उत्तर प्रदेश प्रयागराज
इनपुट:सोशल मीडिया
प्रयागराज:---इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सोमवार को सपा के कद्दावर नेता आजम खान और अन्य पर रामपुर में यतीमखाना ढहाए जाने के मामले में ट्रायल कोर्ट में लंबित मुकदमे को लेकर दाखिल याचिकाओं में संशोधन की अनुमति दे दी है. इसके बाद याचिका से पूरी कार्यवाही रद्द करने की प्रार्थना को हटा दिया गया. कोर्ट ने इस मामले में अगली सुनवाई के लिए 28 अगस्त की तारीख तय की है.
यह आदेश न्यायमूर्ति समीर जैन ने वरिष्ठ अधिवक्ता एसएफए नकवी, अधिवक्ता सैयद अहमद फैजान और आजम खान व उनके सहयोगी वीरेंद्र गोयल की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एनआई जाफरी, अधिवक्ता शाश्वत आनंद एवं शशांक तिवारी को सुनकर दिया.
कोर्ट ने याचिका में संशोधन की अनुमति दी, जिसके बाद अब याचिकाएं केवल मुख्य सूचनादाताओं, विशेष रूप से सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन जफर अहमद फारूकी की दोबारा गवाही और दोषमुक्त करने वाली वीडियोग्राफी को रिकॉर्ड में लाने की मांग तक सीमित हैं. याचियों का कहना है कि वीडियोग्राफी उनकी घटनास्थल पर अनुपस्थिति साबित कर सकती है.
यह था मामला : रामपुर के कोतवाली थाने में 2016 में यतीमखाना को ढहाने के मामले में 2019 में मुकदमा दर्ज कराया गया था. आजम खान और अन्य पर जबरन बेदखली, डकैती, गृह में अनधिकृत प्रवेश और आपराधिक षड्यंत्र जैसे गंभीर आरोप लगाए गए थे. इन सभी को विशेष न्यायाधीश (एमपी/एमएलए) रामपुर ने एकल वाद में समाहित कर दिया था.
याचियों ने याचिकाओं में ट्रायल कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें गवाहों को दोबारा बुलाने और वीडियोग्राफी को शामिल करने की उनकी मांग को खारिज कर दिया गया था. उनका कहना है कि यह मुकदमा विरोध दल की साजिश से प्रेरित है और संविधान के अनुच्छेद 14, 19, 20 और 21 का उल्लंघन है.