उत्तर प्रदेश बलिया
इनपुट: हिमांशु शेखर
बलिया :---कभी-कभी हमारी जिंदगी में कुछ ऐसा होता है जो हमें यह सोचने पर मजबूर कर देता है कि क्या सच में इस दुनिया में अच्छाई की कोई कदर नहीं। लेकिन किस्मत का खेल भी बड़ा अजीब होता है।
सुबह के 10 बजे थे। रिया वर्मा अपने काम पर पहुंच चुकी थी। दिल्ली के एक बड़े सुपरमार्केट में वह एक कैशियर के रूप में काम करती थी। अपनी मुस्कान के साथ ग्राहकों का स्वागत करना, बिलिंग करना और खुद को सबसे तेज और सटीक कैशियर साबित करना—यही उसकी रोजमर्रा की जिंदगी थी। रिया को यह नौकरी बहुत पसंद थी। वह साधारण परिवार से थी और यह नौकरी उसके घर के लिए बहुत जरूरी थी। उसकी मां बीमार रहती थी और छोटे भाई की पढ़ाई का खर्च भी उसी के कंधों पर था। लेकिन उसे क्या पता था कि आज की यह शिफ्ट उसकी जिंदगी को पूरी तरह बदल देगी।
बाबा, आपके पैसे कम पड़ गए...
दोपहर के समय एक बूढ़े आदमी ने कांपते हुए हाथों से सामान की टोकरी काउंटर पर रखी। रिया ने मुस्कान के साथ उनका स्वागत किया और बिलिंग करने लगी।
“नमस्ते बाबा, कैसे हैं आप?”
बूढ़े आदमी ने हल्की मुस्कान दी, “बेटा, बस किसी तरह गुजर-बसर कर रहा हूं। दवाई भी लेनी थी, पर पहले राशन लेना जरूरी है।”
रिया ने स्कैन करना शुरू किया—चावल, दाल, तेल, ब्रेड और कुछ सब्जियां। बिल कुल 870 रुपये हुआ। बाबा ने अपनी जेब से कुछ सिक्के और मुड़े-तुड़े नोट निकाले। उन्होंने बड़ी कोशिश की, लेकिन कुल 100 रुपये ही निकले। बाबा घबरा गए, “अरे, लगता है पैसे कम पड़ गए। शायद कुछ सामान वापस करना पड़ेगा।” उन्होंने तेल और ब्रेड वापस रखने की कोशिश की, लेकिन रिया के दिल में हलचल मच गई।
एक बुजुर्ग आदमी जो खुद के लिए दो वक्त की रोटी नहीं जुटा पा रहा, क्या उसे दोबारा सोचने पर मजबूर किया जाए? रिया ने इधर-उधर देखा—सुपरवाइजर दूर खड़ा था, सीसीटीवी कैमरा भी ठीक ऊपर था। लेकिन उसका दिल इस बूढ़े आदमी को खाली हाथ नहीं जाने देना चाहता था। रिया ने अपनी जेब से 770 रुपये निकाले और चुपचाप काउंटर में डाल दिए।
“बाबा, चिंता मत करिए, आपका बिल पूरा हो गया। सामान ले जाइए।”
बाबा की आंखें भर आईं, “बेटा, तुम बहुत नेक दिल हो। मैं तुम्हारा यह एहसान कभी नहीं भूलूंगा।”
रिया ने हंसते हुए कहा, “कोई एहसान नहीं बाबा, बस यह समझिए कि आपकी पोती ने आपको उपहार दिया।”
बाबा ने उसे ढेर सारी दुआएं दी और धीरे-धीरे बाहर चले गए। रिया को लगा कि उसने दिन का सबसे अच्छा काम किया था। लेकिन उसे नहीं।

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