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    अद्भुत जानकारी विश्व का सबसे बड़ा और वैज्ञानिक समय गणना तन्त्र (ऋषि मुनियों द्वारा किया गया अनुसंधान)

    उत्तर प्रदेश अयोध्या 
    इनपुट: संतोष कुमार मिश्रा 
    अयोध्या:--अद्भुत जानकारी विश्व का सबसे बड़ा और वैज्ञानिक समय गणना तन्त्र (ऋषि मुनियों द्वारा किया गया अनुसंधान)

    ■ काष्ठा = सैकन्ड का  34000 वाँ भाग
    ■ 1 त्रुटि  = सैकन्ड का 300 वाँ भाग
    ■ 2 त्रुटि  = 1 लव ,
    ■ 1 लव = 1 क्षण
    ■ 30 क्षण = 1 विपल ,
    ■ 60 विपल = 1 पल
    ■ 60 पल = 1 घड़ी (24 मिनट ) ,
    ■ 2.5 घड़ी = 1 होरा (घन्टा )
    ■3 होरा=1प्रहर व 8 प्रहर 1 दिवस (वार)
    ■ 24 होरा = 1 दिवस (दिन या वार) ,
    ■ 7 दिवस = 1 सप्ताह
    ■ 4 सप्ताह = 1 माह ,
    ■ 2 माह = 1 ऋतू
    ■ 6 ऋतू = 1 वर्ष ,
    ■ 100 वर्ष = 1 शताब्दी
    ■ 10 शताब्दी = 1 सहस्राब्दी ,
    ■ 432 सहस्राब्दी = 1 युग
    ■ 2 युग = 1 द्वापर युग ,
    ■ 3 युग = 1 त्रैता युग ,
    ■ 4 युग = सतयुग
    ■ सतयुग + त्रेतायुग + द्वापरयुग + कलियुग = 1 महायुग
    ■ 72 महायुग = मनवन्तर ,
    ■ 1000 महायुग = 1 कल्प
    ■ 1 नित्य प्रलय = 1 महायुग (धरती पर जीवन अन्त और फिर आरम्भ )
    ■ 1 नैमितिका प्रलय = 1 कल्प ।(देवों का अन्त और जन्म )
    ■ महालय  = 730 कल्प ।(ब्राह्मा का अन्त और जन्म )

    सम्पूर्ण विश्व का सबसे बड़ा और वैज्ञानिक समय गणना तन्त्र यहीं है जो हमारे देश भारत में बना हुआ है । ये हमारा भारत जिस पर हमे गर्व होना चाहिये l
    दो लिंग : नर और नारी ।
    दो पक्ष : शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष।
    दो पूजा : वैदिकी और तांत्रिकी (पुराणोक्त)।
    दो अयन : उत्तरायन और दक्षिणायन।

    तीन देव : ब्रह्मा, विष्णु, शंकर।
    तीन देवियाँ : महा सरस्वती, महा लक्ष्मी, महा गौरी।
    तीन लोक : पृथ्वी, आकाश, पाताल।
    तीन गुण : सत्वगुण, रजोगुण, तमोगुण।
    तीन स्थिति : ठोस, द्रव, वायु।
    तीन स्तर : प्रारंभ, मध्य, अंत।
    तीन पड़ाव : बचपन, जवानी, बुढ़ापा।
    तीन रचनाएँ : देव, दानव, मानव।
    तीन अवस्था : जागृत, मृत, बेहोशी।
    तीन काल : भूत, भविष्य, वर्तमान।
    तीन नाड़ी : इडा, पिंगला, सुषुम्ना।
    तीन संध्या : प्रात:, मध्याह्न, सायं।
    तीन शक्ति : इच्छाशक्ति, ज्ञानशक्ति, क्रियाशक्ति।

