उत्तर प्रदेश बलिया
इनपुट: हिमांशु शेखर
जवहीं दियार बलिया:---एक पीड़ादायक अपील बलिया की बाढ़ और प्रशासन की नाकामी पर:
सरकार और प्रशासन केवल तमाशबीन बनकर रह गए हैं। जब सबको भलीभांति ज्ञात है कि बलिया में हर वर्ष बाढ़ और कटान की त्रासदी होती है, तो उसके अनुरूप पहले से ठोस योजना क्यों नहीं बनाई जाती? विडंबना देखिए कि जब लोग बाढ़ में बह जाते हैं, जब जन-धन का भारी नुकसान होता है — तभी योजनाएं बनती हैं, तभी राशन पहुंचता है और तभी प्रशासन हरकत में आता है।
यह बड़े ही दुःख और क्षोभ का विषय है कि बलिया के जवहीं दियार क्षेत्र में श्री अशोक शर्मा जी के सुपुत्र बिट्टू शर्मा (उम्र – 21 वर्ष) अब हमारे बीच नहीं रहे। इस बार की भयंकर बाढ़ और सरकारी उदासीनता ने उनकी जान ले ली। क्या प्रशासन और सरकार इसकी जिम्मेदारी लेंगी? या हमेशा की तरह इस दुखी परिवार को ही दोषी ठहराकर अपना पल्ला झाड़ लेंगी?
मैं सरकार और प्रशासन से विनम्र आग्रह करता हूँ कि कृपया बाढ़ और कटान की स्थायी समाधान हेतु पूर्व-योजना बनाएं। अगली वर्षा ऋतु की समीक्षा अभी से करें और उसके अनुरूप ज़मीन पर ठोस काम शुरू करें। तभी जाकर बलिया के हजारों परिवारों को हर साल होने वाले इस प्राकृतिक व प्रशासनिक संकट से राहत मिल सकती है।
मैं शोक की इस घड़ी में शर्मा परिवार के साथ पूरी संवेदना प्रकट करता हूँ और ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि उन्हें इस असीम दुःख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें।
साथ ही, उत्तरप्रदेश सरकार और UPCM MYogiAdityanath से निवेदन है कि इस त्रासदी की जिम्मेदारी ले और पीड़ित परिवार को यथाशीघ्र उचित मुआवज़ा प्रदान किया जाए। यह दुर्घटना प्रशासन की लापरवाही का परिणाम है – इससे मुँह नहीं मोड़ा जा सकता।