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    Dainik Rashifal दैनिक राशिफल हिन्दू व वैदिक पंचांग आपकी जन्मतिथि के अनुसार भविष्यफल व‌ श्राद्ध में पालन करने योग्य नियम जानिएं:आचार्य पंडित चिंताहरण पांडेय

    ब्रह्मपुर बक्सर बिहार 
    इनपुट: विवेकानंद पांडेय 
    ब्रह्मपुर बक्सर बिहार :-- आज दिनांक - 08 सितम्बर 2025दिन -  सोमवार
    🌤️ विक्रम संवत 2082 (गुजरात-महाराष्ट्र अनुसार 2081)
    🌤️ शक संवत -1947
    🌤️ अयन - दक्षिणायन
    🌤️ ऋतु - शरद ॠतु
    🌤️ मास - आश्विन (गुजरात-महाराष्ट्र भाद्रपद)
    🌤️ पक्ष - कृष्ण
    🌤️ तिथि - प्रतिपदा रात्रि 09:11 तक तत्पश्चात द्वितीया
    🌤️ नक्षत्र - पूर्वभाद्रपद रात्रि 08:02 तक तत्पश्चात उत्तरभाद्रपद
    🌤️ योग - धृति सुबह 06:30 तक तत्पश्चात शूल
    🌤️ राहुकाल - सुबह 07:57 से सुबह 09:30 तक
    🌤️ सूर्योदय - 06:25
    🌤️ सूर्यास्त -  06:47
    👉 दिशाशूल - पूर्व दिशा मे
    🚩 व्रत पर्व विवरण - प्रतिपदा का श्राद्ध,पंचक
    💥 विशेष - प्रतिपदा को कूष्माण्ड (कुम्हड़ा पेठा) न खाएं क्योकि यह धन का नाश करने वाला है (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)

    🌞  वैदिक पंचांग  🌞🌷 श्राद्ध में पालने योग्य नियम 🌷
    ➡ 07 सितम्बर 2025 रविवार से महालय श्राद्ध आरम्भ हो गया है ।
    🙏🏻 श्रद्धा और मंत्र के मेल से पितरों की तृप्ति के निमित्त जो विधि होती है उसे 'श्राद्ध' कहते हैं।
    🙏🏻 हमारे जिन संबंधियों का देहावसान हो गया है, जिनको दूसरा शरीर नहीं मिला है वे पितृलोक में अथवा इधर-उधर विचरण करते हैं, उनके लिए पिण्डदान किया जाता है।
    *बच्चों एवं संन्यासियों के लिए पिण्डदान नहीं किया जाता।
    🙏🏻 विचारशील पुरुष को चाहिए कि जिस दिन श्राद्ध करना हो उससे एक दिन पूर्व ही संयमी, श्रेष्ठ ब्राह्मणों को निमंत्रण दे दे। परंतु श्राद्ध के दिन कोई अनिमंत्रित तपस्वी ब्राह्मण घर पर पधारें तो उन्हें भी भोजन कराना चाहिए।
    🙏🏻 भोजन के लिए उपस्थित अन्न अत्यंत मधुर, भोजनकर्ता की इच्छा के अनुसार तथा अच्छी प्रकार सिद्ध किया हुआ होना चाहिए। पात्रों में भोजन रखकर श्राद्धकर्ता को अत्यंत सुंदर एवं मधुर वाणी से कहना चाहिए कि 'हे महानुभावो ! अब आप लोग अपनी इच्छा के अनुसार भोजन करें।'
    🙏🏻 श्रद्धायुक्त व्यक्तियों द्वारा नाम और गोत्र का उच्चारण करके दिया हुआ अन्न पितृगण को वे जैसे आहार के योग्य होते हैं वैसा ही होकर मिलता है। (विष्णु पुराणः 3.16,16)

    🙏🏻 श्राद्धकाल में शरीर, द्रव्य, स्त्री, भूमि, मन, मंत्र और ब्राह्मण-ये सात चीजें विशेष शुद्ध होनी चाहिए।
    🙏🏻 श्राद्ध में तीन बातों को ध्यान में रखना चाहिएः शुद्धि, अक्रोध और अत्वरा (जल्दबाजी नही करना)।*
    *श्राद्ध में मंत्र का बड़ा महत्त्व है। श्राद्ध में आपके द्वारा दी गयी वस्तु कितनी भी मूल्यवान क्यों न हो, लेकिन आपके द्वारा यदि मंत्र का उच्चारण ठीक न हो तो काम अस्त-व्यस्त हो जाता है। मंत्रोच्चारण शुद्ध होना चाहिए और जिसके निमित्त श्राद्ध करते हों उसके नाम का उच्चारण भी शुद्ध करना चाहिए।
    जिनकी देहावसना-तिथि का पता नहीं है, उनका श्राद्ध अमावस्या के दिन करना चाहिए।
    🙏🏻 हिन्दुओं में जब पत्नी संसार से जाती है तो पति को हाथ जोड़कर कहती हैः 'मुझसे कुछ अपराध हो गया हो तो क्षमा करना और मेरी सदगति के लिए आप प्रार्थना करना।' अगर पति जाता है तो हाथ जोड़ते हुए पत्नी से कहता हैः 'जाने-अनजाने में तेरे साथ मैंने कभी कठोर व्यवहार किया हो तो तू मुझे क्षमा कर देना और मेरी सदगति के लिए प्रार्थना करना।'
    🙏🏻 हम एक दूसरे की सदगति के लिए जीते जी भी सोचते हैं, मरते समय भी सोचते हैं और मरने के बाद भी सोचते हैं।

