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    Gyan:भाद्रपद मास आरंभ, इन कामों से रहें दूर, वरना हो सकता है नुकसान: आचार्य पंडित चिंताहरण पांडेय

    ब्रह्मपुर बक्सर बिहार 
    इनपुट: विवेकानंद पांडेय 
    ब्रह्मपुर बक्सर बिहार :--भाद्रपद मास हिंदू पंचांग का छठा महीना है, जो सावन के बाद आता है, इसे भादो या भादवा नाम से भी जाना जाता है, वर्ष 2025 में यह पावन महीना 10 अगस्त से शुरू होकर 7 सितंबर तक रहेगा, चातुर्मास का दूसरा मास होने के कारण यह भगवान गणेश और श्रीकृष्ण की आराधना के लिए विशेष महत्व रखता है, भगवान कृष्ण का जन्म इसी महीने में होने से इसका धार्मिक महत्व और बढ़ जाता है, इस अवधि में कई प्रमुख व्रत-त्योहार मनाए जाते हैं, साथ ही इस बार भाद्रपद के अंत में ग्रहण भी लगेगा।

    भाद्रपद माह में किन कार्यों से बचें - इस पवित्र महीने में विवाह, गृह प्रवेश या नए व्यवसाय जैसी बड़ी शुरुआत करने से परहेज करें, पूरे माह पेड़ों की कटाई या प्रकृति को हानि पहुंचाने वाले कार्य न करें, मांस, मछली, अंडा, लहसुन, प्याज और शराब जैसे तामसिक आहार से दूर रहें, अनावश्यक खर्च से बचें और धन का सदुपयोग दान-पुण्य एवं धार्मिक कार्यों में करें।

    भादो महीने में क्यों टाले जाते हैं शुभ कार्य - भादो माह को मांगलिक कार्यों के लिए अशुभ माना जाता है क्योंकि यह चातुर्मास का काल होता है, जब भगवान विष्णु योग निद्रा में रहते हैं, इस दौरान विवाह, सगाई, गृह प्रवेश जैसे शुभ कार्य करने से बचा जाता है, हालांकि, यह महीना पूजा-पाठ, दान-पुण्य और भगवान की भक्ति के लिए अत्यंत पावन माना जाता है।

    भाद्रपद माह का महत्व - सावन जहां भगवान शिव को समर्पित है, वहीं भाद्रपद माह श्रीकृष्ण का माना जाता है, क्योंकि इसी पावन महीने में मुरली मनोहर का जन्म हुआ था, ‘भद्र’ का अर्थ है सौभाग्यशाली, इसलिए भादो में किए गए धार्मिक कार्यों का पुण्य लंबे समय तक फलदायी रहता है।

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