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    जिला चिकित्सालय के डॉक्टर एके उपाध्याय बने प्रेरणा स्रोत, बच्ची को मौत के मुंह से निकाला,BJP जिलाध्यक्ष ने किया सम्मानित...

    उत्तर प्रदेश बलिया
    इनपुट : हिमांशु शेखर 


    बलिया:---जिला अस्पताल बलिया में कार्यरत शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. ए.के. उपाध्याय ने एक बार फिर मानवता और अपने कर्तव्य की मिसाल पेश की है। यह कहानी केवल एक डॉक्टर के प्रोफेशनल दायित्व की नहीं, बल्कि उस संवेदनशीलता और साहस की है, जो आज के समय में विरले ही देखने को मिलती है।

    हाल ही में संतोष कुमार नामक व्यक्ति की 8 वर्षीय बेटी मुस्कान को गंभीर मस्तिष्क ज्वर हो गया था। बच्ची की हालत इतनी बिगड़ चुकी थी कि जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने उसे वाराणसी रेफर कर दिया। लेकिन गरीब परिवार के पास न तो पैसे थे और न ही संसाधन कि वे मुस्कान को वाराणसी ले जाकर इलाज करा सकें। ऐसे में जब यह बात डॉ. ए.के. उपाध्याय को पता चली, तो उन्होंने एक बड़ा फैसला लिया।

    उन्होंने बच्ची को बलिया जिला अस्पताल में ही रखने का न केवल निर्णय लिया, बल्कि पूरी निष्ठा और आत्मविश्वास के साथ उसका इलाज भी शुरू कर दिया। इलाज के दौरान कई उतार-चढ़ाव आए, लेकिन डॉक्टर उपाध्याय ने हार नहीं मानी। आखिरकार उनका प्रयास रंग लाया और मुस्कान की हालत में सुधार हुआ। कुछ ही दिनों में वह पूरी तरह ठीक हो गई।

    बेटी के स्वस्थ होते ही मुस्कान के परिवार ने डॉक्टर उपाध्याय का आभार जताने के लिए उन्हें सम्मानित करने की इच्छा जताई। जब यह बात फैली, तो भाजपा जिलाध्यक्ष संजय मिश्रा भी अन्य कार्यकर्ताओं और समाजसेवी राजेश पांडे के साथ अस्पताल पहुंचे। सीएमएस डॉ. एसके यादव के कार्यालय में डॉक्टर ए.के. उपाध्याय को सम्मानित किया गया।

    इस मौके पर सभी ने उनके समर्पण की सराहना की और कहा कि ऐसे डॉक्टर समाज की असली पूंजी हैं। डॉ. उपाध्याय न केवल मुस्कान के जीवन रक्षक बने, बल्कि सभी चिकित्सकों के लिए एक प्रेरणा स्रोत भी बन गए हैं।

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