    चार धाम : बद्रीनाथ, जगन्नाथ पुरी, रामेश्वरम्, द्वारका।
    चार मुनि : सनत, सनातन, सनंद, सनत कुमार।
    चार वर्ण : ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, शूद्र।
    चार निति : साम, दाम, दंड, भेद।
    चार वेद : सामवेद, ॠग्वेद, यजुर्वेद, अथर्ववेद।
    चार स्त्री : माता, पत्नी, बहन, पुत्री।
    चार युग : सतयुग, त्रेतायुग, द्वापर युग, कलयुग।
    चार समय : सुबह, शाम, दिन, रात।
    चार अप्सरा : उर्वशी, रंभा, मेनका, तिलोत्तमा।
    चार गुरु : माता, पिता, शिक्षक, आध्यात्मिक गुरु।
    चार प्राणी : जलचर, थलचर, नभचर, उभयचर।
    चार जीव : अण्डज, पिंडज, स्वेदज, उद्भिज।
    चार वाणी : ओम्कार्, अकार्, उकार, मकार्।
    चार आश्रम : ब्रह्मचर्य, ग्राहस्थ, वानप्रस्थ, सन्यास।
    चार भोज्य : खाद्य, पेय, लेह्य, चोष्य।
    चार पुरुषार्थ : धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष।
    चार वाद्य : तत्, सुषिर, अवनद्व, घन।

    पाँच तत्व : पृथ्वी, आकाश, अग्नि, जल, वायु।
    पाँच देवता : गणेश, दुर्गा, विष्णु, शंकर, सुर्य।
    पाँच ज्ञानेन्द्रियाँ : आँख, नाक, कान, जीभ, त्वचा।
    पाँच कर्म : रस, रुप, गंध, स्पर्श, ध्वनि।
    पाँच  उंगलियां : अँगूठा, तर्जनी, मध्यमा, अनामिका, कनिष्ठा।
    पाँच पूजा उपचार : गंध, पुष्प, धुप, दीप, नैवेद्य।
    पाँच अमृत : दूध, दही, घी, शहद, शक्कर।
    पाँच प्रेत : भूत, पिशाच, वैताल, कुष्मांड, ब्रह्मराक्षस।
    पाँच स्वाद : मीठा, चर्खा, खट्टा, खारा, कड़वा।
    पाँच वायु : प्राण, अपान, व्यान, उदान, समान।
    पाँच इन्द्रियाँ : आँख, नाक, कान, जीभ, त्वचा, मन।
    पाँच वटवृक्ष : सिद्धवट (उज्जैन), अक्षयवट (Prayagraj), बोधिवट (बोधगया), वंशीवट (वृंदावन), साक्षीवट (गया)।
    पाँच पत्ते : आम, पीपल, बरगद, गुलर, अशोक।
    पाँच कन्या : अहिल्या, तारा, मंदोदरी, कुंती, द्रौपदी।

    छ: ॠतु : शीत, ग्रीष्म, वर्षा, शरद, बसंत, शिशिर।
    छ: ज्ञान के अंग : शिक्षा, कल्प, व्याकरण, निरुक्त, छन्द, ज्योतिष।
    छ: कर्म : देवपूजा, गुरु उपासना, स्वाध्याय, संयम, तप, दान।
    छ: दोष : काम, क्रोध, मद (घमंड), लोभ (लालच),  मोह, आलस्य।

    सात छंद : गायत्री, उष्णिक, अनुष्टुप, वृहती, पंक्ति, त्रिष्टुप, जगती।
    सात स्वर : सा, रे, ग, म, प, ध, नि।
    सात सुर : षडज्, ॠषभ्, गांधार, मध्यम, पंचम, धैवत, निषाद।
    सात चक्र : सहस्त्रार, आज्ञा, विशुद्ध, अनाहत, मणिपुर, स्वाधिष्ठान, मुलाधार।
    सात वार : रवि, सोम, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि।
    सात मिट्टी : गौशाला, घुड़साल, हाथीसाल, राजद्वार, बाम्बी की मिट्टी, नदी संगम, तालाब।
    सात महाद्वीप : जम्बुद्वीप (एशिया), प्लक्षद्वीप, शाल्मलीद्वीप, कुशद्वीप, क्रौंचद्वीप, शाकद्वीप, पुष्करद्वीप


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