ब्रह्मपुर बक्सर बिहार
इनपुट: विवेकानंद पांडेय
ब्रह्मपुर (बक्सर):---पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष एवं वरिष्ठ समाजसेवी, धार्मिक पूजा-पाठ तथा बाबा बरमेश्वर नाथ जी के अनन्य भक्त पुजारी हृदयानंद पांडेय जी की प्रथम पुण्यतिथि पर बुधवार को भावपूर्ण श्रद्धांजलि सभा एवं काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत प्रातः पूजन, विष्णुसहस्त्रनाम पाठ और श्रीमद्भगवद्गीता पाठ से हुई। यजमान की भूमिका उनके पुत्र चिंताहरण पांडेय जी ने निभाई, जबकि 21 ब्राह्मणों ने वेद मंत्रों के साथ पूजन संपन्न कराया।
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन से
दीप प्रज्वलित करने का कार्य आरा के वरिष्ठ सर्जन डॉ. पी. सिंह, ब्रह्मपुर के चिकित्सक डॉ. उमाशंकर प्रसाद, टाइम प्लस कोचिंग संस्थान के शिक्षक धीरज कुमार सिंह एवं जितेंद्र कुमार सिंह ने किया। इस दौरान हृदयानंद पांडेय जी के पुत्र चिंताहरण पांडेय ने भावुक होकर पिता की स्मृतियों को साझा किया, जिससे पूरा वातावरण भाव-विह्वल हो उठा।
श्रद्धांजलि सभा में वक्ताओं के विचार
कार्यक्रम का संचालन रमेश उपाध्याय ने किया। डॉ. पी. सिंह ने कहा कि “हृदयानंद पांडेय जी कर्मठ, धार्मिक और परिवार के लिए आदर्श मार्गदर्शक थे।” वहीं, डॉ. उमाशंकर प्रसाद ने उन्हें “बचपन से लेकर अब तक बड़े पिता समान” बताते हुए भावुक श्रद्धांजलि अर्पित की।
कवियों ने बाँधा समा
कार्यक्रम में कवि रत्नेश राही, रामनिवास शिशिर, गुड्डा ओझा, हृदय नारायण हेहर, सतेंद्र पाठक और सुरेश कंटक ने अपनी कविताओं और रचनाओं के माध्यम से दिवंगत नेता को नमन किया। इस दौरान मंच पर साहित्यिक और भावनात्मक माहौल चरम पर रहा।
संगीत से गूंजी श्रद्धांजलि सभा
वाराणसी हिंदू विश्वविद्यालय से आए शास्त्रीय वादक अखिलेश तिवारी (बांसुरी) और गुड्डू दुबे (तबला) को सदानंद पांडेय और विवेकानंद पांडेय ने अंगवस्त्र से सम्मानित किया। इन कलाकारों ने अपनी मनमोहक प्रस्तुतियों से उपस्थित जनमानस के हृदय को भावुक कर दिया।
निर्गुण भजन से भरा अध्यात्म का रंग
श्रद्धांजलि सभा का समापन भोजपुर प्रांत के ढकाइच ग्राम से आए मंडली प्रमुख मंडे शुक्ला की टीम के निर्गुण भजन से हुआ। उन्हें आदर्श पांडेय और आशीष पांडेय ने अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया।
इस प्रकार, हृदयानंद पांडेय जी की प्रथम पुण्यतिथि पर आयोजित इस श्रद्धांजलि सभा ने न केवल उनके धार्मिक, सामाजिक और राजनीतिक योगदान को याद किया बल्कि कवि सम्मेलन और संगीत प्रस्तुति ने इसे एक अविस्मरणीय अवसर बना दिया।