    🌞  वैदिक पंचांग  🌞🌷 श्राद्ध सम्बन्धी बातें🌷
    ➡ श्राद्ध कर्म करते समय जो श्राद्ध का भोजन कराया जाता है, तो ११.३६ से १२.२४ तक उत्तम काल होता है।
    ➡ गया, पुष्कर, प्रयाग और हरिद्वार में श्राद्ध करना श्रेष्ठ माना गया है‌
    ➡ गौशाला में, देवालय में और नदी तट पर श्राद्ध करना श्रेष्ठ माना गया है।
    ➡ सोना, चांदी, तांबा और कांसे के बर्तन में अथवा पलाश के पत्तल में भोजन करना-कराना अति उत्तम माना गया है l लोहा, मिटटी आदि के बर्तन काम में नहीं लाने चाहिए।
    ➡ श्राद्ध के समय अक्रोध रहना, जल्दबाजी न करना और बड़े लोगों को या बहुत लोगों को श्राद्ध में सम्मिलित नहीं करना चाहिए, नहीं तो इधर-उधर ध्यान बंट जायेगा, तो जिनके प्रति श्राद्ध सद्भावना और सत उद्देश्य से जो श्राद्ध करना चाहिए, वो फिर दिखावे के उद्देश्य में सामान्य कर्म हो जाता है।
    ➡ सफ़ेद सुगन्धित पुष्प श्राद्ध कर्म में काम में लाने चाहिए l लाल, काले फूलों का त्याग करना चाहिए l अति मादक गंध वाले फूल अथवा सुगंध हीन फूल श्राद्ध कर्म में काम में नहीं लाये जाते हैं‌
     🌞 वैदिक पंचांग : 🌞 जिनका आज जन्मदिन है उनको हार्दिक शुभकामनाएं बधाई और शुभ आशीष !
    दिनांक 8 को जन्मे व्यक्ति का मूलांक 8 होगा। इस दिन जन्मे व्यक्ति धीर गंभीर, परोपकारी, कर्मठ होते हैं। आपकी वाणी कठोर तथा स्वर उग्र है। आप भौतिकतावादी है। आप अदभुत शक्तियों के मालिक हैं। यह ग्रह सूर्यपुत्र शनि से संचालित होता है। आप अपने जीवन में जो कुछ भी करते हैं उसका एक मतलब होता है। कई बार आपके कार्यों का श्रेय दूसरे ले जाते हैं। आपके मन की थाह पाना मुश्किल है। आपको सफलता अत्यंत संघर्ष के बाद हासिल होती है।
     
    आपके लिए खास 
    1. करियर और व्यवसाय
    यह वर्ष नई जिम्मेदारियाँ और अवसर लेकर आएगा।
    प्रमोशन या नौकरी में बदलाव के योग हैं।
    व्यापारियों को साझेदारी से लाभ होगा, पर निर्णय सोच-समझकर लें।

    2. आर्थिक स्थिति
    आर्थिक रूप से धीरे-धीरे सुधार होगा।
    रुका हुआ धन वापस मिलने की संभावना है।
    निवेश करते समय सावधानी रखें, जोखिम से बचें।

    3. स्वास्थ्य
    जोड़ों, हड्डियों या पाचन से जुड़ी समस्याएँ आ सकती हैं।
    योग, ध्यान और नियमित व्यायाम लाभकारी रहेंगे।
    खानपान संतुलित रखें।

    4. पारिवारिक जीवन
    परिवार के साथ समय बिताने से संबंध मधुर होंगे।
    बुजुर्गों का आशीर्वाद मिलेगा।
    किसी रिश्तेदार से पुरानी गलतफहमी दूर हो सकती है।

    5. प्रेम और वैवाहिक जीवन

    अविवाहित जातकों के विवाह के योग बनेंगे।
    प्रेम संबंध मजबूत होंगे, पर धैर्य रखना जरूरी है।
    जीवनसाथी का सहयोग मिलेगा।

    6. भाग्य और शुभता
    शनि की कृपा से संघर्षों के बाद सफलता अवश्य मिलेगी।
    मेहनत का फल मिलेगा और समाज में मान-सम्मान बढ़ेगा।
    कोई धार्मिक या सामाजिक कार्य करने का अवसर मिलेगा।

