं। पौधे को ऐसी जगह पर लगाए, जहां उसे रोजाना कम से कम 6 से 8 घंटे धूप मिले। कम धूप मिलने से फल लगने की प्रक्रिया प्रभावित होती हैं।

    ✅️ 2. अगर पौधा गमले में है तो जरूरी है कि गमला कम से कम 14 से 18 इंच गहरा हो ताकि जड़ें अच्छे से फैल सकें। मिट्टी न तो बहुत भारी हो और न ही पानी को सोखने वाली। इसके लिए सामान्य मिट्टी में गोबर की खाद, रेत और नीम खली पाउडर मिलाकर हल्की, सांस लेने लायक और पोषक तत्वों से भरपूर मिट्टी बनाएं।

    ✅️ 3. अगर पौधे में सिर्फ पत्तियां आ रही हैं और फूल नहीं आ रहे हैं तो यह इस बात का संकेत हैं कि उसे नाइट्रोजन तो मिल रही हैं, लेकिन फास्फोरस और पोटाश की कमी हैं। फास्फोरस पौधे को फूल लाने में मदद करता हैं, जबकि पोटाश फूलों को फलों में बदलने में मदद करता हैं। इसलिए महीने में एक बार मिट्टी में 1-1 चम्मच सिंगल सुपर फॉस्फेट (एसएसपी) और म्यूरेट ऑफ पोटाश (एमओपी) मिलाएं। इसके साथ थोड़ी सी गोबर की खाद या वर्मीकम्पोस्ट मिलाना और भी बेहतर होगा।

    ✅️ 4. कई बार फूल खिलते हैं, लेकिन झड़ जाते हैं या फल नहीं बनते। इसका एक बड़ा कारण परागण की कमी हैं। खासकर अगर पौधा ऐसी जगह पर हो जहां मधुमक्खियां, तितलियां या दूसरे कीड़े-मकोड़े नहीं आते। ऐसे में आप एक बार जिंक और बोरॉन जैसे सूक्ष्म पोषक तत्वों का पत्तियों पर छिड़काव कर सकते हैं। इससे फूल झड़ने की समस्या कम होती हैं और फल बनने की प्रक्रिया शुरू होती हैं।

    ✅️ 5. पौधे की कटाई-छंटाई भी उतनी ही जरूरी हैं। बहुत घनी और उलझी हुई शाखाएं फूल आने से रोक सकती हैं। इसलिए कुछ महीने पर पौधे की सफाई करें, सूखी और रोगग्रस्त शाखाओं को काट दें, ताकि नई एवं स्वस्थ कलियां निकल सकें।

    ✅ 6.️ नींबू के पौधे के लिए नीम खली पाउडर एक बेहतरीन जैविक खाद हैं। यह न केवल मिट्टी को मजबूत करता हैं बल्कि कीटों को भी दूर रखता हैं। इसे हर 45 दिन में एक मुट्ठी मिट्टी में मिला दें। इसके अलावा हर महीने थोड़ा बोनमील (अगर आप इसका इस्तेमाल करते हैं), कम्पोस्ट और वर्मीकम्पोस्ट देना भी फायदेमंद रहेगा। लेकिन ध्यान रखें- जरूरत से ज्यादा खाद देने से भी पौधे में सिर्फ पत्तियां उगती हैं, फल नहीं।

    ✅️ 7. पानी देते समय ध्यान रखें कि मिट्टी ज्यादा देर तक गीली न रहे। गर्मियों में हर 2-3 दिन में पानी दें, लेकिन पहले उंगली डालकर देखें कि मिट्टी सूखी हैं या नहीं। सर्दियों में पानी की जरूरत और भी कम होती हैं।

    🔷️ नींबू के पेड़ पर अच्छे फल पाने के लिए सही उर्वरक का उपयोग बहुत महत्वपूर्ण है। नीचे 10 उपयोगी उर्वरकों के नाम और वयस्क पेड़ पर उपयोग के लिए उनकी सामान्य खुराक दी गई है।

    1) जिंक सल्फेट 25–50 ग्राम प्रति पेड़ उपयोग से फूल और फल बेहतर बनते हैं।

    2) बोरेक्स / बोरॉन 10–20 ग्राम प्रति पेड़ उपयोग से फूल गिरने से रोकता है और फलधारण में मदद करता है।

    3) मैग्नीशियम सल्फेट 50–100 ग्राम प्रति पेड़ उपयोग से पत्तियों में हरियाली बनाए रखता है और फोटोसिंथेसिस में मदद करता हैं।

    4) अमोनियम सल्फेट 100–150 ग्राम प्रति पेड़ उपयोग से नाइट्रोजन की आपूर्ति करता है, जो पत्तियों और शाखाओं की वृद्धि में सहायक हैं।

    5) कैल्शियम नाइट्रेट 50–100 ग्राम प्रति पेड़ उपयोग से कैल्शियम की पूर्ति करता है, जिससे फल सड़ने की समस्या कम होती हैं।

    6) सल्फर 25–50 ग्राम प्रति पेड़ उपयोग से मिट्टी का pH संतुलित करता है और सूक्ष्म पोषक तत्वों की उपलब्धता बढ़ाता हैं।

    7) फेरस सल्फेट 25–50 ग्राम प्रति पेड़ उपयोग से आयरन की कमी से बचाता है, जिससे पत्तियाँ हरी और स्वस्थ रहती हैं।

    8) रॉक फॉस्फेट 200–300 ग्राम प्रति पेड़ उपयोग से फॉस्फोरस का लंबे समय तक असर देता हैं।

    9) सीवीड एक्सट्रैक्ट 5–10 मिलीलीटर प्रति लीटर स्प्रे से फूलों और फलों की संख्या बढ़ाता हैं।

    10) ह्यूमिक एसिड 50–100 मिलीलीटर प्रति 15 लीटर पानी उपयोग से मिट्टी की गुणवत्ता सुधारता है और खाद की क्षमता बढ़ाता हैं।

    महत्वपूर्ण सुझाव:-

    ✅️ खाद डालने से पहले गमले की मिट्टी नम होनी चाहिए।

    ✅️ सभी खादों को एक साथ न डालें, बल्कि उन्हें 15-20 दिनों के अंतराल पर अलग-अलग डालें।

    ✅️ पानी में घुलनशील खाद जैसे ह्यूमिक एसिड, समुद्री शैवाल आदि को स्प्रे या सिंचाई के रूप में डालना चाहिए।

    ✅️ गमले में लगे नीबू के पौधे में इन सभी खादों की मात्रा जमीन में लगे पेड़ों के मुकाबले बहुत कम रखनी चाहिए, क्योंकि गमले में मिट्टी और पौधे का आकार सीमित होता हैं। आमतौर पर गमलों में इस्तेमाल करते समय पेड़ के लिए दी गई मात्रा का 10%-20% ही इस्तेमाल करना सुरक्षित होता है।

    ■ खाद कब डालें (1 साल में):-

    🔸️ पहली बार: फरवरी-मार्च वसंत में, नए फूल आने से पहले।
    🔸️ दूसरी बार: जून-जुलाई बारिश से पहले।
    🔸️ तीसरी बार: अक्टूबर-नवंबर शरद ऋतु से पहले।
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