उत्तर प्रदेश बलिया
इनपुट: हिमांशु शेखर
बलिया उत्तरप्रदेश:---लाजवंती जिसे छुई-मुई, टच मी नॉट प्लांट, स्लीपी प्लांट, एक्शन प्लांट जैसे कई नामों से जाना जाता हैं। वही इसे वनस्पति जगत में "मिमोसा पुदिका" के नाम से जाना जाता हैं। इस पौधे को आयुर्वेद में अनेक रोगों के निवारण के लिए उपयोग में लाया जाता हैं। इसके फूल छोटे एवं गुलाबी रंग के होते हैं।
♦️ लाजवंती के औषधीय गुण :-
1️⃣ लाजवंती के पौधे में एंटी-वायरल गुण होते हैं जो पेट के इंफेक्शन को कम करने के साथ ही पेट की कई बीमारियों से राहत देते हैं।
2️⃣ लाजवंती में एनाल्जेसिक गुण होता हैं, जो दर्द को कम करने का काम करता हैं।
3️⃣ लाजवंती का पौधा डायरिया की समस्या में भी राहत पहुंचा सकता हैं।
4️⃣ लाजवंती चेहरे पर दाने और मुंहासे से आराम देता हैं, इसकी पत्तियां खून को साफ करने के साथ ही पिंपल को कम करती हैं।
5️⃣ लाजवंती घावों को जल्द से जल्द ठीक करने में सहायक हैं। इसकी जड़ों का 2 ग्राम चूर्ण दिन में तीन बार गुनगुने पानी के साथ लिया जाए तो आन्तरिक घाव में जल्द आराम मिलता हैं।
6️⃣ लाजवंती की जड़ और पत्तों का चूर्ण दूध में मिलाकर दो बार पीने से बवासीर और भगंदर रोग में आराम मिलता हैं।
♦️ लाजवंती के वास्तु लाभ :-
वास्तुशास्त्र में लाजवंती के पौधे को बहुत शुभ माना जाता हैं। इस पौधे को अपने घर के पूर्व दिशा या ईशान कोण में लगाना सबसे ज्यादा शुभ होता हैं। इन दिशा में रखने से यह पौधा सुख-समृद्धि व सौभाग्य को आकर्षित करने में मदद करता हैं। आप इसमें नियमित जल दें, ऐसा करने से आपकी कुंडली से राहु दोष दूर होता हैं। लाजवंती का पौधा शनिदेव जी का प्रिय माना जाता हैं। यह पौधा घर की नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त करता हैं परन्तु ध्यान रखें इस पौधे के आस-पास गंदगी न करें।
♦️ लाजवंती का पौधा कब लगाये :-
घर पर लाजवंती का पौधा लगाने का सबसे अच्छा समय वसंत ऋतु अर्थात फरवरी से अप्रैल माह के बीच का होता हैं, लेकिन यदि आप गर्म जलवायु वाले क्षेत्र में रहते हैं, तो आप अत्यधिक ठंड का मौसम छोड़कर, साल में कभी भी लगा सकते हैं।
✅️ पौधा कैसे तैयार करें :-
लाजवंती के पौधे को बीज से, कटिंग से या एयर-लेयरिंग विधि से आसानी से तैयार किया जा सकता हैं। इसके पौधे बड़ी आसानी से नर्सरी पर मिल जाते हैं।
✅️ पौधे के लिए मिट्टी :-
लाजवंती के पौधे को हल्की, नम और अच्छी जल-निकासी वाली दोमट मिट्टी चाहिए, जिसका pH मान 6 से 7 तक हो। आप घर पर ही बढ़िया उर्वरक वाली मिट्टी तैयार कर सकते हैं, इसके लिए 50% सामान्य मिट्टी, 30% वर्मीकम्पोस्ट और 20% रेत या कोकोपीट का इस्तेमाल करें।
✅️ प्रकाश और तापमान :-
लाजवंती का पौधा आंशिक इनडोर प्लांट हैं। पौधे को दिन की 6-8 घंटे की तेज उजाले वाली रोशनी मिलना जरूरी हैं। अगर कुछ घंटे धूप भी मिल जाता हैं तो कोई परेशानी नहीं हैं, पर अंधेरे या कम उजाले में रखने से पौधा फूल बिल्कुल भी नहीं देगा। लाजवंती के पौधे की अच्छी ग्रोथ के लिए 15 से 30 डिग्री सेल्सियस का तापमान अच्छा माना जाता हैं।
✅️ नियमित पानी दें :-
पौधे को नियमित पानी दें, इसे हल्की नमी पसंद हैं। मिट्टी को कभी भी पूरा सूखने ना दें।
✅️ खाद :-
लाजवंती के पौधे को ज्यादा खाद की आवश्यकता नहीं होती हैं, इसलिए पौधा लगाने के बाद साल में 1 से 2 बार आप इसमें गोबर की खाद या वर्मीकम्पोस्ट दें सकते हैं।
♦️ लाजवंती के पौधे की देखभाल :-
लाजवंती का पौधा ठंड के प्रति अधिक संवेदनशील होता हैं, इसलिए ठंडे मौसम में इसे घर के अंदर ही रखें। सर्दियों में अधिक पानी देने से बचें। तेज गर्मी से भी पौधे की रक्षा करें। पौधे की पत्तियां झुलस सकती हैं और पौधा सूख भी सकता हैं। पौधे की जड़ में महीने में 1-2 बार फंगीसाइड का प्रयोग जरूर करें।

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