    विशेष सलाह
    शनि देव की कृपा पाने के लिए शनिवार को तिल का तेल दान करें।
    गरीबों व मजदूरों की सेवा करें।

    "ॐ शं शनैश्चराय नमः" का जप लाभकारी रहेगा।
    शुभ दिनांक : 8, 17, 26
    शुभ अंक : 8, 17, 26, 35, 44
    शुभ वर्ष : 2042
    ईष्टदेव : हनुमानजी, शनि देवता
    शुभ रंग : काला, गहरा नीला, जामुनी

    आपकी जन्मतिथि के अनुसार भविष्यफल
    करियर: व्यापार-व्यवसाय की स्थिति उत्तम रहेगी। नौकरीपेशा व्यक्ति प्रगति पाएंगे। बेरोजगार प्रयास करें, तो रोजगार पाने में सफल होंगे। 
     
    सभी कार्यों में सफलता मिलेगी। जो अभी तक बाधित रहे है वे भी सफल होंगे। राजनैतिक व्यक्ति भी समय का सदुपयोग कर लाभान्वित होंगे। शत्रु वर्ग प्रभावहीन होंगे,।
    सेहत: स्वास्थ्य की दृष्टि से समय अनुकूल ही रहेगा।

    🌀 मेष (Aries)

    आज का दिन करियर में नई उपलब्धियाँ देगा। कार्यस्थल पर सम्मान मिलेगा। धन लाभ के अवसर बनेंगे। परिवार में प्रसन्नता रहेगी।
    उपाय: भगवान शिव को जल अर्पित करें।
    शुभ रंग: लाल
    🐂 वृषभ (Taurus)

    आज सोच-समझकर निर्णय लेने की आवश्यकता है। अचानक खर्च बढ़ सकते हैं। नौकरी में परिवर्तन के संकेत हैं।
    उपाय: माँ दुर्गा की आराधना करें।
    शुभ रंग: सफेद
    👬 मिथुन (Gemini)

    धन लाभ के प्रबल योग हैं। रुके हुए काम पूरे होंगे। नौकरी व व्यापार दोनों में प्रगति होगी।
    उपाय: हरे पौधे लगाएँ और उनकी सेवा करें।
    शुभ रंग: हरा
    🦀 कर्क (Cancer)

    आय में वृद्धि होगी। परिवार में सुख-शांति रहेगी। सामाजिक कार्यों में भाग लेने का अवसर मिलेगा।
    उपाय: चावल का दान करें।
    शुभ रंग: सिल्वर
    🦁 सिंह (Leo)

    आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। मान-सम्मान बढ़ेगा। पदोन्नति या नई जिम्मेदारी मिलने की संभावना है।
    उपाय: सूर्य को जल चढ़ाएँ।
    शुभ रंग: सुनहरा
    🌾 कन्या (Virgo)

    करियर और व्यापार में लाभ होगा, लेकिन स्वास्थ्य का ध्यान रखें। खर्चों पर नियंत्रण जरूरी है।
    उपाय: गणेश जी को दूर्वा चढ़ाएँ।
    शुभ रंग: हरा
    ⚖️ तुला (Libra)

    आज भाग्य का साथ मिलेगा। लंबे समय से रुका हुआ कार्य पूरा होगा। प्रेम जीवन में मिठास आएगी।
    उपाय: माता लक्ष्मी की पूजा करें।
    शुभ रंग: गुलाबी
    🦂 वृश्चिक (Scorpio)

    नई योजनाएँ लाभकारी साबित होंगी। निवेश से फायदा होगा। परिवार के साथ समय अच्छा गुजरेगा।
    उपाय: जल में लाल फूल चढ़ाकर बहाएँ।
    शुभ रंग: मैरून
    🏹 धनु (Sagittarius)

    विद्यार्थियों को सफलता मिलेगी। नौकरी में पदोन्नति संभव है। आर्थिक पक्ष मजबूत होगा।
    उपाय: पीपल के पेड़ को जल चढ़ाएँ।
    शुभ रंग: पीला
    🐊 मकर (Capricorn)

    साझेदारी में लाभ होगा। करियर में प्रशंसा मिलेगी। बड़े अधिकारी खुश रहेंगे।
    उपाय: शनिदेव की पूजा करें और तिल का तेल दान करें।
    शुभ रंग: नीला
    🏺 कुंभ (Aquarius)

    सामाजिक संपर्क लाभ देंगे। मित्रों से सहयोग मिलेगा। स्वास्थ्य का ध्यान रखें।
    उपाय: गरीबों को कपड़े दान करें।
    शुभ रंग: आसमान
    🐟 मीन (Pisces)

    नौकरी या व्यापार में परिवर्तन के योग हैं। खर्चे बढ़ेंगे लेकिन नए अवसर भी मिलेंगे।
    उपाय: तुलसी को जल दें।
    शुभ रंग: पीला

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